
लड़कियां चाहे कितनी ही शिक्षित और आधुनिक क्यों न हों, वे अपनी घर-गृहस्थी की जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकतीं। इसलिए ज्यादातर कामकाजी युवतियों के जीवन में एक ऐसा दौर जरूर आता है, जब उन्हें बीच में ही नौकरी छोड़ने की जरूरत महसूस होती है।
अपनी सेहत, बच्चे की देखभाल, पति की शिफ्ट ड्यूटी या अति व्यस्त दिनचर्या के कारण करियर से ब्रेक लेना ही पड़ता है। शादी के बाद या प्रेगनेंसी के समय कई महिलाएं जॉब छोड़ देती हैं। इसकी कई वजह होती हैं। मसलन शादी के बाद महिलाएं पति के साथ दूसरे शहर में चली जाती हैं। वहां उनके वर्क एक्पीरियंस के हिसाब से जॉब नहीं मिल पाती या उनकी काम करने की इच्छा नहीं होती। प्रेगनेंसी के समय और बाद में महिलाएं अपने बच्चे पर फोकस्ड होती हैं। ऐसे में वे नौकरी के बारे में बहुत गंभीरता से नहीं सोचतीं या यह उनकी प्रायोरिटी में नहीं होता।
लेकिन जैसे-जैसे वे सेटल हो जाती हैं, उनके घर-परिवार की स्थितियां जॉब करने के हिसाब से बेहतर हो जाती हैं, बच्चे स्कूल जाने लगते तब अकसर महिलाएं दोबारा अपना करियर शुरू करना चाहती हैं, लेकिन ब्रेक के बाद इसे शुरू करना आसान नहीं होता है।
यह करें आसानी रहेगी
• काम छोडऩे के बाद आप अपने खुद को मोटिवेट रखें।
• घर पर रहते हुए भी कुछ ना कुछ सीखती रहें, खुद को अपस्किल करते रहें।
• पार्ट टाइम एसाइनमेंटस ले सकती हैं।
• अपने सीनियर्स के साथ भी टच में रहें।
यह सवाल परेशान करेंगे
करियर का ब्रेक अगर एक-दो साल से लंबा हुआ तो मन में कई तरह के सवाल उठने लगते हैं। जैसे कि कोई उनको लेना चाहेगा या नहीं, क्या उनके पास वर्तमान जॉब ऑफर्स के हिसाब से जरूरी स्किल्स हैं या नहीं, जिस सैलरी पर पहले काम कर रहे थे, उसी पर क्या काम करना संभव होगा। वही सैलरी मिलती है या उससे कम पर जॉइन करें। जिस पेशे में अभी हैं, उसी में संभावनाएं तलाशें या किसी नए पेशे से फ्रेश शुरुआत करें।
ऐसे लें निर्णय
अगर आपका वर्किंग एक्सपीरियंस रहा है तो आप उसी को पार्ट टाइम के तौर पर जारी रख सकती हैं। अगर अपनी जॉब में रहते हुए आपको बहुत सेटिसफेक्शन नहीं मिला तो आप कुछ नया ट्राई कर सकती हैं या अपनी हॉबी वाली चीजों से जुड़े काम कर सकती हैं। बहुत सारे ऐसे ऑप्शन्स हैं जिसमें आप खुद को इन्वॉल्व कर सकती हैं जैसे कि क्रिएटिव राइटिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, हॉबी कोर्सेस, क्राफ्ट आइटम सेलिंग आदि। इसके अलावा आप फ्रीलांसिंग साइट्स पर आप काम कर सकती हैं।
एंट्रेप्रिन्योरशिप भी विकल्प
महिलाओं में प्रतिबद्धता और दायित्वबोध और लीडरशिप क्वालिटी इनबिल्ट होती हैं। ऐसे में वे एंट्रेप्रिन्योरशिप की तरफ भी जा सकती हैं। साथ ही अपने पोटेंशियल को वे सही तरीके से एक्सप्लोर कर पाती हैं। आजकल बहुत सारे सपोर्टिंग वॉट्सएप ग्रुप हैं, जिसमें आप अपनी क्षमताओं के बारे में बता सकती हैं या अपने प्रॉडक्ट्स सेल कर सकती हैं।
यहां से मिल सकती है मदद
सेकेंड करियर शुरू करने वाली महिलाएं टाटा के इनीशिएटिव टाटा स्किप के जरिए संभावना तलाश सकती हैं। इसमें आप अपना रेज्यूमे डाल सकती हैं और अगर पोस्ट उन्हें सूट करता है तो जॉइन कर सकती हैं। इसी तरह पिंक स्ट्राइप भी महिलाओं को सेकेंड करियर में सपोर्ट करती है। अगर आप असमंजस में हैं तो करियर काउंसलर या अपने सीनियर्स से सलाह ले सकती हैं।