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Options For Commerce Students After 12th 12वीं कॉमर्स से की है तो आपके लिए यह हो सकते हैं टॉप ऑप्शन

12वीं कॉमर्स  के बाद करियर ऑप्शन

Options For Commerce Students After 12th अगर आपने 12वीं कॉमर्स से कर ली हैं तो सभी करियर ऑप्शन को जानने-समझने के बाद ही आपको ग्रेजुएशन के लिए फैसला लेना चाहिए। कॉमर्स के छात्रों के पास करियर ऑप्शन की कमी नहीं लेकिन ज़रूरी है अपने लिए सही कोर्स चुनने की। आपके लिए ये काम आसान हो इसलिए कुछ चुनिंदा कोर्स की जानकारी हम आपको दे रहे हैं जो आपके करियर में काफी मददगार साबित हो सकते हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट

चार्टर्ड एकाउंटेंसी यानि सीए एक कोर्स है जिसके ज़रिए वाणिज्य छात्र चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने के लिए आगे बढ़ सकते हैं। सीए एक प्रोफेशनल कोर्स है। भारत में इस कोर्स को लेकर छात्रों में सबसे ज्यादा उत्सुकता देखी जा सकती है। इसमें कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स जा सकते हैं। इस कोर्स में एडमिशन के लिए आपको काफी कॉम्पिटिशन मिलता है और कई सारे एग्जाम क्लियर करने होते है। अगर देखा जाए तो बैचलर की किसी भी डिग्री के मुकाबले चार्टेड अकाउंटेंट काफी मुश्किल है। किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से कुल मिलाकर कम से कम 50 फीसदी अंकों से 12वीं पास होनी ज़रूरी है।

कंपनी सेक्रेटरी

कंपनी सचिव या सीएस भी छात्रों में सीए के बाद सबसे लोकप्रिय कोर्स है। जिसे 12वीं में 50 फीसदी अंक हासिल करने के बाद किया जा सकता है। सीएस कोर्स भी एडमिनिस्ट्रेशन में ही आता है, कई कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स इसे चुनना पसंद करते हैं और लेकिन इसमें भी सीए की तरह काफी मुश्किल एंट्रेंस एग्जाम हैं। इस कोर्स को करने के बाद नौकरी की अपार संभावनाएं खुल जाती है । और इस कोर्स के बाद छात्र कंपनी सचिव बनने की योग्यता प्राप्त कर लेता है।

कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट

अगर आपको मैनेजमेंट अकाउंटिंग, कमर्शियल फंडामेंटल और इंडस्ट्रियल लॉ के बारे में पढऩा है तो आप कॉस्ट एंड मैनेजमेंट अकाउंटेंट चुन सकते हैं। इसमें फाइनेंस और मैनेजमेंट दोनों की पढ़ाई कराई जाती है और कोर्स पूरा होने के बाद मैनेजमेंट के क्षेत्र में जॉब मिलती है।

बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज

अगर आपको मैनेजमेंट के क्षेत्र में अपना करियर बनाना है, तो बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज करना आपके लिए अच्छा रहेगा। इसमें मैनेजिंग स्किल्स, लीडरशिप, ह्यूमन रिसोर्स और रिसर्च मेथड के बारे में अच्छी तरह पढ़ाया जाता है।

बैचलर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन यानि बीबीए और बैचलर ऑफ मैनेजमैंट स्ट्डीज़ यानि बीएमएस एमबीए में मास्टर्स के लिए एक अहम भूमिका निभाता है। बीबीए / बीएमएस बिजनेस मैनेजमेंट में करियर चलाने के लिए बैचलर डिग्री है। जो किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं करने के बाद किया जा सकता है। लेकिन इसके लिए कम से कम 50 फीसदी अंक 12वीं में आने चाहिए। हालांकि इस कोर्स को किसी भी स्ट्रीम का स्टूडेंट कर सकता है लेकिन कॉमर्स के स्टूडेंट को इसे समझना और भी आसान हो जाता है।

बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ

अगर आपने कॉमर्स से 12वीं की है तो बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ करना बेहतर विकल्प हो सकता है। इसमें आप बार काउंसिल ऑफ इंडिया से डिग्री प्राप्त करने के बाद लॉयर बन सकते हैं। यह आपके सब्जेक्ट्स पर निर्भर होगा कि आप फैमिली लॉयर, प्रॉपर्टी लॉयर या कंपनी लॉयर बनना चाहते हैं। न सिर्फ कॉमर्स बैकग्राउंड बल्कि आट्र्स वाले भी इसे चुन सकते हैं।

बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ ऑनर्स, एक स्नातक प्रशासनिक कानून पेशेवर एकीकृत पाठ्यक्रम है। बीबीए एलएलबी का चयन करने वाले छात्र बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और लॉ का अध्ययन करते हैं। कोई भी छात्र जिसने न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ 12वीं की हो इस कोर्स के लिए पात्र माना जाता है। देश में एलएलबी की पढ़ाई कराने वाले कई कॉलेज है। जिसके लिए प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की जाती है।

सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर

पर्सनल फाइनेंस, वेल्थ मैनेजमेंट, इंश्योरेंस प्लानिंग जैसी पढ़ाई करने के लिए आप सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर कर सकते हैं। इसमें फाइनेंस से जुड़ी पूरी पढ़ाई कराई जाती है।

बैचलर ऑफ कॉमर्स

कॉमर्स से अक्सर 12वीं करने के बाद स्टूडेंट्स बैचलर ऑफ कॉमर्स यानि बीकॉम चुनते हैं। बीकॉम एक डिग्री कोर्स है जिसे हर कॉलेज अपने पाठ्यक्रम में शामिल ज़रूर करता है। इसमें आप 3 साल की ग्रेजुएशन करते हैं। अगर बात की जाए पढ़ाई की तो अकाउंट्स, स्टेटिस्टिक्स, मैनेजमेंट और ह्यूमन रिसोर्सेज जैसे सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं। अगर आपको अर्थशास्त्र पसंद है और इकोनॉमी के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं।

बैचलर ऑफ इकोनॉमिक्स

बैचलर ऑफ इकोनॉमिक्स भी 3 साल की डिग्री होती है, जिसमें आप इकोनॉमिक्स फाइनेंस और एनालिटिकल मेथड्स के बारे में पढ़ाई करते हैं। जिन विद्यार्थियों को इकोनॉमिक्स में रुचि होती है, उन्हें बैचलर ऑफ इकोनॉमिक्स करना चाहिए। इतना ही नहीं, इसमें आप माइक्रो-इकोनॉमिक्स और मैक्रो-इकोनॉमिक्स को डीप में पढ़ते हैं और फाइनेंस के क्षेत्र में जाते हैं।

बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन

अगर आपके करियर का गोल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में जाना है, तो बीबीए करना आपके लिए बेहतर रहेगा। यह एक तीन साल की ग्रेजुएशन है, जिसे कॉमर्स बैकग्राउंड के काफी स्टूडेंट चुनना पसंद करते हैं। इसमें आपको बिजनेस संबंधी सारी पढ़ाई कराई जाती है और शुरू से ही कॉर्पोरेट ऑपरेशन संबंधी सब कुछ सीखने को मिलता है।

जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन

अगर आपको मीडिया या पीआर के क्षेत्र में जाना है, तो जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन आपके लिए बेहतर विकल्प रहेगा। इसमें फाइनेंस और बिजनेस की जानकारी के साथ मीडिया में आप अपना करियर बना सकते हैं। इसके अलावा इकोनॉमिक्स की अच्छी जानकारी रखने के कारण आप प्रिंट, ऑनलाइन या कंटेंट क्रिएशन में अपना करियर बना सकते हैं।

कॉस्ट अकाउंटेंट,
एमबीए
बिजनेस मैनेजमेंट
बीबीए
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर
हॉस्पिटेलिटी और ट्रैवल
बीसीए,

बीएमएस,

बैचलर ऑफ स्टेटिक्स

बारहवीं के बाद हैं बहुत सारे विकल्प
इन कोर्सेस के अलावा भी कई और कोर्सेस हैं जो आप कर सकते हैं अगर आपकी किसी खास विषय में रूचि है तो आप उस विषय से जुड़ा कोर्स भी कर सकते हैं। कॉमर्स के छात्र आर्ट्स स्ट्रीम के छात्रों के लगभग सभी कोर्स कर सकते हैं। वहीं साइंस स्ट्रीम के छात्र कॉमर्स और आर्ट्स स्ट्रीम के सभी कोर्स में दाखिला ले सकते हैं। लेकिन कॉमर्स और आर्ट्स के छात्र साइंस स्ट्रीम के कोर्स में दाखिला नहीं ले सकते हैं।

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