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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 9 लाख बीएड डिग्रीधारी REET लेवल-1 से बाहर

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15,500 पदों पर BSTC कैंडिडेट्स को मिलेगी नियुक्ति

BSTC (बेसिक स्कूल टीचिंग सर्टिफिकेट )-B.Ed. विवाद से जुड़े केस में सुप्रीम कोर्ट ने BSTC अभ्यर्थियों और राजस्थान सरकार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। साथ ही, कोर्ट ने B.Ed. डिग्री धारियों को राहत देने से इनकार कर दिया। इनकी संख्या करीब 9 लाख है। अब REET लेवल-1 में BSTC अभ्यर्थियों को हक मिलेगा। इनकी संख्या करीब 7 लाख है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से 15500 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। लेवल-1 के पद BSTC कैंडिडेट्स से ही भरे जाएंगे, जबकि B.Ed. कैंडिडेट्स को लेवल-2 में ही नियुक्ति का हक मिल सकेगा।

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार की ओर से नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन को नोटिस जारी कर इस पूरे मामले पर जवाब मांगा था। नवंबर 2021 में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर ने अहम फैसले में REET लेवल-1 में केवल BSTC अभ्यर्थियों को ही योग्य माना था। साथ ही, कोर्ट ने केस में B.Ed. डिग्री वाले कैंडिडेट्स को REET लेवल-1 के लिए अयोग्य करार ठहराते हुए उनका परीक्षा परिणाम निरस्त करने के भी आदेश दिए थे। राजस्थान हाईकोर्ट के इस आदेश से ना केवल राजस्थान बल्कि देशभर के BSTC अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली। बीएड डिग्री धारी अभ्यर्थियों को झटका लगा था।

B.Ed. डिग्रीधारी लेवल-1 से बाहर
26 सितंबर 2021 को हुई REET परीक्षा के लेवल-1 में लगभग 9 लाख B.Ed. योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी भी शामिल हुए। इसे लेकर BSTC अभ्यर्थियों ने विरोध कर दिया। मामला हाईकोर्ट में पहुंचा और दोनों पक्षों की ओर से सुनवाई की गई। हाईकोर्ट के जज अकील कुरैशी और सुदेश बंसल की खंडपीठ ने NCTE के नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक बताते हुए BSTC अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद दोनों परीक्षा देने वाले करीब 9 लाख अभ्यर्थी लेवल-1 के लिए अयोग्य ठहरा दिए गए।

एनसीटीई के एक नोटिफिकेशन से शुरू हुआ था यह विवाद

उल्लेखनीय है कि इस विवाद की शुरुआत एसीटीई की ओर से वर्ष 2018 में जारी किये गये एक नोटिफिकेशन से हुई थी। इसमें एनसीटीई ने बीएड डिग्रीधारकों को भी रीट लेवल-1 के लिए योग्य माना था। इसके साथ ही एनसीटीई ने यह भी कहा था कि अगर बीएड होल्डर परीक्षा में पास होते हैं तो उन्हें इस लेवल में नियुक्ति मिलने के बाद इसके साथ ही 6 महीने का ब्रिज कोर्स पूरा करना होगा। एनसीटीई के इस नोटिफिकेशन और बीएड डिग्रीधारकों को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। उसके बाद यह मामला लंबा खिंचता चला गया था।

राजस्थान हाई कोर्ट ने दिया था यह फैसला

दरअसल बीते नवंबर में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जोधपुर ने अपने अहम फैसले में रीट लेवल-1 में केवल बीएसटीसी डिग्रीधारियों को ही योग्य माना था। हाई कोर्ट ने इस मामले में बीएड डिग्रीधारी कैंडिडेट्स को रीट लेवल वन के लिए अयोग्य ठहरा दिया था. इसके साथ ही उनका परीक्षा परिणाम निरस्त करने के भी आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के इस फैसले से बीएसटीसी धारकों को बड़ी राहत मिली थी। इस पर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बीएडधारकों को राहत देने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।

 

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