
हमारे देश में 10वीं के बाद जहां ज्यादतर छात्र अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करते हैं, वहीं कुछ ऐसे छात्र भी होते हैं, जो आर्थिक और व्यक्तिगत कारणों से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते। उनके पैरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे ऐसा कोर्स करें जिसे करने के बाद जॉब सर्च करने में आसानी हो। ऐसे छात्रों को ध्यान में रखकर कई ऐसे शार्ट ओरिएंटेड डिप्लोमा कोर्स को डिजाइन किया गया है। यहां हम बता रहे हैं ऐसे डिप्लोमा कोर्सेस के बारे में जिन्हें दसवीं के बाद ही किया जा सकता है। डिप्लोमा कोर्सेज अपने संबंधित क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करते हैं ताकि छात्र के लिए नौकरी पाना आसान हो जाए यानी ये कोर्स करके जल्दी ही अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं। डिप्लोमा कोर्सेज का बेनिफिट ये होता है कि छात्र एक स्पेसिफिक स्ट्रीम से संबंधित पूरी नॉलिज और स्किल प्राप्त कर सकते हैं जिसकी इंडस्ट्री में हर समय डिमांड रहती है। डिप्लोमा कोर्सेज प्रैक्टिकल बेस्ड और शॉर्ट टर्म के लिए होते हैं. ये स्टूडेंट्स को कोर्स पूरा होने के बाद कम समय में इंटर्नशिप और जॉब सर्च करने में मदद करते हैं।
इन कोर्स की एक खास बात यह भी है कि इनमें जहां आसान एडमिशन प्रोसेस और कम फीस होती है, वहीं छात्र कम समय में इसे पूरा कर जॉब पा सकते हैं या दसवीं कक्षा के बाद डिप्लोमा छात्रों के लिए 12वीं कक्षा को पूरा किए बिना ही कॉलेजों में एनरोलमेंट के कई मौके देता है।
आईटीआई (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग- ITI) कोर्स
10वीं के बाद आप अगर तुरंत जॉब पाना चाहते है तो ITI -Industrial Training Institutes कोर्स कर सकते हैं। इसमें बहुत बड़े जॉब तो नहीं मिलते हैं, लेकिन अगर आप खुद का कोई काम करना चाहे तो इस कोर्स को आसानी से करके अच्छी कमाई भी की जा सकती है।
विदेश में जॉब पाने के लिए भी ITI कोर्स करना बहुत बेहतर रहेगा। आईटीआई कोर्स की अवधि 1 साल से 3 साल तक होती हैं। 3 साल का सिर्फ एक ही कोर्स है, बाकी कोर्स 1 साल से 2 साल का ही है।
ये कुछ प्रमुख ITI कोर्स है, जिसे आप 10वीं के बाद कर सकते है जैसे
कोर्स अवधि
पंप ऑपरेटर 1 साल
फिटर इंजीनियरिंग 2 साल
टूल एंड डाई मेकर इंजीनियरिंग 3 साल
मैन्युफैक्चर फूट वियर 1 साल
रेफ्रिजरेशन इंजीनियरिंग 1 साल
फ्रूट एंड वेजिटेबल प्रोसेसिंग 1 साल
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग 1 साल
अन्य कोर्स
वेल्डर, कारपेंटर, मैकेनिक, स्टेनो, कम्प्यूटर आदि।
पॉलीटेक्निक कोर्स (Polytechnic) डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग
अगर आप इंजीनियर बनने का ख्वाब देखते हैं, लेकिन 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई नहीं कर सकते, तब भी आप अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। आज कई सारे संस्थान और पॉलीटेक्निक कॉलेज हैं जो दसवीं के बाद इंजीनियरिंग डिप्लोमा करवाते हैं। इनको करने के बाद आपको इंजीनियरिंग के लगभग सभी फील्ड से जुड़े मिडिल लेवल के जॉब आसानी से मिल सकते हैं।
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या डिप्लोमा इन टेक्निकल एजुकेशन प्रैक्टिकल और स्किल्स ओरिएंटेड ट्रेंनिंग पर फोकस्ड एक प्रोग्राम है. इन कोर्स की अवधि कम से कम 3 साल है.कैंडिडेट्स एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से या डायरेक्ट एडमिशन के जरिए डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग में एडमिशन ले सकते हैं. प्रवेश परीक्षा कॉलेज पर डिपेंड करती है. इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद कई करियर ऑप्शन हैं जैसे प्राइवेट सेक्टर में नौकरी मिल सकती है. गवर्नमेंट सेक्टर में जॉब्स के ढेरों मौके मिलते हैं. छात्र हायर स्टडीज भी चुन सकते हैं या फिर सेल्फ एम्प्लॉयड और खुद का बिजनेस शुरू कर सकते हैं।
ये कुछ प्रमुख पॉलीटेक्निक कोर्स है, जिसे आप 10वीं के बाद कर सकते है-
डिप्लोमा इन सिविल इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन कंप्यूटर इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन केमिकल इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन इंस्ट्रूमेंटेशन टेक्नोलॉजी
डिप्लोमा इन एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन मैकेनिकल इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग
डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
पॉलीटेक्निक कोर्स करने के बाद अगर आप और आगे पढ़ना चाहते है तो आप B.Tech कर सकते हैं। पॉलीटेक्निक कोर्स करने के बाद आपको Latetal entry के जरिए सीधे (direct) बीटेक के सेकंड ईयर (2nd year) में एडमिशन मिलेगा। पर ये सुविधा IITs में नहीं है। IITs से बीटेक करने के लिए पॉलीटेक्निक कोर्स करने के बाद आपको जेईई मेन (JEE Main) और JEE Advanced अच्छे रैंक के साथ पास करना होगा। IITs में लेटरल एंट्री की सुविधा नहीं होती है। पॉलीटेक्निक कोर्स करने के बावजूद भी आपको बीटेक के फर्स्ट ईयर में ही एडमिशन मिलेगा।
पैरामेडिकल (Paramedical) कोर्स
पैरामेडिकल कोर्स, उन मेडिकल कोर्स में से एक है जिसे आप बिना नीट (NEET) क्वालीफाई किए कर सकते हैं। आपका सपना अगर हेल्थ केयर सेक्टर में जाना है, तो 10वीं के बाद हेल्थ केयर सेक्टर में जाने का ये बहुत ही आसान रास्ता है।
इसमें ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी, रेडियोग्राफी, एक्स-रे टेक्नोलॉजी और ईसीजी टेक्नोलॉजी, डायलिसिस टेक्नोलॉजी, मेडिकल इमेजिंग और मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी जैसे विषयों में डिप्लोमा कोर्स किए जा सकते हैं। पैरा मेडिकल में डिप्लोमा करने के बाद लैब टेक्नीशियन या असिस्टेंट के तौर पर नौकरी मिल जाती है।
10वीं के बाद 2 तरह के पैरामेडिकल कोर्स होते हैं –
सर्टिफिकेट कोर्स
सर्टिफिकेट कोर्स बहुत ही कम अवधि का होता है. इसकी अवधि 3 महीने से 1 साल तक की होती है।
डिप्लोमा कोर्स
डिप्लोमा कोर्स की अवधि 1साल से 2 साल तक होती है.
ये कुछ प्रमुख पैरामेडिकल कोर्स है, जिसे आप 10वीं के बाद कर सकते है :
कोर्स अवधि
सर्टिफिकेट इन मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी 6-12 महीने
डिप्लोमा इन एक्सरे टेक्नोलॉजी 2 साल
MRI टेक्नीशियन (सर्टिफिकेट) 3-12 महीने
डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्नीक्स 2 साल
डिप्लोमा इन ECG टेक्नोलॉजी 2 साल
डिप्लोमा इन मेडिकल रिकॉर्ड टेक्नोलॉजी 2 साल
डिप्लोमा इन रूरल हेल्थ केयर 1 साल
डिप्लोमा इन नर्सिंग केयर असिस्टेंट 1-2 साल
कंप्यूटर हार्डवेयर एवं नेटवर्किंग
कम्प्यूटर के युग में यह एक बेहतरीन ऑप्शन हो सकता है। इस फील्ड में आप कम्प्यूटर रिपेयर और नेटवर्किंग से संंबंधित जानकारी प्राप्त करते हैं जो एक अच्छी जॉब दिलाने में हेल्पफुल हो सकती है। टेक्नोलॉजी के इस दौर में हर इंसान अब मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे टेक्नोलॉजी का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहा है। जिसके कारण हार्डवेयर एक्सपर्ट्स की डिमांड भी मार्केट में बढ़ने लगी है। इसलिए आप जहां कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग का डिप्लोमा करके अच्छी जॉब पा सकते हैं, वहीं अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।
होटल मैनेजमेंट
अगर आप 10वीं के बाद होटल मैनेजमेंट क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो यह भी कर सकते हैं। इन दिनों होटल और हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में काफी स्कोप है। ऐसे में यदि आपको हॉस्पिटेलिटी में करियर बनाना है तो आप दसवीं के बाद होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा कर सकते हैं। यह कोर्स डेढ़ साल का होता है, जिसके बाद आप किसी भी अच्छे होटल में जॉब कर सकते हैं। अगर आपको एक से अधिक भाषाओं की जानकारी है तो आप इस क्षेत्र काफी अच्छा करियर बना सकते हैं।
डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी
स्टेनोग्राफी भी ऐसा क्षेत्र है जहां पर अच्छा करियर बनाया जा सकता है। आज के समय में बहुत से ऐसे संस्थान है जो स्टेनोग्राफी में डिप्लोमा करवाते हैं।
आप दसवीं के बाद स्टेनोग्राफी एवं टाइपिंग में भी डिप्लोमा कर सकते हैं। कुछ प्रदेशों में 11th और 12th में भी स्टेनोग्राफी एक विषय के रूप में चुन सकते हैं। कोर्ट और अन्य कई सरकारी दफ्तरों में इस तरह की वैकेंसियां निकलती रहती हैं जिनके लिए स्टेनो अनिवार्य होता है।
इस कोर्स को करने के बाद आप बैंक, शिक्षा, कोर्ट के साथ साथ कई अन्य क्षेत्रों में आसानी से नौकरी कर सकते हैं। हर सरकारी विभाग या निजी कंपनियों में ऐसी नौकरियां निकलती रहती हैं जिनके लिए स्टेनोग्राफर की भर्ती की ज़रूरत होती है। ऐसे में ये स्कोप काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
अदालत और कई सरकारी कार्यालयों में स्टेनो की वैकेंसी निकलती रहती है. इस कोर्स में स्टेनोग्राफी के साथ ही कम्प्यूटर और टाइपिंग से संबंधित कोर्स भी शामिल हैं। इस कोर्स की अवधि एक साल की होती है. जहां तक करियर ऑप्शन की बात है तो इन छात्रों के पास सरकारी क्षेत्र और निजी क्षेत्र में स्टेनोग्राफर के रूप में नौकरी पाने की काफी गुंजाइश होती है। इसमें शुरुआती वेतन 30 हजार रुपये तक मिलता है।
डिप्लोमा इन आर्किटेक्चर
यह भी एक रचनात्मक फील्ड है। इस कोर्स में आपको बिल्डिंग के निर्माण, डिज़ाइन, उसकी संरचना के बारे में जानकारी दे जाती है। अगर आप क्रिएटिव हैं और फिजिक्स व गणित का ज्ञान रखते हैं तो इस डिप्लोमा कोर्स को करने के बाद करियर की नई उड़ान भर सकते हैं।
डिप्लोमा इन बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन
अगर आपको कॉमर्स विषय में रूचि है और आप बिज़नेस की लाइन में जाना चाहते हैं तो 10वीं के बाद बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में डिप्लोमा कर सकते हैं। इसमें आपको बिज़नेस को चलाने के दांव पेंच सिखाए जाएंगे, यह कोर्स करने के बाद जहां आप किसी कंपनी में आसानी से नौकरी पा सकते हैं तो वही खुद का बिज़नेस भी शुरू कर सकते हैं।
डिप्लोमा इन आर्ट टीचर
टीचर बनने का ख्वाब हर कोई देखता है, आप भी 10वीं के बाद टीचर बन सकते हैं। इसके लिए आपको डिप्लोमा इन आर्ट टीचिंग का कोर्स करना होगा।
आर्ट टीचर डिप्लोमा या डिप्लोमा इन आर्ट टीचिंग एक कोर्स प्रोग्राम है जो पढ़ाने के तरीके के लिए जबरदस्त ट्रेनिंग देता है. आर्ट टीचिंग में डिप्लोमा वे छात्र कर सकते हैं जिनकी आयु 17+ से अधिक है. ये उन छात्रों के लिए बेस्ट है जो आर्ट टीचिंग को प्रोफेशन के रूप में लेना चाहते हैं. डिप्लोमा इन आर्ट टीचिंग विस्तृत स्केचिंग और पेंटिंग का 6 महीने का प्रोग्राम है. इस कोर्स को पूरा करने के बाद आर्ट टीचिंग में डिप्लोमा होल्डर आर्ट टीचर बनने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं.
डिप्लोमा इन फाइन आर्ट्स
फाइन आर्ट्स में डिप्लोमा, आर्ट्स और उससे संबंधित क्षेत्रों में एक सर्टिफिकेट लेवल का कोर्स है. इंस्टीट्यूट्स 10वीं पास उम्मीदवारों को 10वीं की बोर्ड परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर ये कोर्स ऑफर करते हैं. डिप्लोमा इन फाइन आर्ट्स कला की फील्ड में एक एंट्री लेवल का कोर्स है. क्रिएटिविटी और डिजाइनिंग में इंटरेस्ट रखने वाले छात्र इस कोर्स को कर सकते हैं. इस कोर्स की अवधि 1 वर्ष की होती है. इस डिप्लोमा के बाद करियर के कई ऑप्शन हैं जैसे ग्राफिक डिजाइनर, आर्ट टीचर, फ्लैश एनिमेटर, आर्ट लायसन ऑफिसर
फैशन डिजाइन में डिप्लोमा
फैशन डिजाइन में डिप्लोमा फैशन डिजाइनिंग की फील्ड में एक फास्ट ट्रैक डिप्लोमा कोर्स है. इस कोर्स का मुख्य उद्देश्य छात्रों को फैशन डिजाइन में क्रिएटिविटी और इनोवेशन खोजने के लिए प्रेरित करना है. इस डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन के लिए हर कॉलेज का क्राइटेरिया अलग होता है. इस कोर्स के बाद फैशन डिजाइनर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर, टेक्सटाइल डिजाइनर और स्टाइलिस्ट के तौर पर करियर संवारा जा सकता है.
इनके आलावा ये कुछ प्रमुख शॉर्ट टर्म कोर्स है, जिसे आप 10वीं के बाद कर सकते है :
सर्टिफिकेट इन पोल्ट्री फार्मिंग
ग्राफिक डिजाइनिंग
इवेंट मैनेजमेंट
SEO एनालिस्ट
डिजिटल मार्केटिंग
साइबर सिक्योरिटी
सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन MS ऑफिस
ब्यूटी एंड कॉस्मेटॉलजी
जूलरी डिजाइनिंग