
कंपनी सेक्रेटरी यानि सीएस शानदार करियर है। लगभग सभी कंपनियों मे सीएस की डिमांड होती है। दरअसल कंपनी लॉ के अलावा कई ऐसे कानून हैं जो कंपनियों पर लागू होते हैं। लिस्टेड कंपनियों पर लागू होने वाले सेबी के रेग्युलेशन का कंपनी द्वारा पालन भी सुनिश्चित करना होता है। ऐसे में कानूनी जटिलताओं को देखते हुए कंपनियां कंपनी सेक्रेटरी को हायर करती है। ऐसे में कॉर्पोरेट सेक्टर में सुनहरा भविष्य बनाने की चाहत रखने वाले 12वीं पास युवाओं के लिए कंपनी सेक्रेटरी अच्छा करियर हो सकता है।
आईसीएसआई से करें कोर्स
इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सक्रेटरीज ऑफ इंडिया-आईसीएसआई अग्रणी नेशनल प्र्रफेशनल बॉडी है जो भारत में कंपनी सेक्रेटरीज के पेशे को विकसित और रेग्युलट करती है। सीएस कोर्स ऐच्छिक ऑरल कोचिंग के विकल्प के साथ पत्राचार-डिस्टेंस लर्निंग के माध्यम से ऑफ र किया जाता है। छात्रों के लिए आईसीएसआई द्वारा एक इ-लर्निंग पोर्टल लॉन्च किया गया है। कंपनी सेक्रेटरी के लिए साल भर ऐडमिशन होते रहते हैं।
आर्ट साइंस वाले भी बन सकते कंपनी सेक्रेटरी
यदि आप आट्र्स, साइंस या कॉमर्स स्ट्रीम से 12वीं पास हैं और आयु 17 साल से कम नहीं है तो इस कोर्स मे प्रवेश लेने योग्य है। ग्रैजुएशन के बाद भी कोर्स मे एडमिशन ले सकते हैं। यदि आप 12वी कक्षा के बाद कोर्स करते है तो आपको कोर्स के लिए तीनों चरणों-फाउंडेशन प्रोग्राम, प्रोफेशनल प्रोग्राम और एग्जिक्युटिव प्रोग्राम से गुजरना होता है। ग्रैजुएशन के बाद छात्रों को प्रथम वर्ष मे होने वाली फाउंडेशन एक्जामिनेशन देने की आवश्यकता नहीं पड़ती। आप सीधे द्वितीय वर्ष अर्थात एक्जिक्यिूटिव एक्जामिनेशन से अपनी पढ़ाई शुरू करते हैं। इस प्रोफेशनल प्रोग्राम में तभी दाखिला मिलता है जब एग्जाम शुरू होने वाले महीने से कम से कम नौ महीने पहले रजिस्ट्रेशन करवाया होता है।
कंपनी सेक्रेटरी के लिए फीस
फाउंडेशन प्रोग्राम के लिए करीब 4500, प्रोफेशनल प्रोग्राम के लिए करीब 9000 और एक्जिक्यिूटिव प्रोग्राम के लिए करीब 12000 फीस है।
ऊपर बताए गए आंकडे अलग-अलग क्षेत्र के लिए कुछ भिन्न हो सकता है पर उसमें बहुत अधिक अंतर नहीं होगा।
एक्जाम पैटर्न
यह कोर्स सामान्यत: 3 साल का होता है। प्रत्येक वर्ष दो बार परीक्षा होती है यानि सेमेस्टर सिस्टम है। अगर बात करे तीन वर्ष के कोर्स की तो इसमे पूछे जाने वाले परीक्षाओ मे मुख्यत: तीन चरण होते है।
कंपनी सेक्रेटरी फाउंडेशन
प्रथम वर्ष में 4 पेपर-बिजनेस एनवायरमेंट एंड लॉ, बिजनेस मैनेजमेंट, इथिक्स एंड एंटरप्रिन्योरशिप, बिजनेस इकोनोमिक्स, फंडामेंट आफ एकाउंटिंग एंड ऑडिटिंग होते हैं।
कंपनी सेक्रेटरी एक्जिक्यिूटिव
इसके अंतर्गत मॉड्यूल-1 में कंपनी लॉ, कॉस्ट एंड मैनेजमेंट एकाउंटिंग, इकॉनोमिक एंड कॉमर्शियल लॉ, टैक्स लॉ एंड प्रेक्टिस और मॉड्यूल-2 में कंपनी एकाउटिंग एंड ऑडिट प्रैक्टिसेस, केपिटल मार्केट एंड सिक्योरिटी लॉ, इंडस्ट्रियल एंड लेबर लॉ परीक्षा होती है। छात्रों को अनिवार्य रूप से कंप्यूटर प्रशिक्षण पूरा करना होता है अन्यथा या सीएस एग्जिक्युटिव प्रोग्राम लिखने से पहले ही बाहर कर दिया जाएगा।
कंपनी सेक्रेटरी प्रोफेशनल
यह इस कोर्स का अंतिम वर्ष मे होने वाला एक्जाम है। इसके अंतर्गत विद्यार्थियो को 9 पेपर देने होते है। परीक्षा एक साल में दो बार जून और दिसंबर में होती है। इसके अलावा छात्र को एग्जिक्युटिव प्रोग्राम या प्र्रोफेशनल प्रोग्राम पास करने के बाद किसी संस्था या कंपनी के सेक्रेटरी के अंतर्गत 15 महीने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग यानि इंटर्नशिप करनी होती है। प्रफेशनल प्रोग्राम पास करने और सभी तरह की जरूरी ट्रेनिंग पूरा करने के बाद 15 दिनों का सेक्रेटेरियल मॉड्यूल ट्रेनिंग प्रोग्राम-एसएमटीपी करना पड़ता है। सीएस प्रफेशनल प्रोग्राम पास करने के बाद छात्र प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा करने तक अपने विकल्प में आईसीएसआई में पंजीकरण करा सकते हैं। प्रोफेशनल एग्जाम क्वॉलिफाई करने और ट्रेनिंग के सफल समापन पर कैंडिडेट को आईसीएसआई के असोसिएट सदस्य के रूप में दाखिला दे दिया जाता है।
सीएस के लिए अवसरों की कमी नहीं
कुल दस लाख कंपनियां हैं जिनमें से करीब एक लाख प्राइवेट लिमिटेड हैं। 7 हजार स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध हैं। एक हजार बहुत ही बड़ी कंपनी हैं और उनको ऐसे कई प्रोफेशनल्स की जरूरत हैं। यानी इस सेक्टर में अवसर की कमी नहीं है। दरअसल, कंपनी सेक्रेटरीज इन हाउस लॉयर्स की तरह होते हैं। वे कम्पनी में बोर्ड मीटिंगों के आयोजन, अजेंडा तैयार करने और कानूनी अनुपालन के मामले को हैंडल करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री, स्टॉक एक्सचेंज एवं सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया समेत रेग्युलेटर को भेजे जाने वाले दस्तावेजों पर उनके ही हस्ताक्षर होते हैं।
कंपनी सेक्रेटरीज की सैलरी
कंपनी सेक्रेटरीज ऐसा कोर्स है जिसमें न केवल जॉब के अवसर बल्कि सैलरी भी आकर्षक है। इसके बाद आप किसी भी कंपनी में मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर बन सकते हैं। बैंक, बिल्डिंग सोसाइटीज, एम्पलोइज कॉपरेटिवस, बीमा कंपनियां, इनवेस्टमेंट सेक्टर्स, ट्रेड बॉडीज में भी अवसर हैं। यहां आपका वेतन 25 से 40 हजार प्रतिमाह तक हो सकता है। अनुभव के साथ आपकी वेतन में बढ़ोतरी हो सकती है। अनुभव बढऩे के बाद सीएस प्रोफेशनल आराम से 25 से 30 लाख रुपये सालाना कमा सकता है।