
राजस्थान की मेधावी छात्राओं को राज्य सरकार की ओर से हर साल गार्गी पुरस्कार पुरस्कार दिया जाता है। इसके तहत 10वीं और 12वीं परीक्षा में 75 फीसदी या इससे अधिक अंक प्राप्त कर अगली कक्षा में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को क्रमश: 3000 और 5000 रुपए प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रदान किए जाते हैं। लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देना के उद्देश्य से बसंत पंचमी पर जिला व पंचायत समिति मुख्यालय पर समारोह का आयोजन किया जाता है। गत वर्ष राज्य में गार्गी पुरस्कार लेने वाली बालिकाओं की संख्या 1.23 लाख थी।
गार्गी पुरस्कार के लिए आवश्यक योग्यता
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित सेकंडरी, प्रवेशिका, सीनियर सेकंडरी, वरिष्ठ उपाध्याय में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अंक हों।
छात्राओं को अगली क्लास में प्रवेश लेना आवश्यक है। यदि कोई छात्रा दसवीं कक्षा के बाद 11वीं में प्रवेश नहीं लेती तो वो गार्गी पुरस्कार योजना का लाभ नहीं उठा पाएगी।
गार्गी पुरस्कार के लिए जरूरी दस्तावेज
क्लास 10 अथवा 12वीं की अंकतालिका।
मूल निवास प्रमापत्र।
आधार अथवा जन-आधार जिसमे अभ्यर्थी का नाम एवं जन्म तिथि सही हो।
आय प्रमाण पत्र।
पुरस्कार के रूप मे राशि चेक द्वारा दी जाएगी। अत: छात्रा का बैंक मे स्वयं का खाता होना चाहिए। राशि प्राप्त करने के लिए रद्द किए गए चेक अथवा बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की कॉपी शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड करना होता है।
ऐसे करें आवेदन
वर्ष 2020-21 की प्रथम एवं द्वितीय किस्त के लिए आवेदन पत्र ऑनलाइन शाला दर्पण पोर्टल पर 18 जनवरी 2021 से भरे जा रहे हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 15 मार्च है।
छात्रा स्कूल या अपने स्तर पर शाला दर्पण पोर्टल पर आवेदन कर सकती है।
आनलाइन आवेदन के बाद राजकीय मॉडल और संस्कृत शिक्षा के विद्यालयों में अध्ययनरत बालिकाओं के संस्था प्रधानों द्वारा सत्यापन किया जाएगा। निजी स्कूलों में पढऩे वाली बालिकाओं के आवेदन पत्र का सत्यापन ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से किया जाता है। सत्यापन के लिए आवेदन की प्रति किसी भी कार्यालय में जमा करवाने की जरूरत नहीं होती है।