
आम बजट 2021 में करीब 100 नए सैनिक स्कूल बनाए जाने से लेकर एजुकेशन कमीशन के गठन जैसे अन्य कई बड़े फैसलों के बारे में जानकारी दी गई है।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट का ऐलान करते हुए कहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत हायर एजुकेशन कमीशन का गठन किया जाएगा, जो देश में उच्च शिक्षा का एकमात्र नियामक होगा। 2019 के बजट में देश में शोध को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान) खोलने की घोषणा की गई थी। इसके बाद अब इस बजट में अगले पांच साल के लिए 50 हजार करोड़ की व्यवस्था की जा रही है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि लद्दाख में लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी। देश में 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। ये स्कूल एनजीओ, राज्य सरकारों और प्राइवेट सेक्टर की मदद से पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप पर खोले जाएंगे।
इसके अलावा नई शिक्षा नीति की जरूरतों के अनुसार देशभर में 15 हजार आदर्श स्कूल खोले जाएंगे।
गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देकर इनको सुदृढ़ बनाया जाएगा। अनुसूचित जाति के 4 करोड़ बच्चों के लिए 6 साल में 35 हजार 219 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
वहीं, आदिवासी क्षेत्रों में 750 एकलव्य मॉडल स्कूलों में सुविधाओं का सुधार करने के साथ ही आदिवासी बच्चों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप भी लाई जाएगी। इसके लिए बजट राशि 20 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 38 करोड़ रुपए तक कर दी गई है। वहीं, पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी छात्रों के लिए स्कूलों को 48 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
एससी स्टूडेंट्स के लिए पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम जारी रहेगी। इसके लिए वित्तीय मदद बढ़ाई जा रही है। अगले 6 साल के लिए 35.219 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। जिससे देश के करीब 4 करोड़ एससी स्टूडेंट्स को 10वीं के बाद शिक्षा जारी रखने में मदद दी जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने देश में बेहतर रोजगार के लिए कौशल विकास और प्रशिक्षण के लिए युवाओं को तैयार करने और देश के वर्कफोर्स को वैश्विक स्तर पर स्किल्ड बनाने के लिएके मकसद से नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम शुरू करने की घोषणा की। जापान के साथ इंटर ट्रेनिंग प्रोग्राम की जानकारी दी गई है। वित्त मंत्री ने कहा है कि इसे अन्य कई देशों के साथ भी शुरू किया जाएगा। संयुक्त अरब अमीरात-यूएई के साथ ऐसी एक ट्रेनिंग पार्टनरशिप पर काम चल रहा है।
इससे बेरोजगार युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है। 2024 तक शिपयार्ड में करीब 1.5 लाख नौकरियों की घोषणा की गई है।
साल 2016 में नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन स्कीम लॉन्च हुई थी। अब सरकार अप्रेंटिसशिप एक्ट में संशोधन कर रही है। पढ़ाई पूरी करने के बाद स्टूडेंट्स इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन व डिप्लोमा करने वालों को अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए करीब 3 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
इनको मिली निराशा
इस बजट ने उन लाखों-करोड़ों युवाओं को निराश किया है जो सरकारी नौकरियों के लिए घोषणाओं का इंतजार कर रहे थे। बजट में स्कूल संचालक, शिक्षाविद और अभिभावकों ने भी बड़ी उम्मीदें पाल रखी थी। कोरोना काल में शिक्षा के सेक्टर को बहुत नुकसान पहुंचा था। इस सेक्टर के लोग भी आर्थिक तंगी का हवाला दे कर वित्त मंत्री से राहत पैकेज की मांग कर रहे थे। डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया जा रहा था। ग्रामीण इलाकों में डिजिटाइजेशन पर फोकस, डिजिटल उपकरण सस्ते करने और हाई स्पीड इंटरनेट सुविधा के लिए भी ठोस पहल की उम्मीद थी।