
चिकित्सा डोमेन में कई अलग-अलग क्षेत्र शामिल हैं जो इस व्यवस्था को सुचारू चलने के लिए महत्वपूर्ण हैं और यदि रुचि हो तो इन पर भी विचार किया जा सकता है। फार्मेसी, नर्सिंग, बायोटेक्नोलॉजी, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग, फॉरेंसिक साइंस, क्लिनिकल साइकोलॉजी, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी, ऑप्टोमेट्री जैसे प्रोग्राम नीट के बिना भी किए जा सकते हैं।
एम्स और जिपमर को नीट में शामिल कर दिए जाने के बाद से इस मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में प्रतिस्पर्धा का स्तर काफी बढ़ गया है लेकिन नीट क्वालिफाई न कर पाने के बावजूद अब मेडिकल फील्ड से जुड़ने के लिए बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं जहां नीट में सफल हुए बिना भी पेशेवर डॉक्टरों के साथ या स्वतंत्र शोधकर्ताओं के रूप में काम कर सकते हैं या अपनी स्वतंत्र प्रैक्टिस कर शानदार जॉब कर सकते हैं। इन व्यवसायों में कार्य और पारिश्रमिक का दायरा अनुभव, विशेषज्ञता और योग्यता में वृद्धि के साथ बढ़ता जाता है। इनके लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान तथा जीव विज्ञान/गणित (पीसीबी/पीसीएम) की पढ़ाई और न्यूनतम वांछित प्रतिशत के साथ कक्षा 12वीं उत्तीर्ण होना जरुरी है । कुछ विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षाएं भी हो सकती है।
नर्सिंग
नर्सिंग एक पेशेवर पाठ्यक्रम है जो उम्मीदवारों को चिकित्सा के माध्यम से मानवता की सेवा के लिए तैयार करता है। बीएससी नर्सिंग प्रोग्राम जरूरतमंदों के प्रति स्नेह, देखभाल और धैर्य के गुण विकसित करता है। नर्सिंग के लिए वैसे तो नीट अनिवार्य नहीं है लेकिन अब कई राज्यों में बीएससी नर्सिंग में एडमिशन नीट स्कोर के माध्यम से होने लगे हैं। यह भी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के उन शीर्ष पाठ्यक्रम विकल्पों में से एक है जिसको बिना नीट के कोई भी कर सकता है। यह चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र का 4 वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम है। नर्सिंग पाठ्यक्रम से स्नातक होने के बाद उम्मीदवार स्टाफ नर्स, रजिस्टर्ड नर्स (आरएन), नर्स शिक्षक, मेडिकल कोडर आदि के रूप में सेवा दे सकते हैं।
फार्मेसी
स्नातक डिग्री कार्यक्रम बी.फार्मेसी के तहत ड्रग सेफ्टी, रिसर्च, मेडिकल केमिस्ट्री, औद्योगिक फार्मेसी की मूल बातें सिखाई जाती हैं। आप फार्मासिस्ट बनना चाहते हैं तो 12वीं के बाद बी.फार्मेसी का विकल्प चुन सकते हैं और इसके लिए उम्मीदवारों को नीट में उपस्थित होना और अर्हता पाना अनिवार्य नहीं होता है। बी.फार्म करने के बाद छात्रों के लिए कॅरियर के कई अवसर हैं। वह सरकारी से लेकर निजी क्षेत्र तक या फिर खुद का व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। उम्मीदवार केमिकल टेक्नीशियन, ड्रग इंस्पेक्टर, हेल्थ इंस्पेक्टर, फार्मासिस्ट आदि बनने के विकल्प को भी चुन सकते हैं।
फिजियोथेरेपी
फिजियोथेरेपी को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में नीट के बिना किए जा सकने वाला अच्छा कॅरियर माना जाता है। फिजियोथेरेपी उपचार के उस तरीके के अध्ययन से संबंधित है जिसमें फिजिकल फोर्स जैसे कि हीट, बिजली, यांत्रिक दबाव और बल के माध्यम से उपचार किया जाता है। बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी एक स्नातक कार्यक्रम है जिसमें छात्र शारीरिक विकारों को ठीक करना सीखते हैं। फिजियोथेरेपी या बीपीटी में स्नातक करने के बाद, उम्मीदवार के पास कई कॅरियर विकल्प होंगे जैसे कि स्वास्थ्य और फिटनेस क्लिनिक, विशेष स्कूल, औद्योगिक स्वास्थ्य के लिए फिजियोथेरेपिस्ट के रूप में सेवा देना।
पशु चिकित्सा विज्ञान
पशु चिकित्सा विज्ञान सभी जानवरों के रोगों के उपचार और डायग्नोस्टिक से संबंधित है। पशु चिकित्सा के बारे में जानने या अध्ययन करने के इच्छुक उम्मीदवार कक्षा 12 के बाद बैचलर इन वेटरनरी साइंस का विकल्प चुन सकते हैं। यह एक स्नातक डिग्री प्रोग्राम है जो 5.5 वर्ष की होती है जिसमें अंतिम 6 महीने जानवरों के उपचार से संबंधित चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अनिवार्य इंटर्नशिप के होते हैं जिसे आम तौर पर पशु चिकित्सा विज्ञान के रूप में जाना जाता है। बीवीएससी ग्रैजुएट डॉक्टर बनते हैं और पशु सर्जरी के क्षेत्र में सेवाएं दे सकते हैं और पशुचिकित्सा सर्जन, सहायक पशुचिकित्सक, वेटरनरी फार्मकोलॉजिस्ट, वेटरनरी न्यूरोलॉजिस्ट आदि के रूप में काम कर सकते हैं।
ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट
ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट सभी उम्र के लोगों को बेहतर शारीरिक या मानसिक बीमारी या चोट से उबरने में मदद करके बेहतर और अच्छा जीवन जीने में मदद करते हैं। रोगी की बीमारी का कारण चोट, दुर्घटना, लंबे समय से चली आ रही बीमारी, लकवा, स्ट्रोक, ऑटिज्म, वृद्धावस्था या किसी अन्य चीज हो सकती है। ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट नैदानिक सेटिंग्स में गैर सरकारी संगठनों और अन्य लोगों के स्कूलों में काम कर सकते हैं। वे पुनर्वास उपकरण के रूप में व्यायाम, कार्यात्मक प्रशिक्षण, पर्यावरण पुनर्गठन आदि का उपयोग करते हैं। इसके लिए 4.5 वर्ष की बैचलर ऑफ ऑक्युपेशनल थेरेपी डिग्री या एक वर्ष का डिप्लोमा इन रिहैबिलिटेशन (ऑक्युपेशनल थेरेपी) किया जा सकता है।
बायोटेक्नोलॉजिस्ट
बायोटेक्नोलॉजिस्ट यानी जैव प्रौद्योगिकीविद जीवन के समग्र गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से उत्पादों और प्रक्रियाओं को विकसित/आविष्कार करने के लिए जीव विज्ञान और प्रौद्योगिकी के ज्ञान को संश्लेषित करते हैं। इसमें सूक्ष्मजीवों आदि के आनुवंशिक हेरफेर का अध्ययन शामिल है। बायोटेक्नोलॉजिस्ट कृषि, फार्मा, भोजन, जीनोमिक्स, केमिस्ट्री, आदि जैसे क्षेत्रों से जुड़े विस्तृत विषयों के शोध वातावरण में काम कर सकते हैं। इसके लिए 3 वर्ष की बीएससी इन बायोट्क्नोलॉजी की जा सकती है।
बायोमेडिकल इंजीनियर
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एक नया क्षेत्र है। बायोमेडिकल रिसर्च लैब्स के इंजीनियर मजबूत चिकित्सा प्रौद्योगिकी, जैव सूचना विज्ञान प्रणाली आदि के निर्माण में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करने के लिए डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के साथ जुड़ सकते हैं या उनकी सहायता कर सकते हैं। जैव प्रौद्योगिकीविद टेक्नोलॉजी के साथ प्राकृतिक विज्ञान से जुड़ाव वाले व्यापक दायरे में कार्य करते हैं। बायोमेडिकल इंजीनियर बीमारियों के कारण, आविष्कार/ सोल्यूशन विकसित करने आदि के लिए प्रौद्योगिकी की मदद से दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करते हैं। इसके लिए 4 वर्ष के बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया जा सकता है।
माइक्रोबायोलॉजिस्ट (नॉन-क्लीनिकल)
माइक्रोबायोलॉजिस्ट (सूक्ष्मजीवविज्ञानी) हमारे आस-पास विभिन्न सामग्रियों जैसे मिट्टी, पानी, भोजन, मनुष्यों और पौधों में मौजूद सूक्ष्म जीवों का अध्ययन करते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि हम जो भोजन करते हैं और जिस वातावरण में हम रहते हैं वह सुरक्षित हो। माइक्रोबायोलॉजिस्ट रिसर्च लैब, फूड इंडस्ट्री, डिस्टिलरी, एग्रीकल्चर आदि सहित वातावरण में काम कर सकते हैं। वे सरकारी नौकरियों के लिए भी जा सकते हैं और संबंधित विभागों के लिए सुरक्षा अधिकारियों के रूप में काम कर सकते हैं। इसके लिए 3 वर्ष के बीएससी इन माइक्रोबायोलॉजी में एडमिशन लिया जा सकता है।
कार्डियोवेस्कुलर टेक्नोलॉजिस्ट
कार्डियोवेस्कुलर टेक्नोलॉजिस्ट चिकित्सकों को दिल और रक्त वाहिका संबंधी बीमारियों के समय पर और सही निदान और उपचार में सहायता करते हैं। वे रोगियों पर परीक्षण, अल्ट्रासाउंड और अन्य हृदय प्रक्रियाओं का प्रदर्शन करते हैं, उनकी फाइलों की समीक्षा करते हैं और उनकी निगरानी करते हैं। कार्डियोवेस्कुलर टेक्नोलॉजिस्ट अस्पतालों और क्लीनिकों में काम करते हैं जहां चिकित्सक मौजूद हैं। वे परीक्षण प्रयोगशालाओं में भी कार्यरत हो सकते हैं। इसके लिए 4 वर्ष के बीएससी कार्डिएक या कार्डियोवेस्कुलर टेक्नोलॉजी में एडमिशन लिया जा सकता है।
परफ्यूजनिस्ट
परफ्यूजनिस्ट (Perfusionist) विशेषज्ञ स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर हैं जो जानते हैं कि ऑपरेशन थियेटर में मशीनों को कैसे संचालित किया जाए और सर्जिकल प्रक्रियाओं के दौरान मरीज को कैसे जीवित रखा जाए। उदाहरण के लिए ओपेन हार्ट या लंग सर्जरी के दौरान जबकि डॉक्टर अंग पर काम करते हैं, परफ्यूजनिस्ट यह सुनिश्चित करते हैं कि शरीर में अंगों को जीवित रखने के लिए रक्त प्रवाहित होता रहे।
परफ्यूजनिस्ट विशेषज्ञ सर्जन और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों के साथ बातचीत करते हैं ताकि उन्हें महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रक्रियाओं में सीधे मदद मिल सके। वे अस्पतालों और नैदानिक केंद्रों में काम कर सकते हैं। इसके लिए 3-4 वर्ष के बेचलर ऑफ परफ्यूजन टेक्नोलॉजी या बीएससी कार्डियो पल्मोनरी परफ्यूजन टेक्नोलॉजी कोर्स किए जा सकते हैं।
रिस्पिरेटरी थेरेपिस्ट
रेस्पिरेटरी थेरेपिस्ट (Respiratory Therapists) उन मरीजों की देखभाल करते हैं, जिन्हें सांस लेने की समस्या या पल्मोनरी सिस्टम से संबंधित समस्याएं होती हैं। उनके मरीज़ विविध आयु समूहों- जैसे शिशुओं से लेकर वृद्ध से आते हैं। वे इनको और ट्रॉमा रोगियों को जीवन रक्षक देखभाल भी प्रदान करते हैं। रेस्पिरेटरी थेरेपिस्ट अस्पताल और क्लीनिकों में गंभीर देखभाल वाले काम जैसे -आपातकालीन देखभाल, आईसीयू, नवजात शिशु इकाई आदि में काम कर सकते हैं। इसके लिए 4 वर्ष की बैचलर ऑफ रेस्पिरेटरी थेरेपी डिग्री ली जा सकती है।
पोषण विशेषज्ञ
पोषण विशेषज्ञ (Nutritionist) मरीजों को उनकी स्थिति, एलर्जी आदि को समझने के बाद स्वास्थ्य और भोजन के विकल्प पर सलाह देते हैं जबकि आहार विशेषज्ञ भोजन चार्ट बनाने और रोगियों के खाने की आदतों का प्रबंधन करने के लिए विशेषज्ञता रखते हैं। पोषण विशेषज्ञ मुख्य रूप से स्वस्थ भोजन के माध्यम से एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने से संबंधित होते हैं। एडवांस डिग्री और विशेषज्ञता के साथ, पोषण विशेषज्ञ आहार विशेषज्ञ की भूमिका भी निभा सकते हैं।
पोषण विशेषज्ञ स्वतंत्र रूप से या अस्पताल या क्लिनिक के साथ काम कर सकते हैं। वे किसी विशेष क्षेत्र जैसे खेल, सार्वजनिक स्वास्थ्य, खाद्य प्रौद्योगिकी आदि में भी विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं और फिर संबंधित उद्योग में शामिल हों। इसके लिए 3 वर्ष की बीएससी इन न्यूट्रिशन ऐंड डाइटेटिक्स या
बीएससी इन क्लीनिकल न्यूट्रिशन ऐंड डाइटेटिक्स या बीएससी इन ह्यूमन न्यूट्रिशन की डिग्री ली जा सकती है।
मनोवैज्ञानिक
मनोवैज्ञानिक (Psychologist) लोगों को चिकित्सीय विधियों, मनोविश्लेषण और परीक्षणों के माध्यम से जीवन और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद करते हैं। नैदानिक विशेषज्ञता वाले मनोवैज्ञानिक भी रोगी के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उपयुक्त दवा का सुझाव दे सकते हैं।
उम्मीदवार 12वीं के बाद बिना नीट के बीए ऑनर्स साइकोलॉजी या बैचलर इन साइकोलॉजी
का विकल्प चुन सकते हैं। यह पूर्णकालिक तीन वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम है। स्नातक करने के बाद मनोविज्ञान स्नातक न केवल मनोवैज्ञानिक हैं। उम्मीदवारों को निजी और सरकारी क्षेत्रों में आसानी से नौकरी मिल सकती है। उन्हें विश्वविद्यालयों, सरकारी एजेंसियों, क्लीनिकों, स्कूलों और अस्पतालों में नौकरी मिल जाती है। मनोविज्ञान मानव मन और व्यवहार का वैज्ञानिक अध्ययन है। मनोवैज्ञानिक अस्पतालों, क्लीनिकों, स्कूलों आदि में काम कर सकते हैं या स्वतंत्र रूप से काम करते हैं। वे न्यूरोसाइंटिस्ट, काउंसलर, सीमा बल अधिकारी, मध्यस्थ, आदि के रूप में नौकरी पा सकते हैं।
साइटोजेनेटिसिस्ट
साइटोजेनेटिसिस्ट गुणसूत्रों का अध्ययन आनुवंशिक विकारों और रोगों का पता लगाने के लिए करते हैं। वे रक्त, ऊतक और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से आनुवंशिक रोगों का पता लगाने, विश्लेषण और व्याख्या करने का काम करते हैं। वे माइक्रोस्कोपी फोटोग्राफी डीएनए तकनीक आदि का उपयोग करते हैं। आनुवंशिक विसंगतियों का पता लगाने के लिए साइटोजेनेटिसिस्ट अस्पतालों, क्लीनिकों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं में काम करते हैं। इनके कार्य में अजन्मे शिशुओं और अन्य रोगियों पर परीक्षण शामिल है। भारत में यह एक उभरता क्षेत्र है। साइटोजेनेटिक्स में विशेषज्ञता मास्टर स्तर पर मिलती है और इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के इच्छुक लोग स्नातक स्तर पर आनुवंशिकी या जैव प्रौद्योगिकी की डिग्री का विकल्प चुन सकते हैं। इसके लिए 3 वर्ष की बीएससी जेनेटिक्स या बीएससी बायोटेक्नोलॉजी की डिग्री ली जा सकती है।
मेडिकल के क्षेत्र में और भी हैं ऐसे करियर
इनके अलावा भी बहुत से करियर और अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रम हैं जिनमें नीट की जरुरत नहीं है। नीचे इनकी सूची दी जा रही है।
एडवांस्ड केयर पैरामेडिक
एनेस्थीसिया असिस्टेंट औ टेक्नोलॉजिस्ट
एनाटॉमी (गैर-नैदानिक)
असिस्टेंट बिहैवियर एनालिस्ट
बिहैवियर एनालिस्ट
बायोकेमिस्ट्री
बर्न केयर टेक्नोलॉजिस्ट
सेल जेनेटिसिस्ट
क्लिनिकल कोडर
क्लिनिकल सोशल वर्कर (काउंसलर के अलावा)
क्रिटिकल केयर या इंटेसिव केयर यूनिट (ICU) टेक्नोलॉजिस्ट
साइटोटेक्नोलॉजिस्ट
डायग्नोस्टिक मेडिकल रेडियोग्राफर
डायग्नोस्टिक मेडिकल सोनोग्राफर
डायलिसिस थेरेपी टेक्नोलॉजिस्ट
डायटिशियन, क्लीनिकल डायटिशियन सहित, फूड सर्विस डायटिशियन
इकोलॉजिस्ट
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी) टेक्नोलॉजिस्ट या इकोकार्डियोग्राम (ईसीएचओ) टेक्नोलॉजिस्ट
इलेक्ट्रोएन्सेफ्लोग्राम (ईईजी) या इलेक्ट्रोन्यूरोडाइग्नॉस्टिक (ईएनडी) या इलेक्ट्रोमायोग्राफी (ईएमजी) टेक्नोलॉजिस्ट या न्यूरो लैब टेक्नोलॉजिस्ट
इमरजेंसी मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट (पैरामेडिक) या इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन – बेसिक
एंडोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी टेक्नोलॉजिस्ट
पर्यावरण संरक्षण अधिकारी
फोरेंसिक साइंस टेक्नोलॉजिस्ट
हेल्थ एजुकेटर, डिजीज काउंसलर, डायबिटीज एजुकेटर, लैक्टेशन कंसल्टेंट
स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन सहायक, चिकित्सा सचिव
प्रतिलेखन (मेडिकल रिकॉर्ड तकनीशियन या मेडिकल रिकॉर्ड एनालिस्ट सहित)
स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन प्रौद्योगिकीविद्
हिमैटो-टेक्नोलॉजिस्ट
हिस्टो-टेक्नोलॉजिस्ट
ह्यूमन इम्यूनोडिफ़िशिएंसी वायरस (एचआईवी) परामर्शदाता या परिवार नियोजन परामर्शदाता
इंटीग्रेटेड बिहैवियरल हेल्थ काउंसलर
चिकित्सा उपकरण प्रौद्योगिकीविद्
चिकित्सा प्रयोगशाला प्रौद्योगिकीविद्
मानसिक स्वास्थ्य सहायता कार्यकर्ता
मॉलिक्युलर बायोलॉजिस्ट (गैर-नैदानिक)
मॉलिक्युलर जेनेटिसिस्ट
मूवमेंट थेरेपिस्ट, आर्ट, डांस ऐंड मूवमेंट थेरेपिस्ट या रिक्रिएशनल थेरेपिस्ट
न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजिस्ट
ऑक्युपेशनल हेल्थ ऐंड सेफ्टी ऑफिसर
ऑपरेशन थियेटर (ओटी) टेक्नोलॉजिस्ट
नेत्र सहायक
ऑप्टोमेट्रिस्ट
फिजिशियन असिस्टेंट और एसोसिएट
फिजियोलॉजी (गैर-नैदानिक)
फिजियोथेरेपिस्ट, जीरियाट्रिक फिजिकल थेरेपिस्ट, आर्थोपेडिक फिजिकल थेरेपिस्ट, पीडियाट्रिक फिजिकल थेरेपिस्ट सहित
पोडियाट्रिस्ट
रेडियोलॉजी और इमेजिंग टेक्नोलॉजिस्ट या सहायक (मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (MRI), कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT), मैमोग्राफी)
रेडियोथेरेपी टेक्नोलॉजिस्ट
स्लीप लैब टेक्नोलॉजिस्ट और कई अन्य