
11वीं में कुछ ही समय बिताने के बाद पता चलने लगता है कि सब्जेक्ट्स का चयन सही रहा या नहीं और यह भी कि इससे जुड़ा करियर कैसा रहेगा। अगर चुनाव सही हुआ है तो नंबर भी अच्छे आएंगे और मन भी लगेगा। अगर चुनाव गलत रहा तो किताब देखने के बाद यही लगेगा कि आखिर यह विषय चुना ही क्यों! खैर, जब मन परेशान हो जाए तो ऐसा बिलकुल न सोचें कि ऑप्शन खत्म हो गए। गलती जब पता चल जाए, तभी सही कर लें। आप 12वीं के बाद भी सब्जेक्ट बदल सकते हैं।
खुद को जांचें
मान लें कि आपने 12वीं के लिए साइंस ली, लेकिन अब पढ़ाई में मुश्किल आ रही है। अब आपका मन कह रहा है कि जर्नलिजम या लॉ पढ़ लेते तो अच्छा रहता। बेहतर होगा कि एक बार किसी अच्छे पत्रकार या वकील और पत्रकारिता या लॉ की पढ़ाई कर रहे किसी सीनियर से मिल लें। उनसे चैलेंजेज के बारे में पूछें। साथ ही यह भी देखें कि इन फील्ड्स में अच्छा करने के लिए क्या खासियत होनी चाहिए। पत्रकार या वकील को एक-एक बात का काफी गहराई से अध्ययन करना होता है। अगर आप इनमें से कुछ बनना चाहते हैं तो देखें कि क्या आप में लगातार पढ़ने का धैर्य है? दरअसल, बाहर से देखने पर सब अच्छा लगता है, लेकिन जब काम में मन नहीं लगेगा तो सफल हो पाना मुश्किल होगा।
यह हैं विकल्प
साइंस से 12 वीं करने के बाद आप चाहे तो स्नातक (graduation) में अपना स्ट्रीम बदल सकते हैं। जैसे आपने इंटर साइंस स्ट्रीम से की है लेकिन आप चाहते है कि ग्रेजुएशन आप आर्ट्स या कॉमर्स से करें। तो ऐसा आप आसानी से कर सकते है। साइंस के अलावा किसी और स्ट्रीम में ये सुविधा उपलब्ध नहीं है।
इंटर में कॉमर्स लेकर पढ़ने वाले विद्यार्थी ग्रेजुएशन में अपना स्ट्रीम कॉमर्स से आर्ट्स में बदल सकते हैं। लेकिन वो साइंस स्ट्रीम नहीं ले सकते हैं। इंटर में आर्ट्स लेकर पढ़ने वाले विद्यार्थी ग्रेजुएशन में अपना स्ट्रीम नहीं बदल सकते हैं।