
यदि आप क्रिएटिव हैं और अपनी सृजनात्मकता को करियर का रूप देना चाहते हैं तो फाइन आर्ट्स बेहतरीन विकल्प है। फाइन आर्ट्स की अलग-अलग विधाओं जैसे ड्रॉइंग, पेंटिंग, डिजाइनिंग, स्कल्पटिंग, इंस्टॉलेशन, एनिमेशन, गेमिंग आदि में कौशल दिखाकर आप धन और कामयाबी दोनों अर्जित कर सकते हैं।
फाइन आर्ट्स में उपलब्ध कोर्स
फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा, बैचलर, मास्टर डिग्री और पीएचडी स्तर के कोर्स उपलब्ध हैं। फाइन आट्र्स के कोर्स के दौरान आपको कला की बारीकियों, रचनात्मकता और फाइन आट्र्स के इतिहास से रू-ब-रू कराया जाता है। कोर्स में 20 प्रतिशत हिस्सा थ्योरी और 80 प्रतिशत प्रैक्टिकल का होता है।
पेन्टिंग, मूर्ति कला, कॉमर्शियल आर्ट, ग्राफिक आर्ट, अप्लाइड आर्ट और कार्टून आदि के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए 12वीं के बाद आप एक साल का डिप्लोमा कोर्स-डीएफ.ए (डिप्लोमा इन फाइन आट्र्स) या बीएफ.ए (बेचलर ऑफ फाइन आट्र्स) कर सकते हैं। बैचलर इन फाइन आट्र्स की अवधि चार साल की है। बीए तीन साल में पूरा होता है। मास्टर डिग्री के लिए दो साल का मास्टर्स इन फाइन आर्ट्स का कोर्स करना होता है। अगर आप फाइन आट्र्स में पीएचडी करना चाहते हैं तो मास्टर्स डिग्री जरूरी है।
अगर आप वर्किंग हैं या रेगुलर कोर्स करने में समस्या है तो आप कॉरेसपॉन्डेंस और डिस्टेंस लर्निंग के जरिए भी फाइन आर्ट में बैचलर डिग्री कोर्स कर सकते हैं। बैचलर्स डिग्री के पहले वर्ष में इंटिग्रेटेड कोर्स कराया जाता है। छात्रों के एप्टिट्यूड के आधार पर दूसरे साल में स्पेशलाइजेशन का विषय निर्धारित किया जाता है।
फीस समस्या नहीं
सरकारी संस्थानों में इस कोर्स की फीस बहुत ज्यादा नहीं है लेकिन निजी संस्थानों में कोर्स के लिए ज्यादा फीस लगती है। अगर आपको इसके लिए रुपए पैसे की दिक्कत हो तो कई राष्ट्रीयकृत बैंक आसानी से लोन मुहैया कराते हैं। वहीं फेलोशिप की सुविधा का लाभ भी आप उठा सकते हैं।
फाइन आर्ट्स में संभावनाएं
फाइन आर्ट्स में डिग्री हासिल करने के बाद आप पब्लिशिंग हाउस, मैगजीन्स, विज्ञापन कंपनियों, एजेंसियों, टेलीविजन इंडस्ट्री, एनिमेशन इंडस्ट्री, सॉफ्टवेयर कंपनीज, डिजिटल मीडिया, डिजाइन फम्र्स, शिक्षण संस्थान, फैशन हाउस, टेक्सटाइल इंडस्ट्री और आर्ट स्टूडियो में काम करने का मौका हासिल कर सकते हैं। मल्टीमीडिया, एनिमेशन, मोशन पिक्चर और गेमिंग इंडस्ट्री में भी आपके लिए अच्छे मौके हो सकते हैं। इनमें आप विजुअलाइंिजग प्रोफेशनल, इलस्ट्रेटर, आर्टिस्ट, आर्ट प्रोफेशनल, एनिमेटर, क्रिएटिव डिजाइनर, ग्राफिक डिजाइनर, विजुअल डिजाइनर, डिजिटल डिजाइनर, क्रिएटिव मार्केटिंग प्रोफेशनल, फ्लैश प्रोग्रामर, 2डी-3डी आर्टिस्ट, वेब डेवलपर, क्राफ्ट आर्टिस्ट, कार्टूनिस्ट, आर्ट म्यूजियम टेक्निशियन, आर्ट डायरेक्टर, क्रिएटिव डायरेक्टर, एडवरटाइजिंग एग्जीक्यूटिव, सुपरवाइजर, हैड, प्रोजेक्ट ऑफिसर जैसे पदों पर काम कर सकते हैं।
कला के विशेषज्ञ किसी स्कूल अथवा कॉलेज मे लेक्चरर, आर्ट टीचर बनकर पढ़ा सकते हैं। अपना आर्ट स्कूल खोल सकते हैं। डिजाइन ट्रेनर, आर्ट आर्ट कंजर्वेटर या क्रिटिक बन सकते हैं।
फ्रीलांसिंग वर्क कर सकते हैं। आप अपना आर्ट वर्क म्यूजियम, प्राइवेट आर्ट गैलरी में प्रदर्शित कर सकते हैं। यहां बनाए गए डिजाइन और कलाकृतियां स्टूडियो, नीलामी स्टोर या आर्ट एंड क्राफ्ट शोज में अच्छे दामों पर बिक जाती हैं।
कुछ प्रशिक्षण संस्थान
• सर जेजे इंस्टीट्यूट आफ अप्लाइड आर्ट्स, मुंबई
• विश्व भारती यूनिवर्सिटी, वेस्ट बंगाल
• अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, उत्तर प्रदेश
• जवाहरलाल नेहरू आर्किटेक्चर एंड फाइन आर्ट्स यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
• कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, हरियाणा
• मुम्बई विश्वविद्यालय, मुम्बई
• एम.एस. बड़ौदा विश्वविद्यालय, बड़ौदा
• वनस्थली विद्यापीठ, वनस्थली, राजस्थान।
• महर्षि दयानन्द सरस्वती विष्वविद्यालय, अजमेर।
• राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर।
• मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय, उदयपुर।
आपने यह जो रोचक जानकारी दी है ,
हमें इससे बहुत फायदा मिल रहा हैl
धन्यवाद कुशालजी।