
पीसीएस का पूरा नाम प्रोविंशियल सिविल सर्विस है। इस परीक्षा का आयोजन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा किया जाता है। इसमें सफलता प्राप्त करने के बाद अभ्यर्थी को उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जैसे-एसडीएम, डीएसपी, एआरटीओ, बीडीओ, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, वाणिज्य कर असिस्टेंट कमिश्नर आदि उच्च पदों पर नियुक्ति मिलती है।
पीसीएस अधिकारी बनने के लिए शैक्षिक योग्यता
अभ्यर्थी के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्री होना आवश्यक है। कुछ विशेष पदों जैसे सांख्यिकीय अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, लेखाधिकारी इत्यादि के लिये विशेष शैक्षणिक योग्यता का निर्धारण किया गया है।
पीसीएस परीक्षा के लिए आयु सीमा
पीसीएस परीक्षा में सम्मिलित होनें वाले अभ्यर्थी की आयु 21 वर्ष से 40 वर्ष तक हो सकती है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमनुसार छूट दी जाती है।
शारीरिक मापदंड
कुछ विशेष पदों-पुलिस उप अधीक्षक, अधीक्षक कारागार इत्यादि के लिए शारीरिक मापदंड तय किए गए हैं। सामान्यत: 165-67 सेमी. लम्बाई।
यूपी पीसीएस एक्जाम पैटर्न और सिलेबस
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से वर्ष में एक बार यूपी पीसीएस परीक्षा का आयोजन किया जाता है। यह परीक्षा में तीन चरण-प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में होती है। यूपी पीसीएस प्रीलिम्स परीक्षा में सामान्य अध्ययन (जीएस) 1 और 2 और मेन्स में सामान्य हिंदी, निबंध, जीएस -1, 2, 3 और 4 तथा वैकल्पिक पेपर 1 और 2 शामिल हैं। प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा दोनों ऑफलाइन मोड में जाती हैं। यूपी पीसीएस प्रीलिम्स एक ओब्जेक्टिव परीक्षा है जबकि मेन्स विषयपरक यानी सब्जेक्टिव है। परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को सिलेबस के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि यह परीक्षा की तैयारी की दिशा में पहला कदम है। अत: परीक्षा में सफल होने के लिए आपको परीक्षा पैटर्न और सिलेबस को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।
प्रारंभिक परीक्षा
यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में सामान्य अध्यन के दो-दो घंटे के दो पेपर होते हैं। पहले पेपर में 150 और दूसरे पेपर-सीएसएटी में 100 बहुवैकल्पिक प्रश्र होते हैं। नेगिेटिव मार्किंग का प्रवधान है। प्रत्येक गलत उत्तर पर 0.33 अंक काटे जाएंगे।
यूपीपीसीएस मुख्य परीक्षा का सिलेबस
यूपी पीसीएस प्री उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार मेन्स परीक्षा में उपस्थित होने के पात्र होंगे। मुख्य परीक्षा में सब्जेक्टिव प्रश्न होंगे। यह कुल 1500 नम्बर की होती है। सामान्य अध्ययन के 200-200 नंबर के 4 पेपर होते हैं यानी सामान्य अध्ययन 800 अंको होता है। जनरल हिंदी व निबंध के प्रश्न पत्र 150-150 नंबर होता है। वैकल्पिक विषय के 200-200 अंको के दो प्रश्नपत्र होते हैं। मेन्स परीक्षा के सिलेबस को नीचे में विस्तार से बताया गया है।
वैकल्पिक विषय
आवेदकों को 29 विषयों में से मेन्स के लिए एक वैकल्पिक विषय चुनना होगा। वैकल्पिक विषय के दो पेपर 1 और 2 में से प्रत्येक के लिए 200 अंक तय होते हैं। यह 3 घंटे के लिए होते हैं। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे वैकल्पिक विषय को बुद्धिमानी से चुनें क्योंकि इसे स्कोरिंग विषय माना जाता है और इससे आवेदकों को वह बढ़त मिल सकती है जो उन्हें यूपी पीसीएस परीक्षा में उत्तीर्ण करने की आवश्यकता होती है।
साक्षात्कार
व्यक्तित्व परीक्षण यूपी पीसीएस परीक्षा के लिए चयन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। इसके लिए कोई निर्धारित पाठ्यक्रम नहीं है। इसमें आपके बायोडाटा और सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इंटरव्यू में उम्मीदवारों को उनके चरित्र के आधार, विभिन्न प्रश्नों की प्रतिक्रिया, सामान्य ज्ञान और जागरूकता, आपके विचार, विपरीत स्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता और नेतृत्व क्षमता का परीक्षण किया जाता है। आपको वर्तमान में घटित होने वाली घटनाओ से सम्बंधित जानकारी होनी चाहिए और दिमाग में यह स्पष्ट होना चाहिए कि वे इस सर्विस में क्यों आना चाहते हैं। इसलिए अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के दौरान आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए और प्रश्नों का सीधा उत्तर देना चाहिए।
यह है यूपीपीसीएस सिलेबस
यूपीपीसीएस प्रारंभिक परीक्षा सिलेबस
प्रश्नपत्र-1
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं। भारत का इतिहास, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, स्वतंत्रता आंदोलन, भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पहलू, राष्ट्रवाद का विकास और स्वतंत्रता प्राप्ति।
भारतीय और विश्व भूगोल- भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक और आर्थिक भूगोल।
भारतीय राजनीति और शासन- पंचायती राज, संविधान, राजनीतिक प्रणाली, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि। आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत विकास, सामाजिक क्षेत्र की पहल, गरीबी समावेश, जैव विविधता, जनसांख्यिकी, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, आदि। सामान्य विज्ञान-भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान।
प्रश्नपत्र-2
तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता, निर्णय लेना और समस्या-समाधान करना, सामान्य मानसिक क्षमता, कक्षा 10 तक की प्राथमिक गणित-
अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति, सांख्यिकी।
कक्षा 10 तक सामान्य अंग्रेजी-कॉम्प्रिहेंशन, डाइरेक्ट इनडाइरेक्ट स्पीच, पंक्चुएशन एंड स्पैलिग्स, एक्टिव एंड पेसिव वॉइस, पाट्र्स आफ स्पीच, ट्रांसफोरमेशन आफ सेन्टेंसेज, वड्र्स मीनिंग, वोकेबलरी एंड यूजेेज, फिल इन द ब्लेंक्स, इडियम्स एंड फ्रेसेस।
कक्षा 10 तक सामान्य हिंदी-हिंदी वरमाला, संध्या, समरस, क्रिया, अनेकार्थी शब्द, विलोम शब्द, तत्सम, ततभव, देशज, विदेशी (शब्द भंडार), शब्द रचना, वाक्या रचना, अर्थ, शब्द रूप, पर्यायवाची शब्द, मुहावरे, लोकोक्तियां, अर्थबोध, हिंदी भाषा के प्रयोग में हम वाली अशुद्धि, उत्तर प्रदेश की मुख्य बोलियां।
यूपीपीसीएस मुख्य परीक्षा का सिलेबस
सामान्य हिंदी
शब्द ज्ञान एवं प्रयोग, उप्सर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग, विलोम शब्द, अनेक शब्द के लिए एक शब्द शब्द, वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि, सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन,
दिए हुए गद्य का अवबोध एवं प्रश्नोत्तर, संक्षेपण, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र, लोकोक्ति एवं मुहावरे
निबंध
भाग-क: साहित्य और संस्कृति, सामाजिक, राजनीतिक
भाग-ख: विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी, आर्थिक, कृषि, उद्योग और व्यापार
भाग-ग: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयोजन, प्राकृतिक आपदा, सूखा, भूस्खलन, भूकंप, जल प्रलय आदि।
सामान्य अध्ययन 1
भारतीय संस्कृति का इतिहास, प्राचीन काल से आधुनिक काल तक कला रूपों, साहित्य और वास्तुकला के प्रमुख पहलू।
स्वतंत्रता संग्राम- देश के विभिन्न हिस्सों से इसके विभिन्न चरण और महत्वपूर्ण योगदान। देश के भीतर स्वतंत्रता के बाद का एकीकरण और पुनर्गठन (1965 तक)।
आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 से 1947 तक) महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व और मुद्दे, आदि।
विश्व का इतिहास; 18 वीं शताब्दी से 20 शताब्दी के मध्य तक की घटनाएं जैसे कि 1789 की फ्रांसीसी क्रांति, औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुननिर्माण, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद, आदि – उनके रूप और समाज पर प्रभाव।
भारतीय समाज और संस्कृति की प्रमुख विशेषताएं।
समाज और महिलाओं के संगठन, जनसंख्या और संबंधित मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक मुद्दे, शहरी करण, उनकी समस्याओं और उनके उपचार में महिलाओं की भूमिका।
उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अर्थ और अर्थव्यवस्था, राजनीति और सामाजिक संरचना पर उनके प्रभाव।
सामाजिक सशक्तिकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता।
दुनिया के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण – भारत के विशेष संदर्भ में दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के संदर्भ में जल, मिट्टी, जंगल। उद्योगों के स्थान के लिए जिम्मेदार कारक (भारत के विशेष संदर्भ के साथ)।
भौतिक भूगोल की प्रमुख विशेषताएं-भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी गतिविधि, चक्रवात, समुद्री धाराएं, हवाएं और हिमनद।
भारत के समुद्री संसाधन और उनकी क्षमता।
भारत पर ध्यान केंद्रित करने के साथ दुनिया की मानव प्रवास-शरणार्थी समस्या।
भारतीय उप-महाद्वीप के संदर्भ मे सीमाएं।
जनसंख्या और बस्तियां-प्रकार और पैटर्न, शहरी करण, स्मार्ट सिटी और स्मार्ट गांव।
उत्तर प्रदेश का विशिष्ट ज्ञान- इतिहास, संस्कृति, कला, वास्तुकला, त्योहार, लोकनृत्य, साहित्य, क्षेत्रीय भाषाएं, विरासत, सामाजिक रीति-रिवाज, और पर्यटन।
यूपी-भूगोल का विशिष्ट ज्ञान- मानव और प्राकृतिक संसाधन, जलवायु, मिट्टी, जंगल, वन्य जीवन, खदान और खनिज, सिंचाई के स्रोत।
सामान्य अध्ययन 2
भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना, संविधान के मूल प्रावधानों के विकास में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका।
संघ और राज्यों के कार्य और जिम्मेदारियां- संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियां, शक्तियों का विचलन और स्थानीय स्तर तक वित्त और उसमें चुनौतियां।
केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों में वित्त आयोग की भूमिका।
शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र और संस्थान। वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र का उद्भव और उपयोग।
अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ भारतीय संवैधानिक योजना की तुलना।
संसद और राज्य विधान सभाएं- संरचना, कामकाज, व्यवसाय, शक्तियों और विशेषाधिकारों और संबंधित मुद्दों का संचालन।
कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली- सरकार के मंत्रालय और विभाग, दबाव समूह और औपचारिक-अनौपचारिक संघ और राजव्यवस्था में उनकी भूमिका। जनहित याचिका (पीआइएल)।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की प्रमुख विशेषताएं।
विभिन्न संवैधानिक पदों, शक्तियों, कार्यों और उनकी जिम्मेदारियों के लिए नियुक्ति।
सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, उनकी विशेषताएं और कार्यप्रणाली।
विभिन्न क्षेत्र और उनके डिजाइन, कार्यान्वयन और सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) से उत्पन्न मुद्दों के लिए सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप।
विकास प्रक्रियाएं- गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (एसएचजी), विभिन्न समूहों और संगठनों, दानदाताओं, दान, संस्थागत और अन्य हितधारकों की भूमिका।
केंद्र और राज्यों द्वारा जनसंख्या के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं, तंत्रों, कानूनों, संस्थानों और निकायों के प्रदर्शन
कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए योजना।
स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
गरीबी और भुखमरी से संबंधित मुद्दे, शरीर की राजनीति पर उनके निहितार्थ।
शासन के महत्वपूर्ण पहलू। पारदर्शिता और जवाबदेही, ई-गवर्नेंस एप्लिकेशन, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और क्षमता, नागरिक, चार्ट्र्स और संस्थागत उपाय।
उभरती प्रवृत्तियों के संदर्भ में लोकतंत्र में सिविल सेवा की भूमिका।
भारत और उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंध।
द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और समझौते जिसमें भारत शामिल है या भारत के हित को प्रभावित करता है।
भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव-भारतीय प्रवासी।
महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं, उनकी संरचना, जनादेश और कार्यप्रणाली।
राजनीतिक, प्रशासनिक, राजस्व और न्यायिक प्रणाली के बारे में उत्तर प्रदेश का विशिष्ट ज्ञान।
क्षेत्रीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वर्तमान मामले और घटनाएं।
सामान्य अध्ययन 3
भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य और उपलब्धियां, नीति आयोग की भूमिका, सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का उद्देश्य।
गरीबी, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के मुद्दे।
सरकारी बजट और वित्तीय प्रणाली के घटक।
प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई और सिंचाई प्रणाली, कृषि उपज का भंडारण, परिवहन और विपणन, किसानों की सहायता में ई-तकनीक।
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित मुद्दे – उद्देश्य, कामकाज, सीमाएं, पुनर्मूल्यांकन, बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे, कृषि में प्रौद्योगिकी मिशन।
भारत में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग- गुंजाइश और महत्व, स्थान, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकता, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
स्वतंत्रता के बाद से भारत में भूमि सुधार।
अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण और वैश्वीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में बदलाव और औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव।
इन्फ्रास्ट्रक्चर-ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे, आदि।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी-विकास और रोजमर्रा की जिंदगी में एप्लीकेशन और राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण। नई प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, दोहरी और महत्वपूर्ण उपयोगी प्रौद्योगिकी।
सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर, ऊर्जा संसाधन, नैनो प्रौद्योगिकी, सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जागरूकता। बौद्धिक संपदा अधिकारों (आइपीआर), और डिजिटल अधिकारों से संबंधित मुद्दे।
पर्यावरण सुरक्षा और पारिस्थितिक तंत्र, वन्यजीवों का संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरण प्रदूषण और गिरावट, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।
गैर-पारंपरिक सुरक्षा और सुरक्षा चुनौती, आपदा न्यूनीकरण और प्रबंधन के रूप में आपदा।
अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां-परमाणु प्रसार, अतिवाद, संचार नेटवर्क, मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग की भूमिका, साइबर सुरक्षा की मूल बातें, मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी के मुद्दे।
भारत की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां: आतंकवाद, भ्रष्टाचार, उग्रवाद और संगठित अपराध।
भारत में सुरक्षा बलों, उच्चतर रक्षा संगठनों की भूमिका
उत्तर प्रदेश अर्थव्यवस्था का विशिष्ट ज्ञान: यूपी अर्थव्यवस्था का अवलोकन- राज्य के बजट। कृषि, उद्योग, बुनियादी ढांचे और भौतिक संसाधनों का महत्व। मानव संसाधन और कौशल विकास। सरकारी कार्यक्रम और कल्याणकारी योजनाएं।
कृषि, बागवानी, वानिकी और पशुपालन के मुद्दे
यूपी के विशेष संदर्भ में कानून और व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा।
सामान्य अध्ययन 4
नैतिकता और मानव इंटरफेस- मानव क्रिया में नैतिकता के सार, निर्धारक और परिणाम, नैतिकता के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नैतिकता। मानवीय मूल्यों-महान नेता, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षाओं से सबक, मूल्यों को विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका।
दृष्टिकोण-सामग्री, संरचना, कार्य, इसका प्रभाव, और विचार और व्यवहार, नैतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण, सामाजिक प्रभाव और उत्पीडऩ के साथ संबंध।
सिविल सेवा के लिए योग्यता और मूलभूत मूल्य, अखंडता, निष्पक्षता और गैर-पक्षपात, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवाओं के प्रति समर्पण, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और करुणा
भावनात्मक- अवधारणा और आयाम, प्रशासन और शासन में इसकी उपयोगिता और अनुप्रयोग।
भारत और दुनिया के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान।
सार्वजनिक / सिविल सेवा मान और लोक प्रशासन में नैतिकता- स्थिति और समस्याएं, सरकारी और निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं और दुविधा, कानून, नियम, विनियम, और विवेक के रूप में नैतिक मार्गदर्शन, जवाबदेही और नैतिक प्रशासन, शासन में नैतिक मूल्यों को मजबूत करना। अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्त पोषण, कॉर्पोरेट प्रशासन में नैतिक मुद्दे।
शासन में संभावना-लोक सेवा की अवधारणा, शासन और दार्शनिकता का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता। सूचना का अधिकार, आचार संहिता, नागरिक चार्टर, कार्य संस्कृति, सेवा वितरण की गुणवत्ता, सार्वजनिक निधियों का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां।
उपरोक्त मुद्दों पर केस स्टडी।
यूपी पीसीएस वैकल्पिक विषय
कृषि, रासायन विज्ञान, प्राणि विज्ञान, भौतिकी, भूगोल, गणित, अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र, नागरिक शास्त्र, भूविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, मनोविज्ञन, लॉ, सांख्यिकी, पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान, प्रबंधन, इतिहास, राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध, मनुष्य जाति का विज्ञान, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, उर्दू साहित्य, इंग्लिश लिटरेचर, हिंदी साहित्य, वाणिज्य और लेखा, संस्कृत साहित्य, सार्वजनिक प्रशासन,
चिकित्सा विज्ञान।