
एंथ्रोपॉलजी Anthropology यानी मानवविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है, जिसके अंतर्गत मानव के विकास का अध्ययन किया जाता है। इसके तहत प्रारंभ से लेकर आज तक मानव का विकास कैसे हुआ, सिर्फ इसकी पढ़ाई ही नहीं होती है, बल्कि विभिन्न वातावरण में शारीरिक एवं सांस्कृतिक भिन्नताओं के बीच इंसान कैसे जीवन जीता रहा है, इसकी जानकारी प्राप्त होती है। इंसान सभ्यता के कितने पड़ावों से गुजरता हुआ यहां तक पहुंचा है? हम ऐसे तमाम सवालों के जवाब ढूंढने के लिए रिसर्च करता है उसे एंथ्रोपॉलजिस्ट कहते हैं। आज साइंस की इस ब्रांच की पढ़ाई दुनिया भर में होती है। वहीं डिमांड के हिसाब से भी यह करियर बनाने का बेहतर विकल्प देती है।
दुर्भाग्यवश इतने साल बीत जाने के बावजूद आज भी यह कम मशहूर विषय के रूप में ही जाना जाता है। जबकि इस विषय का स्कोप काफी बेहतर है।
एंथ्रोपॉलजी में बीएससी करने के लिए 12वीं में साइंस होना जरूरी है। इस फील्ड में जॉब हासिल करने के लिए एंथ्रोपॉलजी में एमएससी की डिग्री होनी आवश्यक है।
एंथ्रोपॉलजी के अंतर्गत ह्यूमन के डिवेलपमेंट की पढ़ाई विभिन्न ऐंगल से होती है। इसकी चार अहम शाखाएं हैं।
सोश्यॉ-कल्चरल एंथ्रोपॉलजी
इसके अंतर्गत मनुष्य के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास के विभिनन पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। जैसे, लोगों ने समूह और समुदाय का निर्माण कैसे किया। संस्कृति का विकास कैसे हुआ? ऐसे ही सवालों के उत्तर खोजे जाते हैं। इनके अलावा सामाजिक-आर्थिक बदलाव, विभिन्न समुदायों और धर्मों के बीच सांस्कृतिक विभिन्नता और उसके कारण भाषा का विकास, तकनीक का विकास आदि का अध्ययन किया जाता है।
प्री हिस्टॉरिक एंथ्रोपॉलजी
इसके अंतर्गत हिस्ट्री की पुन:निर्माण के बारे में जानकारी मिलती है। इसका आधार प्राचीन सिक्के, अस्थियां, पत्थर के औजार, नगरों के अवशेष जो जमीन के अंदर दब चुके हैं आदि आते हैं। इनके अलावा कई रिकॉर्डेड डॉक्यूमेंट्स जो म्यूजियम पैलेस और हिस्टोरिकल साइट्स में पाए जाते हैं। उनसे भी पहले के मानव के विकास के बारे में अध्ययन किया जाता है।
बायलॉजिकल एंथ्रोपॉलजी
इसके अंतर्गत पूर्वजों के फिजिकल और बायलॉजिकल विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है। इसकी कई शाखाएं हैं। मसलन, प्राइमेट बायॉलजी, ऑस्टियॉलजी, पेलियोएंथ्रोपॉलजी, फोरेंसिक एंथ्रोपॉलजी, आदि।
अप्लाइड एंथ्रोपॉलजी
इसकी उपयोगिता विशेषकर सरकारी सेवाओं के क्षेत्र में होती है। जैसे, जन्म पर नियंत्रण, मेडिसिन, बच्चों के विकास में मदद करने वाला अध्ययन, कारखानों में काम करने वाले मजदूरों की समस्या, कृषि विकास, आदि।
लिंग्विस्टिक एंथ्रोपॉलजी
इसके अंतर्गत भाषाई विकास का अध्ययन किया जाता है। चाहे वह लिखित हो या अलिखित। दरअसल, भाषा के विकास पर ही सभ्यता और संस्कृति का अध्ययन किया जाता है।
विषय की पढ़ाई
भारत में 1920 में कोलकाता यूनिवर्सिटी में सबसे पहले एक सब्जेक्ट के रूप में इसकी पढ़ाई की शुरुआत हुई। यहां से एंथ्रोपॉलजी में एम.ए. की डिग्री प्राप्त की जा सकती है। अगर आपकी इच्छा किसी इंटरनैशनल डिवेलपमेंट एजेंसी में एक अडवाइजर के रूप में कार्य करने की है तो आपको इस विषय में पीएचडी की डिग्री प्राप्त करनी होगी। भारत के लगभग सभी सरकारी यूनिवर्सिटीज में इस विषय की पढ़ाई होती है।
ग्रेजुएशन के लिए
- महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी ऑफ बड़ौदा – [एमएसयू], बड़ौदा
- लखनऊ क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज, लखनऊ
- गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय – [जीकेवी], हरिद्वार
- हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, गढ़वाल
- शिवाजी विश्वविद्यालय – [एसयूके], कोल्हापुर
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय – [आईजीएनटीयू], अनूपपुर
- डीएवी पीजी कॉलेज, लखनऊ
- विक्रम विश्वविद्यालय – [वीयू], उज्जैन
- भुवनेश्वरी दयाल कॉलेज – [बीडीसी] मीठापुर, पटना
- झुनझुनवाला पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज – [जेपीजीसी], फैजाबाद
पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए
- पुरातत्व संस्थान, नई दिल्ली
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय – [बीएचयू], वाराणसी
- मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई
- मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई
- गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय – [जीजीएसआईपीयू], नई दिल्ली
- नव नालन्दा महाविहार – [एनएनएम], नालन्दा
- सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई
- इलाहबाद विश्वविद्यालय
- कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता
- लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ
पीएचडी की डिग्री
कुछ प्रमुख यूनिवर्सिटीज हैं, गढ़वाल यूनिवर्सिटी, कोलकाता यूनिवर्सिटी, दिल्ली यूनिवर्सिटी, विश्वभारती यूनिवर्सिटी, उत्कल यूनिवर्सिटी, संबलपुर यूनिवर्सिटी आदि। इनके अतिरिक्ल देश के बाहर विदेशों के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में भी एंथ्रोपॉलजी के कोर्सेस उपलब्ध हैं। कैंब्रीज में एंथ्रोपॉलजी और आर्कियॉलजी एक अलग ही विभाग है, जिसमें अंडरग्रैजुएट के लेवल पर एंथ्रोपॉलजी के सेक्शन हैं। ऑक्सफोर्ड में जो कोर्स उपलब्ध हैं, वे मेडिकल एंथ्रोपॉलजी, विजुअल एंथ्रोपॉलजी, मटीरियल एंथ्रोपॉलजी, आदि के रूप में पढ़ाए जाते हैं।
एंथ्रोपोलॉजी में करियर की संभावनाएं
देश और विदेश दोनों जगहों पर बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। भारत में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, प्लैनिंग कमिशन जैसे संस्थानों में रिसर्च जॉब उपलब्ध है। साथ ही यूनेस्को और यूनिसेफ जैसे इंटरनैशनल आर्गनाइजेशन में भी आपको मौका मिल सकता है। इसके अलावा क्यूरेटर, टूर गाइड, हिस्टोरिकल सोसाइटी, गवर्नमेंट एजेंसी, डॉक्यूमेंट्री फिल्म कंपनी, कॉलेज, यूनिवर्सिटीज, इंश्योरेंस कंपन, पुरालेखपाल. पुरालेखवेत्ता, जातीय पुरातत्व, विरासत और पर्यावरण प्रबंधन, म्यूज़ियोलॉजिस्ट, मुद्राशास्त्री, लाइब्रेरी, पब्लिशिंग कंपनी में अपनी सेवा प्रदान कर सकते हैं।
यह मिलेगा वेतन
नए लोगों के लिए औसत वेतन 5 लाख से अधिक है। अनुभव के साथ यह आमदनी बढ़ती जाएगी। अधिक जानकारी के लिए www.ansi.gov.in से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।