
बिहार में कक्षा पहली से 8वीं तक के स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा प्रमोट करने का फैसला किया गया है। शिक्षा विभाग ने कोरोना के कारण पढ़ाई में हुए नुकसान के मद्देनजर फैसला किया है कि सरकारी स्कूलों में सेशन 2020-21 में पहली से आठवीं तक के सभी स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा की अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा।
राज्य भर के सभी सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक लगभग 1.66 करोड़ छात्र नामांकित हैं। अकादमिक नुकसान की भरपाई के लिए तीन महीने के लिए कैच-अप कक्षाएं आयोजित करने का फैसला किया है। छात्रों को वर्तमान पाठ्यक्रम के मौलिक विषय पढ़ाए जाएंगे ताकि वे अगली कक्षा में पढ़ते समय किसी भी कठिनाई का सामना न करें।
इस बीच, शिक्षा विभाग 26 फरवरी से 3 मार्च तक 9 वीं कक्षा में नामांकित 13.17 लाख से अधिक छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षा आयोजित करने के लिए तैयार है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को परीक्षा आयोजित करने के लिए 24 फरवरी तक नवीनतम ओएमआर शीट खरीदने के लिए कहा है। बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि छात्र 4 मार्च से प्रैक्टिकल परीक्षा देंगे।
पिछले साल अप्रैल में, शिक्षा विभाग ने कोविड -19 ट्रिगर स्कूल बंद होने के कारण अंतिम परीक्षा आयोजित किए बिना कक्षा 1 से 9 और 11 वीं कक्षा के छात्रों को प्रमोट किया था।
इस बीच, विभाग 26 फरवरी से 3 मार्च तक 9 वीं कक्षा में नामांकित 13.17 लाख से अधिक छात्रों के लिए वार्षिक परीक्षा आयोजित करने के लिए तैयार है।
पांचवी तक के स्कूल 1 मार्च से खुलेंगे
राज्य सरकार ने कोरोना की वजह से बंद पड़े पहली से पांचवी तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल खोलने का फैसला किया है। राज्य में 01 मार्च से प्राइमरी क्लासेस के लिए राज्य के सभी निजी और सरकारी स्कूलों को कोरोना नियमों के साथ खोला जाएगा।
15 दिनों के बाद दोबारा स्थिति की समीक्षा
स्कूल खुलने के 15 दिनों के बाद दोबारा स्थिति की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि इन बच्चों के लिए कक्षाएं जारी रखी जाए या नहीं। इस दौरान कोरोना गाइडसाइंस का पालन करते हुए रोजाना क्लास में सिर्फ 50 फीसदी बच्चों की ही उपस्थिति होगी। इससे पहले प्रदेश में कक्षा 9वीं से 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए स्कूल 04 जनवरी से खोल दिए गए थे। इसके बाद 8 फरवरी से कक्षा 6 से लेकर 8 तक के बच्चों के लिए भी स्कूल खोले गए। जिसके बाद अब 01 मार्च से प्राइमरी स्कूलों को खोला जाएगा।