
Career in History: इतिहास में आपको हर काल से जुड़े राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक परिस्थिति के बारे बारे में जानकारी दी जाती है। अगर आपमें अतीत को जानने की ललक है, अपनी संस्कृति और इतिहास के प्रति लगाव है तो आप इतिहास में शानदार करियर बना सकते हैं। इतिहास का अध्ययन करने से आप अतीत और उसके साथ अपने संबंधों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं। इतिहास गहरी समझ के द्वार खोलता है और आपको भविष्य की पीढ़ी के लिए अतीत को संरक्षित करने देता है।
इतिहास में करियर बनाने के लिए आपको 12वीं क्लास के बाद इस विषय से ग्रेजुएशन करना होगा। उसके बाद आप अपनी क्षमता अनुसार पीजी, एमफिल और पीएचडी तक कर सकते हैं। इतिहास में अगर आप रेगुलर कोर्स नहीं करना चाहते हैं, तो यहां पर हम आपको आज ऐसे दिलचस्प कोर्स के बारे में जानकारी देंगे, जहां पर आप अपना शानदार करियर बनाकर अपने जॉब का आनंद भी ले सकते हैं।
कहां मिलेगी नौकरी
अगर आप हिस्ट्री में बीए और एमए कर लेते हैं तो आपको सरकारी नौकरी भी मिल सकती है. आर्केलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, सेना और सूचना प्रसारण मंत्रालय में काफी मौके होते हैं. अगर हिस्ट्री के साथ बिजनेस में भी रूचि है तो आपके लिए ऑक्शन हाउस में सेल्स, नीलामीकर्ता और शोधकर्ता के ऑप्शन भी हैं। इसके अलावा आप टीचिंग, पत्रकारिता, लाइब्रेरी, क्यूरेटर, आर्काइव्स, म्यूजियम, इंटरनेशनल आर्ग्नाइजेशन, हिस्ट्रोरिक सोसाइटीज, नेशनल पार्क सर्विसेज में सर्विसेज में नौकरी पा सकते हैं हैं।
12वीं के बाद
बीए इन हिस्ट्री, एन्शिएंट हिस्ट्री, मिडुअल हिस्ट्री, मॉडर्न हिस्ट्री
बीए (ऑनर्स) हिस्ट्री
बीए के बाद
एमए इन हिस्ट्री, एंशिएंट हिस्ट्री, मिडुअल हिस्ट्री/मॉडर्न हिस्ट्री
एमएससी इन ग्लोबल हिस्ट्री, इकोनॉमिक हिस्ट्री
एमए के बाद
एमफिल इन हिस्ट्री
पीएचडी इन एन्शिएंट हिस्ट्री
शॉर्ट टर्म कोर्स
नेशनल आर्काइव्स ऑफ इंडिया जैसी संस्थाएं भी कोर्स कराती हैं. जैसे आर्काइव मैनेजमेंट, रिकॉर्ड मैनेजमेंट, रेप्रोग्राफी, केयर एंड कंजरवेशन ऑफ बुक्स, मनुस्किप्ट्स एंड आर्काइव्स, सर्विस एंड रिपेयर ऑफ रिकॉर्ड्स, हैरिटेज मैनेजमेंट
पुरातत्व (Archaeology)-
अगर आपको पुरानी चीजों की जानकारी रखना, उसके बारें में जानना पसंद है तो आप आक्रियोलॉजी यानी पुरातत्व की पढ़ाई कर सकते हैं। ग्रेजुएशन के बाद आर्कियोलॉजी में एमए या रिसर्च कर बतौर आर्कियोलॉजिस्ट काम कर सकते हैं। इसमें ऐतिहासिक और प्राचीन धरोहरों के रख-रखाव, उसकी खोज, उससे संबंधित जानकारी के काम करने होंगे। इतिहास में आने वाले ज्यादातर छात्रों की पहली पसंद पुरातत्व में पढ़ाई करना होता है। क्योंकि अधिकांश भारतीय विश्वविद्यालय प्राचीन भारतीय संस्कृति और पुरातत्व में एमए पर पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं। ग्रेजुएशन के बाद कोई भी इस कोर्स को कर सकता है और फिर रिसर्च डिग्री के लिए जा सकता है। आप विदेश में अध्ययन करने और पुरातत्व में डिग्री हासिल करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। पुरातत्वविदों का कार्य ऐतिहासिक व प्राचीन धरोहरों की खोज करना है।इस फील्ड अनुभव मिलने के बाद आप हर महीने 50 से 80 हजार की सैलरी पा सकते हैं।
एंथ्रोपोलॉजी (Anthropology)-
इतिहास में पढ़ाई करना चाहते हैं तो एंथ्रोपोलॉजी का कोर्स सबसे बेस्ट होगा। इस कोर्स की पढ़ाई कर आप एंथ्रोपोलॉजिस्ट बन सकते हैं। इसमें आपको अतीत और वर्तमान समाज के साथ मानव के अलग-अलग पहलुओं का अध्ययन करना होता है। इसके अलावा आप राजनीति, संस्कृति और भाषा जैसे सब्जेक्ट्स को भी चुन सकते हैं। इस कोर्स में भी आप विदेशी संस्थानों के साथ मिलकर रिसर्च कर सकते हैं और अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
आज के समय में भारत के कई विश्वविद्यालयों में एंथ्रोपोलॉजी का अध्ययन कराया जाता है। इस विषय में अतीत और वर्तमान समाज के साथ मानव के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। एंथ्रोपोलॉजिस्ट के अध्ययन के लिए संबंधित विभिन्न क्षेत्र भी हैं, जैसे- राजनीति, संस्कृति और भाषा आदि। इन विषयों का अध्ययन काफी दिलचस्प होता है, इसमें आप भारत के साथ विदेश में भी रिसर्च कर सकते हैं।
सांस्कृतिक अध्ययन (Cultural Studies)
यदि आपको अपने देश की संस्कृति में रुचि है, तो आप इस विषय में रिसर्च भी कर सकते हैं। भारत के कई विश्वविद्यालयों में सांस्कृतिक अध्ययन में एमए का कोर्स कराया जाता है। इसके कोर्स में स्वदेशी संस्कृति, लोकगीत, मीडिया, सांस्कृतिक अध्ययन और सिद्धांत शामिल होते हैं। सांस्कृतिक अध्ययन आपको इस क्षेत्र में कई अन्य नौकरी के मौके भी देता है। कोर्स पूरा करने के बाद आप देश के किसी भी कोने में स्थित संग्रहालय, विरासत स्थलों, आर्ट गैलरी में अच्छी जॉब कर सकते हैं।
आर्ट रिस्टोरेशन (FRESCO)
अगर आप इतिहास की चीजों को संजोकर रखना चाहते हैं तो आप फ्रेस्को या आर्ट रीस्टोरेशन का कोर्स कर सकते हैं। यह एक दिलचस्प करियर ऑप्शन है। इस कोर्स में आर्ट को रिस्टोर करना सिखाया जाता है। इसी रीस्टोरेशन के साथ सांस्कृतिक विरासत को उसके मूल रूप में वापस लाया जाता है। उदाहरण के तौर पर खुदाई के दौरान मिली प्राचीन मूर्तियों और कृतियों को उनकी मूल अवस्था में वापस लाने जैसा काम।
खुदाई के दौरान अधिकत्तर ऐसी प्राचीन कृति व मूर्तियां मिलती हैं, जो अपने मूल अवस्था को खो चुकी होती है। ऐसे में इनका दोबारा से रेस्टोरेशन किया जाता है। यह कार्य फ्रेस्को या आर्ट रिस्टोरेशन को जानने वाले लोग करते हैं।
संग्रहालय विज्ञान (Museology)
इतिहास के कोर्स में म्यूजियोलॉजी का कोर्स भी एक बेहतरीन करियर ऑप्शन है।संग्रहालय विज्ञान कोर्स में संग्रहालयों का अध्ययन किया जाता है। ग्रेजुएशन के बाद आप संग्रहालय विज्ञान में यह कोर्स कर सकते हैं। कोर्स के दौरान आपको संग्रहालयों का इतिहास, दस्तावेज़ीकरण, कला, चित्रकारी के बारे में विस्तार से बताया जाता है। आज के समय में इनकी बहुत ज्यादा मांग है। इस फील्ड की खास बात यह है कि इसमें आप रिसर्च भी कर सकते हैं। अगर आपको नॉलेज है तो यहां पर जॉब की कोई कमी नहीं है। आप ग्रेजुएशन के बाद इस कोर्स को कर सकते इस फील्ड में आप देश ही नहीं विदेश के संस्थानों के साथ मिलकर रिसर्च कर सकते हैं। इस फील्ड में अनुभव के साथ अच्छी जॉब और सैलरी भी मिलती है।
मुद्राशास्त्र (Numismatics)
मुद्राशास्त्र में प्राचीन व पुराने सिक्कों का अध्ययन किया जाता है। जब भी सरकार को जमीन के अंदर से कोई भी पुरानी मुद्रा मिलती है, तो इन विशेषज्ञयों की मदद ली जाती है। मुद्रा शास्त्रों में वे विद्वान भी शामिल हैं जो सरकारी संगठनों और विश्वविद्यालयों के साथ काम करते हैं। न्यूमिजमाटिक्स अध्ययन इतिहास और पुरातत्व अध्ययन का एक हिस्सा है। अब भी दुनिया भर में बहुत कम संस्थान हैं जो मुद्राशास्त्र पर कोर्स कराती हैं। हालांकि यह एक शानदार करियर विकल्प है, जो आपको इतिहास के नजदीक ले जाता है।
माइथोलॉजी (Mythological studies)
अगर आपकी रुचि पौराणिक कथाओं को पढ़ने समझने में है तो आप माइथोलॉजी स्टडीज यानी पौराणिक अध्ययन का कोर्स कर सकते हैं। आज के समय में यह कोर्स युवाओं के बीच काफी चर्चित है। अगर आप कुछ ऑफबीट कोर्स करना चाहते हैं तो यह आपके लिए बेस्ट कोर्स हो सकता। पौराणिक कथाओं का संबंध भी इतिहास से है। जिन लोगों को पौराणिक कथाओं को पढ़ना समझना पसंद है, वे माइथोलॉजी स्टडीज यानी पौराणिक अध्ययन का कोर्स कर सकते हैं। आज के वक्त यह कोर्स काफी पॉपुलर भी है। इसकी डिमांड भी खूब है। कुछ विदेशी संस्थान भी यह कोर्स करवाते हैं। वहीं भारत में अभी सिर्फ मुंबई विश्वविद्यालय इस विषय में डिग्री प्रदान करता है।