
उत्तर प्रदेश के संभाग मुख्यालयों पर वसंत पंचमी पर मंगलवार को निशुल्क कोचिंग योजना अभ्युदय का आगाज हुआ। इसके करीब 50 लाख लोगों ने रुचि दिखाई। पांच लाख ने पंजीकरण कराया और उनमें से 50 हजार चयन कर लिया गया। ऑनलाइन कोचिंग क्लासेस के लिए रजिस्ट्रेशन अब भी जारी है।
बाकी अभ्यर्थी ऑनलाइन कक्षा से जुड़ सकेंगे
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग परियोजना अभ्युदय योजना का शुभारम्भ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। योगी ने पंजीकृत अभ्यर्थियों से संवाद करते हुए कहा यह योजना प्रदेश के युवाओं के लिए समर्पित है। योजना के अंतर्गत जिन युवाओं का परीक्षण के जरिए चयन हुआ है, उन्हें मंडल मुख्यालय में साक्षात कक्षाओं में शामिल होने का अवसर मिलेगा जबकि बाकी अभ्यर्थी ऑनलाइन कक्षा से जुड़ सकेंगे।
विशेषज्ञों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 लाख से अधिक लोगों ने इस योजना में रुचि दिखाई है और पांच लाख से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया। पहले चरण की परीक्षा में 50 हजार अभ्यर्थियों का चयन ऑफलाइन कोचिंग के लिए हुआ है। अभ्युदय योजना को सफल बनाने के उद्देश्य से बेहतर फैकल्टी की व्यवस्था की जा रही है। अभ्युदय योजना के माध्यम से प्रतियोगी युवाओं को आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, पीसीएस सहित मेडिकल, आईआईटी के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
18 मंडल मुख्यालयों में प्रारम्भ
अभ्युदय योजना को पहले चरण में मंगलवार से 18 मंडल मुख्यालयों में प्रारम्भ किया गया। आने वाले समय में इसका विस्तार जिलों में भी किया जाएगा। इस योजना में साप्ताहिक, मासिक परीक्षाएं होंगी जिसके आधार पर स्क्रीनिंग की जाएगी। निशुल्क कोचिंग ऑनलाइन मोड में भी होंगी। इसके लिए कोचिंग क्लासेस के लिए रजिस्ट्रेशन अब भी जारी है।
कोचिंग के साथ मिलेगा स्टडी मटेरियल भी
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि योजना के तहत चयनित कैंडिडेट्स को तीन पार्ट में मदद मिलेगी। पहले रजिस्ट्रेशन के बाद परीक्षा के जरिए चयनित हुए कैंडिडेट्स को क्लास रूम में पढऩे की व्यवस्था दी जाएगी। दूसरा प्रतिभागी ऑनलाइन क्लास भी अटेंड कर पाएंगे और तीसरे पार्ट के तहत स्टूडेंट्स को स्टडी मटेरियल सेंटर्स से उपलब्ध होंगे। राज्य सरकार ने प्रदेश के 71वें स्थापना दिवस के मौके पर आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स के लिए इस योजना शुरुआत की गई थी। इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले कैंडिडेट्स को कार्यरत आईएएस, आईपीएस, भारतीय वन सेवा, पीसीएस, पीपीएस सहित अन्य अधिकारियों के जरिए मार्गदर्शन मिलेगा। इसके अलावा रिटायर्ड अधिकारी और सब्जेक्ट एक्सपर्ट भी इन स्टूडेंट्स को पढ़ाएंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी, विभिन्न विषयों के संस्थानों, कॉलेजों में सब्जेक्ट विशेषज्ञों का पैनल बनाया जाएगा। संघ लोक सेवा आयोग, यूपी लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षाओं के अलावा इंटरव्यू की भी तैयारी कराई जाएगी।