
- डॉक्टर और शिक्षक की तरह नर्सिंग भी ऐसा सम्मानजनक पेशा जिनकी सेवाओं का मूल्य नहीं लगाया जा सकता। मरीज का इलाज डॉक्टर करता है परन्तु देखभाल नर्स ही करती है। यदि आपमें रोगियों की सेवा करने का जुनून है, नई तकनीक को आत्मसात करने और तनावपूर्ण हालात को संभालने की क्षमता है तो नर्सिंग आपके लिए बेहतर करियर विकल्प है।
डॉक्टर और शिक्षक की तरह नर्सिंग भी ऐसा सम्मानजनक पेशा जिनकी सेवाओं का मूल्य नहीं लगाया जा सकता। मरीज का इलाज डॉक्टर करता है परन्तु देखभाल नर्स ही करती है। यदि आपमें रोगियों की सेवा करने का जुनून है, नई तकनीक को आत्मसात करने और तनावपूर्ण हालात को संभालने की क्षमता है तो नर्सिंग आपके लिए बेहतर करियर विकल्प है।
जैसे ही हम नर्स शब्द सुनते हैं हमारे जेहन में सिर्फ स्त्री का ही चित्र उभर के आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योकि हमने अक्सर महिलाओं को ही नर्स के रूप में लोगो की सेवा करते हुए देखा है। लेकिन ऐसा नहीं है कि नर्सिंग का कोर्स सिर्फ महिलाओं के लिए है। पुरुष भी नर्स बन सकते हैं।
नर्सिंग के क्षेत्र में अंडर ग्रेजुएट, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट आदि कई प्रकार के कोर्स होते हैं। इस क्षेत्र में बीएससी नर्सिंग, जीएनएम, एएनएम का कोर्स कर करियर बना सकते हैं। इन सभी का पाठ्यक्रम तथा कोर्स की अवधि अलग-अलग होती है। आप योग्यता और रुचि के अनुसार इनका चयन कर सकते हैं।
नीट नहीं तो बीएससी नर्सिंग सही
यदि आप डॉक्टरी की पढ़ाई जैसे एमबीबीएस या बीएएमएस नहीं कर सकते या किसी कारणवश नीट पास कर पाते तो विकल्प के तौर बीएससी नर्सिंग को अपना सकते हैं। पैरामेडिकल छात्रों के लिए बनाए 4 साल के इस बैचलर डिग्री कोर्स में हेल्थ केयर और मेडिकल से संबंधित डिग्री प्रदान की जाती है। कोर्स के दौरान चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी तमाम जानकारियां प्रदान की जाती हैं।
बीएससी नर्सिंग के लिए बारहवीं कक्षा भौतिकी, रसायन व बायोलॉजी के साथ कम से कम 50 से 55 फीसदी अंक से उत्तीर्ण होना चाहिए। आयु 17 से 35 तक हो सकती है। नर्सिंग की पढ़ाई का खर्च संस्थान पर निर्भर करता है। यदि आपने एंट्रेंस एग्जाम क्लियर कर लिया और आपका दाखिला किसी भी सरकारी कॉलेज में हो जाता है तो आपको फीस की चिंता नहीं करनी पड़ती। यदि आप किसी प्राइवेट कॉलेज को चुनते हैं तो वह छह गुना तक महंगा पड़ता है। इस कोर्स की सरकारी कॉलेज की फीस करीब 30 हजार और प्राइवेट कॉलेज की फीस लगभग 1.8 लाख रुपए तक होती है।
भारतीय रक्षा सेवाओं द्वारा संचालित बीएससी कोर्स के तहत 17 से 24 वर्ष की महिलाओं का चयन किया जाता है। यहां न्यूनतम योग्यता भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान तथा अंग्रेजी विषयों में 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं है। प्रार्थी को लिखित परीक्षा भी पास करनी होती है। उसे शारीरिक रूप से भी फिट भी होना चाहिए। चयनित लोगों को रक्षा सेवाओं के लिए पांच वर्ष का अनुबंध करना होता है।
जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी-जीएनएम
जीएनएम यानी जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कोर्स के लिए अभ्यर्थी को भौतिक, रासायनिक एवं जीव विज्ञान के साथ बारहवीं उत्तीर्ण होना चाहिए। अंग्रेजी में कम से कम 40 प्रतिशत अंक अनिवार्य है। आयु 17 से 35 के बीच होनी चाहिए। पाठ्यक्रम की अवधि तीन से साढ़े तीन वर्ष होती है। पाठ्यक्रम कम्पलीट होने के बाद आपको रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट प्राप्त होता है। कोर्स की सरकारी कॉलेज की फीस लगभग 40 हजार और प्राइवेट कॉलेज की फीस लगभग 4-5 लाख रुपए तक हो सकती है। इसमें सामान्य स्वास्थ्य देखभाल, नर्सिंग और दाई का काम में नर्सों की शिक्षा दी जाती है। जीएनएम नर्सिंग कार्यक्रम में सामान्य नर्सों को तैयार किया जाता है जो स्वास्थ्य टीम के सदस्यों के रूप में कार्य करते हैं।
एसिस्टेंट नर्स मिडवाइफ री-एएनएम
एएनएम यानी एसिस्टेंट नर्स मिडवाइफ री डिप्लोमा कोर्स में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, विशेषकर बच्चों, माताओं और वृद्ध व्यक्तियों के स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं की देखभाल कैसे करें और इलाज के दौरान उपयोग होने वाले उपकरणों के रखरखाव और उपयोग के बारे में बताया जाता है। एएनएम ऑक्सिलीरी नर्सिंग मिडवाइफऱी के लिए खड़ा है यह एक डिप्लोमा कोर्स है जो विभिन्न व्यक्तियों के स्वास्थ्य देखभाल के अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करता है। यह भी बताता है कि कैसे उपकरण का ध्यान रखनाए संचालन थियेटर की स्थापनाए रोगी को समय पर दवा प्रदान करना और रिकॉर्ड बनाए रखना। एएनएम पाठ्यक्रम छात्रों को प्रशिक्षित करता है और उन्हें मूल स्वास्थ्य श्रमिकों के रूप में काम करने में सक्षम बनाता है। एनएम कोर्स को सिर्फ लड़किया ही आवेदन कर सकती है। इस डेढ़ से दो साल के पाठ्यक्रम के लिए अभ्यर्थी को दसवीं उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। अभ्यर्थी की आयु 17 से 35 वर्ष तक हो सकती है। इससे संबंधित संस्थानों में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद एक निजी या राज्य चलाये जानें वाले स्वास्थ्य देखभाल केंद्र या अस्पताल में स्वास्थ्य देखभाल के सहायक के रूप में सम्मिलित हो सकते है। इस पाठ्यक्रम की सरकारी कालेज में फीस लगभग 3-4 हजार और निजी कालेज में लगभग 40 हजार रुपए से अधिक हो सकती है।
नर्सिंग में विशेषज्ञता और उच्च शिक्षा
नर्सिंग के बेसिक कोर्स के अलावा आप पोस्ट बेसिक स्पेशियलिटी एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स कर अलग-अलग क्षेत्रों जैसे कार्डिएक थोरेकिक नर्सिंग, क्रिटिकल केयर नर्सिंग, इमरजेंसी एवं डिजास्टर नर्सिंग, नए जन्मे बच्चे की परिचर्या-नियो-नेटल नर्सिंग, मस्तिष्क संबंधी रोगों में परिचर्या-न्यूरो नर्सिंग, मनोरोग परिचर्या-साइकैट्रिक नर्सिंग, कैंसर संबंधी नर्सिंग-ऑनकोलोजी नर्सिंग, ऑपरेशन.रूम नर्सिंग, विकलांग चिकित्सा नर्सिंग, मिड वाइफरी प्रैक्टिशनर, नर्सिंग शिक्षा एवं प्रशासन में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। अगर आपने नर्सिंग में बीएससी की है तो इसके बाद आप पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स भी कर सकते हैं। इसके तहत आप डाइटेटिक्स, कार्डियोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक्स, ऑप्थेल्मोलॉजी, ऑथरेपेडिक्स आदि विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। आगे आप इस क्षेत्र में एमएससी नर्सिंग एमफिल और पीएचडी भी कर सकते हैं।
नर्सिंग क्षेत्र में रोजगार के अवसर
नर्सिंग के क्षेत्र में मांग एवं आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर है। तेजी से बढ़ती जनसंख्या के साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग में बढ़ोतरी के कारण देश में नर्सों की कभी न समाप्त होने वाली मांग बन चुकी है। इस बढ़ती मांग की तुलना में आपूर्ति भी कम है। इसलिए कहा जाता है कि नर्स कभी भी बेरोजगार नहीं रहतीं हैं। नर्सिंग कोर्स करने के बाद आपको गवर्नमेंट हॉस्पिटल, प्राइवेट हॉस्पिटल, नर्सिंग होम या प्राइवेट क्लीनिक में स्टाफ नर्स के पद पर नियुक्त किया जाता है। प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवक का कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा आप कम्युनिटी हेल्थ नर्सेस, स्पेशल क्लिनिक व केयर सेंटर, स्कूल नर्स, इंडस्टियल नर्स और ड्रग कंपनी और काउंसलिंग सेंटर में भी नौकरी कर सकते हैं। बीएससी नर्सिंग करने के बाद सेना में नर्स बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। साथ ही आप नर्सिंग कॉलेज में टीचर भी बन सकते हैं। अनाथाश्रम, वृद्धाश्रम, आरोग्य निवास, रेड क्रॉस सोसाइटी, इन्डियन नर्सिंग काउंसिल, स्टेट नर्सिंग काउन्सिल्स तथा अन्य नर्सिंग संस्थानों में भी कई अवसर हैं। नर्सें मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग स्कूलों में शिक्षण कार्य के अलावा प्रशासनिक कार्य भी कर सकती हैं। उद्यमी लोग अपना खुद का नर्सिंग ब्यूरो शुरू कर सकते हैं तथा अपनी शर्तों पर काम कर सकते हैं। इस क्षेत्र में शुरूआत में आपको 7 से 17 हज़ार रूपये तक मासिक वेतन मिलता हैए मिड लेवल पदों पर नर्स को 18 से 37 हज़ार रूपये तथा अधिक अनुभवी नर्सों को 48 से 72 हज़ार रूपये मासिक वेतन के रूप में मिलते हैं।
विदेश में अवसर
विदेशों में उच्च शिक्षित नर्सों की बहुत मांग है। अत: नर्सें बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश भी जा सकती हैं। जिसके लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग प्रमाणपत्र प्राप्त करना होता है तथा सम्बंधित देश में प्रवास की कुछ शर्तों का पालन करना होता है। विदेश में रोजगार प्राप्त करने के लिए आपको किसी प्रतिष्ठित संस्थान से डिग्री या डिप्लोमा अवश्य कर किसी क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना लाभकारी होता है। स्वयं को किसी भी राज्य की नर्सिंग काउंसिल में पंजीकृत कराएं। नर्सों को हमेशा रोगियों तथा अन्य मेडिकल स्टाफ से बात करनी होती है अत: उनकी संवाद क्षमता उच्च स्तर की होनी चाहिए।
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