
पूरी दुनिया के देशों के मुकाबले भारत में सबसे ज्यादा महिला पायलट हैं। आजकल जहां महिलाओं को उनकी पसंद के करियर के लिए परिवार का ज्यादा सपोर्ट मिल रहा है, वहीं कंपनियां और साथी पायलट भी उन्हें बढ़ावा दे रही हैं। ऐसे में महिला पायलट की यह संख्या हर साल बढ़ती जा रही है।
भारत ने ही विमानन जगत को न केवल पहली कामर्शियल पायलट दी, बल्कि पहली सबसे कम उम्र की जेट कमांडर का खिताब भी भारतीय महिला के पास ही है। खास बात यह है कि भारतीय महिला पायलटों का औसत दुनिया भर की महिला पायलटों से दोगुना है।
इंडियन एयरलाइंस ने 1966 में दुर्भा बनर्जी को विश्व की पहली कमर्शियल पायलट के पद पर तैनात किया था। इसके अलावा, विश्व में पहली बार 1989 में फस्र्ट आल वूमेन क्रू फ्लाइट की कमान कैप्टन सौदामिनी देशमुख को सौंपी गई थी। विमानन जगत में भारतीय महिलाओं के सफलता की कहानी यहीं नहीं रुकती है। दुनिया में सबसे कम उम्र में जेट कमांडर बनने का खिताब भी कैप्टन निवेदिता भसीन के पास है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में विमानों के परिचालन के लिए एयर इंडिया ने 1988 में पहली बार हरप्रीत सिंह को महिला पायलट नियुक्त किया था।
भारत महिला पायलटों की औसत संख्या के मामले में सबसे आगे है। मौजूदा दौर में जहां विश्व में महिला पायलटों का औसत महज पांच फीसदी है। वहीं भारत में महिला पायलटों की संख्या 12 फीसदी से अधिक है।
दुनिया में कुल पायलट्स की संख्या 1 लाख 51 हजार 624 है। इसमें महज 8 हजार 118 पायलट महिलाएं हैं। यानि दुनिया में महिला पायलट्स की संख्या महज 5.4 फीसदी है। इसमें से केवल 2 हजार 225 (1.5 फीसदी) महिला पायलट को कमांडर का पद मिला हुआ है। वहीं भारत की बात करें तो देश में कुल पायलट्स की संख्या 8 हजार 797 है। इसमें 1 हजार 92 पायलट महिला पायलट कमांडर के पद पर तैनात है।
अमेरिका और चीन भी बहुत पीछे
भारत में जहां महिला पायलटों की संख्या कुल पायलटों के अनुपात में करीब 13 फीसदी है। वहीं विश्व में यह औसत करीब पांच से छह फीसदी के बीच है। अमेरिका में कुल पायलटों के अनुपात में महिला पायलटों की संख्या केवल तीन और चीन में एक फीसदी से भी कम है।
मदगार हैं सीनियर महिला पायलट
भारत में इंडियन वूमेन पायलट एसोसिएशन से जुड़़ी महिला पायलट्स का एक वर्ग ऐसा है जो पायलट बनने में इच्छुक युवतियों की मदद कर रहा हैं। बीते कुछ वर्षों में एक दर्जन से अधिक ऐसे मामले आ चुके हैं, जिसमें आर्थिक तंगी के चलते भावी महिला पायलट की ट्रेनिंग बीच में रुक गई और मदद के लिए महिला पायलटों ने आपस में चंदा कर आर्थिक मदद की।