
देश में अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के बाद लोगों में शेयर बाजार में निवेश की प्रवृत्ति बढ़ी है। यहां तक कि सामान्य लोग भी इसमें दिलचस्पी लेने लगे हैं। अभी कुछ दशक पहले तक सिर्फ मुंबई, कोलकाता, दिल्ली के शेयर बाजारों की ही चर्चा होती थी जबकि आज देश के हर महानगर में शेयर बाजार है और इन सभी स्टॉक एक्सचेंजों में अच्छी-खासी ट्रेडिंग भी हो रही है। भारत का शेयर बाजार इस समय पूरी दुनिया में सबसे शानदार नतीजे दे रहा है। आज पहले के मुकाबले कई गुना ज्यादा निवेश कंपनियां और वित्तीय सलाहकार कंपनियां मैदान में हैं। यही वजह है कि शेयर बाजार में करियर के अवसर बढ़े हंै। इस क्षेत्र में अब एमबीएए, सीए, आईसीडब्लूए या स्टॉक एक्सचेंज से मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट होल्डर्स अपना भविष्य संवार रहे हैं। यदि आप भी शेयर बाजार में कॅरियर बनाने की सोच रहे हैं तो अच्छी कमाई कर सकते हैं।
शेयर बाजार में जॉब ऑप्शन
शेयर बाजार में कई तरह के करियर मौजूद हैं। इनमें प्रमुख हैं-
शेयर बाजार में स्टॉक ब्रोकर
शेयर बाजार में सबसे महत्वपूर्ण शख्स होता है स्टॉक ब्रोकर। यह कमीशन लेकर किसी व्यक्ति या संस्था के लिए सिक्योरिटीज खरीदने का काम करता है। आम भाषा में इसे शेयर दलाल कहते हैं। प्रोफेशनल्स चाहे तो स्वयं ब्रोकर का भी काम कर सकते हैं। इसके लिए आप स्टॉक एक्सचेंज या स्टॉक ब्रोकिंग ज्वाइन कर सकते हैं। अनुभव हो जाने पर स्वयं की फाइनेंशियल एजेंसी सब ब्रोकिग, ब्रोकिंग तथा फर्म भी चला सकते हैं।
पूंजी बाजार की जटिलता को समझना, उसकी भविष्यवाणी करना और इस भविष्यवाणी के आधार पर नफे-नुकसान को ध्यान में रखकर खरीद-फरोख्त करने का काम अच्छी खासी दक्षता मांगता है। इसके अतिरिक्त मानसिक सजगता की भी दरकार रहती है। अर्थव्यवस्था के अलावा देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संदर्भों, स्टॉक एक्सचेंज एवं मनी मार्केट की बारीकियों तथा वित्तीय लेन देन की समझ जरूरी है।
फिर भी आपके पास कम से कम दो साल का अनुभव है तो इस कार्य को करने में खास परेशानी नहीं आएगी। स्टॉक एक्सचेंज में एक ब्रोकर के रूप में मेंबरशिप लेने के लिए सिक्योरिटी डिपॉजिट के अलावा मेम्बरशिप फीस देनी पड़ती है। यह फीस समय-समय पर बदलती रहती है।
सिक्योरिटी ट्रेडर
कुछ स्टॉक ब्रोकर निजी ग्राहकों के लिए काम करना पसंद करते हैं तो कुछ विभिन्न संस्थाओं के साथ जुड़कर उनके लिए काम करते हैं। ऐसे शेयर ब्रोकर जो संस्थाओं के लिए काम करते हैं, उन्हें सिक्योरिटी ट्रेडर भी कहा जाता है।
वित्तीय संस्थाओं के लिए कंसल्टेंसी
कुछ ब्रोकर वित्तीय संस्थाओं के लिए कंसल्टेंसी का भी काम करते हैं। संस्थाओं के लिए सिक्योरिटी खरीदने-बेचने वाले स्टॉक ब्रोकर कमीशन के आधार पर काम करते हैं। यही तरीका निजी ग्राहकों के साथ भी अपनाया जाता है। हां, जो स्टॉक ब्रोकर किसी वित्तीय संस्था के लिए कंसल्टेंसी का काम करता है, उसे एक निश्चित तनख्वाह भी मिलती है।
कैपिटल मार्केट एनालिस्ट
आम लोगों के लिए इंश्योंरेंस फंड, रिटायरमेंट फंड और म्यूचुअल फंड जैसे निवेश का फंडा समझ से बाहर होता है। इसीलिए उन्हें निवेश के लिए एक सलाहकार की जरूरत भी पड़ती है। ऐसे में कंसल्टेंसी का काम भी बेहतर रोजगार होगा। इसके अलावा अभ्यर्थी मार्केट एनालिस्टए रिसर्च एनालिस्ट या इक्विटी रिसर्चर के तौर पर भी काम कर सकते हैं।
कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट
इनका कार्य मार्केट में उभरते ट्रेंड पर नजर रखने के साथ शेयर मार्केट में पूंजी निवेश संबंधी सलाह देना है। ऐसे जानकार आमतौर पर म्यूचुअल फंड्स एवं फाइनेंशियल इंवेस्टमेंट कंपनियों में कार्य करते हैं।
सिक्योरिटी एनालिस्ट
सिक्योरिटी एनालिस्ट का कार्य आमतौर पर कॉमर्स ग्रेजुएट या फिर इकोनॉमिस्ट करते हैं। इनका कार्य एडवाइजर के रूप में इंश्योरेंस कम्पनियांए ब्रोकरेज फर्मो एवं चोटी की वित्तीय कंपनियों में मार्केट की सही जानकारी देना होता है।
मार्केटिंग एंड सेल्स रिप्रेजेंटिव
बॉन्ड्स, इंस्टीट्यूशनल अकाउंट्स खोलने, म्यूचुअल फंड्स आदि की बिक्री के लिए मार्केटिंग एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव को नौकरी पर रखा जाता है। सिक्योरिटी रिप्रेजेंटेटिव. शेयरों को खरीदने एवं बेचने से संबंधित जानकारी देने तथा नए ग्राहकों का खाता खोलने के लिए कंपनियां सिक्योरिटी रिप्रेजेंटेटिव की नियुक्ति करती हैं।
मार्केटिंग एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव, सिक्योरिटी रिप्रेजेंटेटिव एवं कैपिटल मार्केट स्पेशलिस्ट, इकोनॉमिस्ट, एकाउंटेंट, फाइनेंशियल एनालिस्ट, इन्वेस्ट एनालिस्ट, , फ्यूचर प्लानर्स, सिक्योरिटी एनालिस्ट, इक्विटी एनालिस्ट आदि तमाम प्रकार के कार्य हैं, जिनकी पैनी निगाह वित्तीय लेखे-जोखे, रिसर्च तथा बाजार से जुडे कई प्रकार के आकलन पर होती है।
शेयर मार्केट में करियर के लिए कोर्स
पिछले कुछ सालों में शेयर मार्केट के क्षेत्र में कई बड़े घोटाले सामने आए हैं। उनमें प्रतिभूति घोटाला, यूटीआई जैसे घोटाले ने तो सरकार की जड़ें हिला कर रख दीं। लिहाजा इससे निजात पाने के लिए सरकार ने कई कानून और उच्च तकनीकी प्रक्रिया अपनाई है। इसके तहत शेयर मार्केट में रोजगार के लिए सरकार ने सर्टिफिकेट कोर्स जैसी शर्ते अनिवार्य कर दी हैं। यही वजह है कि कैपिटल मार्केट डीलर मॉड्यूल, प्रोग्राम ऑन कैपिटल मार्केट, सर्टिफिकेट कोर्स ऑन स्टॉक मार्केट और शेयर ब्रोकिंग जैसे पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई है। फिलहाल इस क्षेत्र में बहुत ही कम प्रतियोगिता है। लिहाजा सभी पाठ्यक्रमों में दाखिला आसानी से मिल जाता है। फाइनेंस से एमबीएए इकोनॉमिक्स या कॉमर्स से मास्टर डिग्री धारक और चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट जैसे पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा करने वाले अभ्यर्थी भी इस क्षेत्र में कॅरियर बना सकते हैं। इसके अलावा विभिन्न तरह के फाइनेंसए कॉमर्स और मैनेजमेंट के कोर्स कर रहे युवाओं के लिए भी शेयर मार्केट से जुड़े विभिन्न उपक्रमों और सहायक-क्षेत्रों में प्रबल सभावनाएं हैं।
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