
कानून यानि लॉ के क्षेत्र में आप लोगों को न्याय उपलब्ध करवाने का जरिया बनते हैं। कानूनी जटिलता के कारण लॉ एडवाइजर की जरूरत सबको हमेशा ही रहती है । इसलिए इस क्षेत्र में मंदी की संभावना नहीं होती है। यही कारण है कि यह इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट से ज्यादा सुरक्षित है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए 12वीं के बाद 5 वर्षीय एकीकृत बीए एलएलबी या ग्रैजुएशन के बाद एलएलबी की जा सकती है।
कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट)
देशभर के 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों द्वारा स्नातक, स्नातकोत्तर और कानून संबंधी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) का आयोजन किया जाता है। इस राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कंसोर्टियम द्वारा प्रतिनिधि विश्वविद्यालयों के साथ आयोजित करते हैं।
क्लैट एक्जाम पैटर्न
यूजी क्लैट के लिए दो घंटे की अवधि टेस्ट लिया जाता है। जिसमें प्रत्येक एक अंक के कुल 150 सवाल पूछे जाते हैं। ये सवाल पांच विषयों-इंग्लिश लैंग्वेज, करंट अफेयर्स, लीगल रीजनिंग, लॉजिकल रीजनिंग और क्वांटिटेटिव टेक्नीक से संबंधित होते हैं। इन टॉपिक्स की तैयारी के लिए अखबार आदि से करंट अफेयर्स और क्वांटिटेटिव टेक्नीक के लिए कक्षा 10वीं की मैथेमेटिक्स के अध्ययन की सलाह दी जाती है।
पीजी क्लैट
पीजी क्लैट के लिए 120 मिनट की अवधि का पेपर होगा। इसमें दो सेक्शन होंगे। पहले सेक्शन में एक-एक अंक वाले 100 बहुवैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान होगा। इसमें न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले को ही दूसरे सेक्शन के लिए चुना जाएगा। इस सेक्शन में दो निबंध लिखने होंगे।
जरूरी योग्यता
न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों से 10+2 या समकक्ष योग्यता हो। साथ ही, क्वालिफाइंग एग्जाम के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत स्टूडेंट भी आवेदन कर सकते हैं। न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से एलएलबी डिग्री या समकक्ष योग्यता प्राप्त कर रखी हो।
रोजगार के अवसर
लॉ के क्षेत्र में रोजगार के अनेक अवसर मौजूद हैं जैसे कि आप वकील, लीगल एडवाइजर, कंसलटेन्ट, न्यायाधीश, पब्लिक प्रॉसीक्यूटर-लोक अभियोजक, सेना में विधि अधिकारी, लॉ ऑफिसर विधि व्याख्याता बन सकते हैं। साथ ही कर कानून, अन्तर्राष्ट्रीय कानून, श्रम कानून, कार्पोरेट लॉ, प्रापर्टी लॉ, कॉपीराइट लॉ, हयूमन राइट लॉ, एक्साइज लॉ, फैमिली लॉ, इत्यादि विधि में कॅरियर के विभिन्न क्षेत्र हैं। क्रिमिनल लॉयर बनकर प्राइवेट या सरकारी संस्थानों में क्रिमिनल लॉ के एक्सपर्ट बन सकते हैं। सरकारी वकील के रूप में भी आप सरकारी सेवाएं दे सकते हैं। लॉ में हायर डिग्री लेने के बाद एकेडमिक क्षेत्र में भी जा सकते हैं। वहीं लीगल एनालिस्ट एक कॉर्पोरेट जॉब है जबकि लीगल एडवाइजर कॉर्पोरेट फर्म को लीगल क्षेत्र में कंसल्टेंसी सर्विस देते हैं। ओएनजीसी, भेल जैसी कंपनियों में लॉ ऑफिसर, कॉरपोरट कंपनियों के लीगल एडवाइजर, इंश्योरेंस सेक्टर में एडमिनिस्ट्रेव ऑफिसर बन सकते हैं। डॉक्यूमेंट ड्राफ्टिंग लॉयर बनकर आप कई तरह के डॉक्टयूमेंट या एग्रीमेंट आदि की ड्राफ्टिंग में मुहर लगाने का काम कर सकते हैं।