
जवाहर नवोदय स्कूल में विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा, भोजन, यूनीफॉर्म, किताबें आदि प्रदान की जाती हैं। केवल कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों से 600 रुपए प्रति माह विद्यालय विकास निधि ली जाती हैं। इसमें भी लड़कियों, एससी-एसटी केटेगरी के विद्याथी और गरीबी रेखा आने वाले विद्यार्थियों को छूट दी जाती।
नवोदय स्कूल में प्रवेश की योग्यता
• आपको बता दें कि जवाहर नवोदय विद्यलाय की कक्षा 6 में एडमिशन जवाहर नवोदय विद्यालय सिलेक्शन टेस्ट के माध्यम से होता है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है। जो छात्र इस टेस्ट को पास कर लेते हैं वे छठीं कक्षा में एडमिशन प्राप्त कर सकते हैं।
• इसके लिए विद्यालय जिस जिले में हैं, उसमें रहने वाले 9 से 13 वर्ष तक के बच्चे ही प्रवेश परीक्षा में बैठने योग्य हैं।
• जवाहर नवोदय विद्यालय कक्षा 9वीं में एडमिशन ऑल इंडिया लेवल एडमिशन टेस्ट के आधार पर होता है।
• कक्षा 11 में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स के दसवीं बोर्ड एग्जाम के माक्र्स देखे जाते है और सीटों की संख्या के आधार पर एडमिशन हो पाता है।
• किसी भी स्थिति में कोई भी प्रत्याशी चयन परीक्षा में दूसरी बार बैठने का पात्र नहीं होगा।
नवोदय स्कूल में आरक्षण
•75 फीसदी सीटें ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए आरक्षित होती हैं। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे उनको माना जाता है जिन्होंने कक्षा 3, 4, 5 लगातार ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय से उत्तीर्ण की हो। शेष स्थान जिले के शहरी क्षेत्रों के प्रत्याशियों से भरे जाएंगे।
• ऐसा प्रत्याशी जिसने एक दिन भी शहरी क्षेत्र में स्थित किसी भी कक्षा-3, 4 या 5 में अध्ययन किया हो, शहरी प्रत्याशी माना जाएगा। शहरी क्षेत्र वे हैं जो वर्ष 2011 की जनगणना में या उसके बाद सरकारी अधिसूचना द्वारा शहरी क्षेत्र घोषित किए गए हैं। अन्य सभी क्षेत्रों को ग्रामीण क्षेत्र माना जाएगा।
• एक तिहाई सीटें बालिकाओं के लिए आरक्षित हैं।
• ग्रामीण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, बालिकाओं, विकलांग बच्चों के लिए आरक्षण में भी जिले में कम से कम 75 प्रतिशत स्थान ग्रामीण क्षेत्रों से चुने हुए प्रत्याशियों से भरे जाएंगे।
• अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशियों के लिए जिले में उनकी जनसंख्या के अनुपात में सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है, किन्तु ये सीटें राष्ट्रीय औसत से कम नहीं होनी चाहिए।
• विकलांग, अस्थि विकलांग, बधिर और दृष्टिहीन बच्चों के लिए 3 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखने का प्रावधान है।
अनुसूचित जाति के लिए 15 फीसदी और अनुसूचित जनजाति के लिए 7.5 फीसदी सीट आरक्षित रहती है। ओबीसी वर्ग के बच्चों 27 फीसदी आरक्षण है। ओबीसी आरक्षण भी अन्य आरक्षण की तरह सिर्फ पहली बार होने वाले प्रवेश पर लागू होता हैा।
ऐसे करें नवोदय स्कूल में आवेदन
आवेदन फार्म सम्बन्धित नवोदय विद्यालय, डीइओ, बीइओ कार्यालय, तहसील स्तर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय या उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से कहीं भी नि:शुल्क मिल सकते हैं। प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में विज्ञप्ति निकलने के बाद सामान्यत: अक्टूबर में फार्म जमा किए जाते हैं। कक्षा छह में चयन प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों की मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। कक्षा 9 व 11 के लिए भी सम्बन्धित नवोदय विद्यालय से सम्पर्क कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए नवोदय विद्यालय की वेबसाइट https://navodaya.gov.in/पर देंखें।
नवोदय स्कूल एक्जाम पैटर्न
जवाहर नवोदय विद्यालयों में प्रवेश केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित चयन परीक्षा के आधार पर दिया जाता है। इस परीक्षा को जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा चयन परीक्षा कहा जाता है। यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ एवं लिखित रूप में होती है तथा इसे यह सुनिश्चित करते हुए तैयार किया जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चे, किसी असुविधा के बिना इसमें प्रतिस्पर्धा कर सकें।
कक्षा 6 में एडमिशन के लिए आयोजित परीक्षा में मेन्टल एबिलिटी, अर्थमेटिक एवं लैंग्वेज से जुड़े सवाल होते हैं। इसमें कुल 100 अंक के 80 प्रश्न पूछे जाते हैं। उनको 2 घंटे में हल करना होता है।
चयन परीक्षा के प्रश्न-पत्र कक्षा-6
विषय निर्धारित समय अंक
मानसिक योग्यता 60 मिनट 50 फीसदी
अंकगणित 30 मिनट 25 फीसदी
भाषा 30 मिनट 25 फीसदी
परीक्षा चयन परीक्षा का माध्यम अधिसूचित की गई 20 भाषाओं हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी, नेपाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, तमिल, तेलगू, कन्नड़, उडिय़ा,बंगाली, असमी,बोडो, गारो, खासी, मिजो, मणिपुरी-मीती मेयेक, मणिपुरी-बांग्ला लिपि में से कोई एक भाषा होगी।
कक्षा 9 में एडमिशन के लिए इंग्लिश, हिन्दी, मैथ्स एंड साइंस से जुड़े सवाल होते हैं। इसमें कुल 100 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं। उनको 2 घंटे 30 मिनट में हल करना होता है।
11वीं कक्षा में एडमिशन दसवीं के माक्र्स और सीटों के आधार पर दिया जाता है।
1986 में हुई थी शुरुआत
भारत सरकार की ओर से जवाहर नवोदय विद्यालय की शुरूआत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के अनुसार की गई थी। भारत सरकार द्वारा और नवोदय विद्यालय समिति के माध्यम से देश के 28 राज्यों और 8 केन्द्र शासित प्रदेशों में कुल 661 जवाहर नवोदय विद्यालय संचालित हैं। इनका उद्देश्य विशेष रुप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावन बच्चों को श्रेष्ठ गुणवत्ता युक्त आधुनिक शिक्षा के साथ सशक्त सांस्कृतिक घटक एवं मूल्यपरक शिक्षा, पर्यावरण के प्रति चेतना, साहसिक क्रियाओं एवं शारीरिक शिक्षा प्रदान करना, विद्यार्थियों की उचित स्तरीय त्रिभाषा दक्षता प्राप्ति सुनिश्चित करना, हिंदी से अहिंही भाषी तथा अहिंदी से हिंदी भाषी राज्यों में विद्यार्थियों के प्रवजन के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना, अनुभवों और सुविधाओं की सहभागिता के द्वारा विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रत्येक जनपद में केन्द्र बिंदु के रुप में सेवाएं देना है।