
संघ लोक सेवा आयोग यानि यूपीएससी की ओर से आयोजित सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय विदेश सेवा और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं में भर्ती के लिए आयोजित की जाती है। हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं।
यूपीएससी की ओर से जारी कैलेंडर कैलेंडर के मुताबिक सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स एग्जाम का नोटिफिकेशन 22 जनवरी 2025 को जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 11 फरवरी 2025 तक चलेगी, जबकि प्रीलिम्स एग्जाम 25 मई 2025 को आयोजित किया जाएगा। सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स के बाद मेंस या मुख्य परीक्षा का आयोजन होता है। प्रीलिम्स पास करने वाले अभ्यर्थी ही मेंस एग्जाम देने के पात्र होते हैं। तीसरा चरण इंटरव्यू का होता है। मेंस क्लियर करने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में बुलाया जाता है। तीनों चरण में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों की रैंकिंग के आधार पर विभिन्न सेवाओं में नियुक्ति दी जाती है।
टॉप रैंक पाने वाले ही बनते हैं ईएएस
यूपीएससी द्वारा सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन में टॉप रैंक पाने वाले ही आईएएस ऑफिसर चुने जाते हैं। आईएएस भारतीय नौकरशाही में टॉप पर होता है। इससे ऊपर केवल केवल मंत्री होते हैं। आईएएस के जिम्मे देश चलाने की जिम्मेदारी होती है यानि सरकार की नीतियों को लागू करना और उनका पालन करवाना आईएएस का ही काम होता है। आईएएस शुरू में जिला कलेक्टर बनते हैं। इसके बाद इनको डिविजनल कमिश्नर, जॉइंट सेक्रेटरी, अंडर सक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी, सेक्रेटरी आदि पद मिलते हैं। इनको सरकार के विभिन्न विभागों, कंपनियों, बोर्ड आदि का प्रमुख बनाया जाता है। पद बढऩे पर आईएएस ऑफिसर कैबिनेट सेक्रेटरी तक बनता है। कैबिनेट सचिव देश में नौकरशाही का सर्वोच्च पद होता है जो संसद के प्रति जवाबदेह होता है।
अन्य सेवाएं भी कम महत्वपूर्ण नहीं
सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स एग्जाम से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अलावा भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय वन सेवा और ग्रुप ए व बी की केंद्रीय सेवाओं में खाली पदों पर भी चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति किया जाता है।
शैक्षिक योग्यता
ग्रैजुएट या ग्रैजुएशन के तीसरे वर्ष के छात्र भी प्री एग्जाम के लिए आवेदन कर सकते हैं। अगर ग्रैजुएशन के तीसरे वर्ष में हैं तो ऐसे अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन करते समय प्री एग्जाम पास करने का प्रूफ देना होगा। जो अभ्यर्थी एमबीबीएस या कोई अन्य मेडिकल एग्जाम पास कर चुके हों लेकिन सिविल सर्विसेज मेन एग्जाम के लिए आवेदन करते समय इंटर्नशिप पूरी नहीं की है, फिर वे आवेदन कर सकते हैं। लेकिन उनको संबंधित यूनिवर्सिटी या संस्थान की ओर से जारी किए गए सर्टिफिकेट की एक कॉपी आवेदन के साथ लगानी होगी। सर्टिफिकेट में यह उल्लेख होना जरूरी है कि अभ्यर्थी ने संबंधित प्रोफेशनल मेडिकल एग्जाम के फाइनल को पास कर लिया है।
आयु सीमा
जिस साल आवेदन कर रहे हैं, उस साल की 1 अगस्त तक आवेदक की आयु कम से कम 21 साल हो और 32 साल पूरी न हुई हो। आयु सीमा में एससी और एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को 5 साल व ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को 3 साल की छूट मिलती है। रक्षा सेवा के कार्मिक, विदेश के हिंसा प्रभावित क्षेत्र या फिर देश के अंदर अशांत क्षेत्र में किसी अभियान के दौरान दिव्यांग होने के बाद सेवामुक्त अभ्यर्थियों के लिए भी आयु सीमा में 3 साल की छूट मिलती है। कमीशंड अफसर और ईसीओ एसएससीओ समेत पूर्व सैनिक जिन्होंने 1 अगस्त तक कम से कम पांच सालों तक सैन्य सेवा दी हो और सेवामुक्त कर दिए गए हों, ऐसे दिव्यांगों को आयु सीमा में 10 साल की छूट मिलती है।
एग्जाम फीस
सामान्य वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 100 रुपये शुल्क जमा करना होता है। आरक्षित वर्ग और महिलाओं को फीस से छूट प्राप्त होती है। वैसे आवेदन, योग्यता और परीक्षा से संबंधित अतिरिक्त जानकारी नोटिफिकेशन में दी जाएगी।
यह एग्जाम देना चाहते हैं तो …
जल्दी शुरू कर दें तैयारी
अगर कोई इस परीक्षा में शामिल होना चाहता है तो उसे दसवीं के बाद सिविल सर्विस एग्जाम की पढ़ाई पर फोकस कर देना चाहिए। अपने समय को मैनेज करें और अपना एक रुटीन बनाकर तैयारी करें। रोज अखबार और सम सामयिक पत्रिकाएं जरूर पढ़ें। इससे आप करंट अफेयर्स को लेकर जागरुक रहेंगे। साथ ही किसी विषय की तैयारी करने में आपको ज्यादा रिसर्च की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एग्जाम पैटर्न ओर सिलेबस को समझें
सिविल सर्विसेज प्रीलिम्स यानी प्रारम्भिक परीक्षा ऑब्जेक्टिव टाइप होती है। यह ऑफ लाइन एग्जाम होता होता है। इसमें 2-2 घंटे के दो पैपर होते हैं। दोनों पैपर दो-दो सौ नम्बर के होते हैं। नेगेटिव मार्किंग होती है। पहला पैपर जनरल स्टडी का होता है। इसमें 100 सवाल होते हैं। दूसरा पैपर सीसेट एप्टीट्यूट टेस्ट होता है। इसमें 80 सवाल होते हैं। मैरिट पहले पैपर के आधार पर बनती है। दूसरा पैपर क्वॉलिफाइंग होता है।
सिविल सर्विसेज मेंस एग्जाम
सिविल सर्विसेज मेंस भी ऑफ लाइन एग्जाम होता है। सवाल सब्जेक्टिव प्रकृति के होते हैं। अभ्यर्थियों को उनके विचार की स्पष्टता, समस्या व हालात की समझ, कॉन्टेंट के फ्लो, प्रजेंटेशन और भाषा के आधार पर ग्रेडिंग दी जाती है। हर पेपर 3 घंटे का होता है। एग्जाम में कुल 9 पेपर होते हैं। लैंग्वेज के 300-300 के दो पेपर क्वॉलिफाइंग होते हैं। मेरिट पेपर कुल 7 होते हैं। प्रत्येक पेपर के 250 अंक निर्धारित होते हैं। इनके कुल नंबर 1750 होते हैं। पर्सनल इंटरव्यू 275 अंक का होता है। इस प्रकार मेरिट कैलकुलेशन के लिए ग्रांड टोटल 2025 होता है। सिविल सर्विसेज मेंस एग्जाम दो भागों में बांटा जा सकता है।
क्वॉलिफाइंग एग्जाम -क्वॉलिफाइंग एग्जाम वह होता है, जिसका नंबर आपकी मेरिट लिस्ट तैयार करने में नहीं जोड़ा जाता है लेकिन उनमें पास होना अनिवार्य होता है। पहले पेपर में आपको संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल भाषाओं में से हिंदी सहित कोई भी एक भारतीय भाषा लेनी होती है। दूसरा पेपर इंग्लिश का होता है।
मेरिट एग्जाम-मेरिट पेपर कुल 7 होते हैं। इनमें पेपर 1 निबंध लेखन, पेपर 2 जनरल स्टडी, पेपर 3 जनरल स्टडी, पेपर 4 जनरल स्टडी, पेपर 5 जनरल स्टडी तथा पेपर 6 व 7 ऑप्शनल सब्जेक्ट पेपर होता है।
ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव
ऑप्शनल सब्जेक्ट वही चुनें जिसमें पढ़ाई करना आपके लिए आसान हो। आप दसवीं के बाद उसी विषय को चुनें जिसमें आपकी रुचि हो और जिसे आप सिविल सर्विस के दौरान चुन सकें। पसंद का विषय होने से आपको तैयारी में आसानी होगी।
सिविल सर्विसेज एग्जाम तैयारी के टिप्स
टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें
परीक्षा के दौरान समय कम होता है और सवाल ज्यादा। इससे निपटने के लिए आपको शुरू से ही समय प्रबंधन की कला सीखनी होगी। इसके लिए आप बार-बार मॉक टेस्ट की मदद ले सकते हैं। मॉक टेस्ट से आपको कम समय में संतुलित आंसर लिखने की कला पर दक्षता हासिल करने में मदद मिलती है।
नोट्स बनाने पर फोकस करें
अलग-अलग विश्वसनीय स्रोतों से लिखित नोट्स बनाएं। इससे न सिर्फ आपको अच्छी क्वॉलिटी के उत्तर लिखने में मदद मिलेगी बल्कि विषयों को लेकर आपकी जानकारी व समझ भी बढ़ेगी। इंटरनेट पर संबंधित वेबसाइटों को देखते रहें। इनकी मदद से भी नोट्स बनाएं। लिखित नोट्स बनाने का एक फायदा यह होता है कि नोट्स बनाते समय ही बहुत सी चीजें आपको याद भी हो जाती हैं।
जनरल स्टडी की तैयारी
इसके लिए कक्षा 06 से 10 तक की एनसीईआरटी की किताबों की मदद से अपनी बुनियादी जानकारी को मजबूत करें। पढाई में क्वान्टिटी की जगह क्वॉलिटी को प्राथमिकता दें। जब तक पिछला टॉपिक अच्छी तरह से क्लियर नहीं हो जाए अगले टॉपिक को न पकड़ें। लिखित प्रैक्टिस पर ज्यादा समय दें। जितनी ज्यादा आप प्रैक्टिस करेंगे, उतना बेहतर रिजल्ट आएगा। रोजाना, हफ्ते और महीने में जो भी पढ़ा, रिवाइज जरूर करें। इससे आपको उन चीजों को अच्छी तरह याद रखने में मदद मिलेगी। ऑनलाइन या ऑफलाइन टेस्ट सीरीज में जरूर हिस्सा लें। इससे आपको तैयारी का स्तर पता चलेगा और कमियां सामने आएंगी जिसे दूर करके सफलता का रास्ता खुलेगा।
निबंध की तैयारी के लिए यह करें
निबंध की तैयारी के लिए चैट-जीपीटी और जैमिनी एआई टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके जरिए आपको 1000-1200 शब्द के निबंध के लिए टॉपिक आसानी से मिल जाएंगे। एआई आपको एक फ्रेमवर्क प्रोवाइड कर देगा। इसके अलावा स्टैंडर्ड लेखकों की किताबें पढ़ें। राष्ट्रीय अखबारों के संपादकीय पढ़ें और दुनिया भर में हो रही घटनाओं से अवगत रहें। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनलों पर डिबेट्स देखें। निबंध लिखते समय ध्यान रखें कि किसी भी मामले में ज्यादा प्रशंसा या फिर आलोचना का रवैया ना अपनाएं। भाषा भड़कीली नहीं हो। किसी भी विषय पर निजी होने और कोट्स बदलने से बचें।
ऑप्शनल की तैयारी
ऐच्छिक विषय की तैयारी प्रीलिम्स के समय से ही शुरू कर देनी चाहिए। कई छात्र प्रीलिम्स के खत्म होने का इंतजार करते हैं और उसके बाद सिविल सर्विसेज मेंस के ऐच्छिक विषय की तैयारी करते हैं। इस तरह वे अपना कीमती साल बर्बाद कर देते हैं। जीएस पेपर्स में आप जो मार्क गंवाएंगे उसकी भरपाई ऐच्छिक विषय से ही हो सकती है। इसलिए शुरुआत से ही ऐच्छिक विषय को गंभीरता से लेना चाहिए। जो कुछ भी ऐच्छिक विषय चुनें, उस पर मजबूत पकड़ बनाएं।
आंसर राइटिंग में क्वॉलिटी का रखें ध्यान
आपने तैयारी पर कितनी मेहनत की, यह मायने नहीं रखता है बल्कि आपने कॉपी में क्या लिखा है, वही आपका भविष्य तय करेगा। इसलिए किसी भी सवाल का जवाब लिखते समय आपका ध्यान गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर होना चाहिए। आपको यह पता होना चाहिए कि किसी खास सवाल के जवाब में असल में क्या लिखना है। कभी टॉपिक से परे न जाएं। मुख्य बिंदुओं पर ही ध्यान केंद्रित करें और उनको अच्छे तरीके से समझाएं। जहां कहीं भी आपको जरूरत महसूस हो, वहां उदाहरण का इस्तेमाल करें व अहम शब्दों, वाक्यों को हाइलाइट करें।
कोचिंग कितनी जरूरी
इसके लिए पढ़ाई के साथ कोचिंग ली जा सकती है। कोचिंग में अनुभवी टीचर्स होते हैं जो आपका बेस्ट बाहर निकालते हैं। कोचिंग के मोक टेस्ट भी सफलता की राह तैयार करते हैं। इस सबके बावजूद खुद की पढ़ाई बहुत मायने रखती है। अगर आप सेल्फ डिसिप्लीन के साथ एकाग्र होकर पढ़ सकते हैं, तो भी एग्जाम क्रेक करना मुश्किल नहीं है।
-राजेश जैन