करियरगाइडेंस4यू.कॉम - करियर आपके लिए-सही दिशा, खुशहाल जिंदगी

टीचिंगन्यूज4यूप्राइमरी एजुकेशनसैकंडरी, हायर सैकंडरी

टीईटी पास किए बिना नहीं बन सकेंगे पीजीटी

TET
TET
  • 9वीं से 12वीं यानी पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (पीजीटी) बनने के लिए टीईटी टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।

अब स्कूल में किसी भी क्लास में पढ़ाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) जरूरी होने जा रही है। अब तक टीईटी की अनिवार्यता सिर्फ क्लास 1 से 8वीं तक के लिए थी। 9वीं से 12वीं यानी पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (पीजीटी) के लिए इसकी जरूरत नहीं होती थी। अब कक्षा 1 से 12 तक शिक्षक बनने के लिए टीईटी टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।

नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की ओर से इसके लिए दिशानिर्देश व टेस्ट पैटर्न तैयार करने के लिए कमिटी गठित की है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की गाइडलाइंस के तहत स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए और शिक्षकों को अपग्रेड करने के लिए एनसीटीई यह तैयारी कर रहा है। इसके मुताबिक कक्षा एक से 12वीं तक, सभी स्कूल टीचर्स के लिए अब टीईटी पास होना जरूरी होगा।

राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए आदेश

देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत किए जा रहे हैं। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में आयोजित होने वाली इस परीक्षा में एकरूपता लाने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षक पात्रता परीक्षा के बदलाव को लेकर रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी संभाल रही राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इसे लेकर विभिन्न राज्यों से पूर्व में आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा का पूरा विवरण, परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों, परीक्षा को लेकर समय-समय पर राज्य द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों के संबंध में जानकारी मांगी है। गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षक प्रशिक्षण को दूर करने पर विशेष जोर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह परीक्षा देने के माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी होनी है।

इंटर के शिक्षकों के लिए होगी टीईटी-3

माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में भर्ती के लिए अध्यापक पात्रता परीक्षा-टीईटी-3 यानी तीसरे स्तर की परीक्षा कराई जाएगी। सभी हाई स्कूलों और इंटर कॉलेजों (कक्षा नौवीं से बारहवीं) में ये व्यवस्था लागू होगी। इसकी रूपरेखा 2021-22 के शैक्षिणिक सत्र में तैयार हो जाएगी। उम्मीद है कि 2023 के बाद वाली भर्तियों में टीईटी अनिवार्य कर दिया जाएगा। अभी तक कक्षा एक से आठ तक के लिए दो अलग-अलग स्तरों की टीईटी होती है नई व्यवस्था के लिए एलटी ग्रेड की शिक्षक सेवा नियमावली में संशोधन होगा। अभी तक सरकारी स्कूलों में लोक सेवा आयोग व सहायता प्राप्त स्कूलों में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग लिखित परीक्षा से भर्ती करता है। लेकिन संशोधन के बाद शिक्षकों को पहले टीईटी भी पास करना होगा। इसके अलावा शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षाए शैक्षिक गुणांक के अलावा साक्षात्कार व पढ़ाने के प्रदर्शन को भी जोड़ा जाएगा।

फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश

माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में भर्ती के लिए अभी तक लोक सेवा आयोग से लिखित परीक्षा के आधार पर भर्ती की जा रही है। कक्षा एक से पांच तक और कक्षा 6 से 8 तक के लिए अलग-अलग अध्यापक पात्रता परीक्षा होती है। यह तीसरे स्तर की परीक्षा होगी जो हाईस्कूल और इंटर कॉलेजों के लिए मान्य होगी। इससे योग्य शिक्षक मिलेंगे। केंद्रीय विद्यालय संगठन के रिटायर्ड एडिशनल कमिश्नर और नवोदय विद्यालय समिति के सलाहकार यूएन खावरे ने कहा कि इस फैसले से टीचर एजुकेशन के क्षेत्र में हो रहे फर्जीवाड़ों पर लगाम लगाया जा सकेगा। देश में हजारों बीएड कॉलेज हैं। गलत तरीके से इनसे बीएड की डिग्री ले लेना आम बात हो गई है। शिक्षकों की भर्ती में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरियां पाने के कई मामले सामने आ चुके हैं क्योंकि भर्तियां शैक्षिक गुणांक के आधार पर हो रही थीं। टीईटी अनिवार्य होने से अच्छे शिक्षक चुनकर आएंगे।

2025 तक तक होने वाली रिक्तियों की गणना होगी

शिक्षक के खाली पदों की संख्या के आकलन के लिए तकनीक आधारित व्यवस्था होगी ताकि इंतजार न करना पड़े। मानव सम्पदा पोर्टल और अन्य स्रोतों से 2025 तक होने वाली शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की रिक्तियों की गणना जून 2021 तक कर ली जाएगी। चयन करने वाली संस्था को प्रस्ताव भेजा जाएगा। सहायता प्राप्त स्कूलों में अप्रैल-2021 तक भर्ती, माध्यमिक शिक्षा विभाग की नई शिक्षा नीति की कार्ययोजना के मुताबिक अप्रैल तक सहायता प्राप्त स्कूलों में सभी रिक्तियों पर भर्ती करनी है। हालांकि ये संभव नहीं है, क्योंकि अकेले उत्तर प्रदेश में ही 15 हजार 508 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन रद्द हुए दो महीने से अधिक समय हो चुका है और अभी तक माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग भर्ती के लिए दोबारा विज्ञापन नहीं निकाल पाया है।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम में है शर्त

केंद्र सरकार के शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) पर 1 अप्रैल 2010 से राज्य में अमल शुरू किया गया था। केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2010 को अधिसूचना जारी कर शिक्षक पद पर नियुक्ति के लिए पात्रता व सेवा शर्तें तय करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को शैक्षणिक प्राधिकरण घोषित किया था। एनसीटीई ने 23 अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 को अधिसूचना जारी कर पहली से आठवीं तक के शिक्षकों के लिए टीईटी को अनिवार्य किया था।

Related posts
इंटरेस्टिंगजनरलजनरल नॉलेजन्यूज4यूप्रशासनिक सेवासिविल सर्विस

ट्रम्प के रवैए से लोकतंत्र को झटका, मजबूत होंगी विस्तारवादी ताकतें

राजेश जैन अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन या तो अपनी आधी खनिज संपदा उसे देने का सौदा करे या अपनी जमीन का करीब पांचवां भाग छोड़ दे, वहीं ‘नाटो’ का सदस्य बनने या किसी दूसरी तरह की सुरक्षा गारंटी हासिल करने की बात तो भूल ही जाए। फरवरी के अंतिम…
कॉलेज-यूनिवर्सिटीटीचिंग

असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के लिए अब अनिवार्य नहीं होगा नेट

यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की सीधी भर्ती को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इससे अब योग, संगीत, परफोर्मिंग आर्ट, विजुअल आर्ट, मूर्तिकला और नाटक जैसे कुल 8 क्षेत्रों के दिग्गज सीधे प्रोफेसर बन सकते हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब…
कॉलेज-यूनिवर्सिटीटीचिंग

प्रोफेसर बनने की ओर सात कदम

शिक्षा के क्षेत्र में कई पद होते है जिनमें एक महत्वपूर्ण पद कॉलेज, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर का है। कॉलेज प्रोफेसर पद पर किसी का भी सीधे चयन नहीं किया जा सकता है। प्रोफेसर बनने के लिए आपको अपने विषय का गहन ज्ञान होना चाहिए। इसके लिए आपके पास नेट, पीएचडी…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *