
डॉक्टर का पेशा अच्छा करियर तो है ही, सेवा भाव के कारण जीवन में संतुष्टि भी देता है। शुरूआत में मेडिकल प्रोफेशन में काफी मेहनत करनी पड़ती है पर इस प्रोफेशन में अच्छी करियर ग्रोथ है। खास बात है कि मेडिकल सेक्टर में कभी भी मंदी का असर नहीं पड़ता। आज पूरे विश्व में डॉक्टर्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। देश में भी लाखों डॉक्टर्स की कमी है। उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि एमबीबीएस करना अच्छा निर्णय है।
नीट यूजी है प्रवेश का जरिया
नीट यूजी देश की सबसे बड़ी चिकित्सा प्रवेश परीक्षाओं में से एक है। इसके माध्यम से हर साल देश के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में करीब 90 हजार एमबीबीएस और बीडीएस की सीटों को भरा जाता है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने विदेश अध्ययन की योजना बना रहे मेडिकल के उम्मीदवारों के लिए भी नीट अनिवार्य है।
एग्जाम पैटर्न
नीट यूजी की परीक्षा 3 घंटे की होती है। यह अभी तक ऑफ लाइन होती है। ऑफ लाइन मोड का मतलब है कि छात्रों को ओएमआर शीट में अपना जवाब मार्क करना होता है। सवाल मल्टिपल चॉइस प्रकार के होते हैं। इसका मतलब यह है कि एक सवाल के चार विकल्प होंगे जिनमें से सही विकल्प का चुनाव करना होता है। फिजिक्स, केमिस्ट्री, जूलॉजी और बोटनी से 45-45 यानी कुल 180 सवाल होते हैं।
मार्किंग स्कीम
सही सवालों के लिए चार नंबर मिलेंगे। हर गलत आंसर के लिए 1 नंबर अतिरिक्त कटेंगे। इसका मतलब हुआ कि अगर आपने एक सवाल गलत किया तो कुल 5 नंबर कटेगा। जिस सवाल का जवाब नहीं देंगे, उसके लिए कोई नंबर नहीं मिलेगा। एक बार मार्क करने के बाद दूसरा आंसर नहीं बदल सकते। एक साथ कई सवालों पर सही का निशान लगाते हैं तो उसको गलत माना जाएगा।
पेपर की भाषा
सभी परीक्षा केंद्रों पर आमतौर पर हिंदी और इंग्लिश भाषा में पेपर उपलब्ध होते हैं। लेकिन क्षेत्रीय भाषा का चुनाव किया है तो उसी हिसाब से केंद्र आवंटित किया जाएगा। जैसे आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में तेलुगु, पश्चिम बंगाल में बांग्ला, कर्नाटक में कन्नड़, गुजरात, दमन, दादर और नगर हवेली में गुजराती, तमिलनाडु में तमिल, असम में असमिया और ओडिशा में उडिय़ा भाषा में पैपर दिया जा सकेगा।
तैयारी के टिप्स
• टाइमटेबल बनाकर तैयारी करने से ज्यादा फायदा होता है। लेकिन टाइमटेबल ऐसा हो जिस पर अमल करना आसान हो। इसमें कुछ समय आपको मनोरंजन के लिए भी निकालना चाहिए। टाइमटेबल इस तरह बनाएं कि जिनमें आप कमजोर हैं, उनको ज्यादा समय दें। जो विषय आसान लगता हो, उसे कम समय दिया जा सकता है।
• आपको अपनी तैयारी एनसीईआरटी स्टैंडर्ड की किताबों से करना चाहिए। इससे आपकी बेसिक्स मजबूत होगा। फॉम्र्युलों को एक जगह नोट कर लें और बार-बार उनको देखें। इससे फॉम्र्युला अच्छी तरह याद हो जाएगा।
• खास विषयों का नोट्स बना लें। रिवाइज करने में आसानी रहती है।
• तैयारी के दौरान नियमित अभ्यास जरूरी है। आपको नियमित रूप से मॉक टेस्ट देना चाहिए। इससे आपको अपनी कमी का पता चल जाता है और उसे समय रहते दूर कर सकते हैं।
• रिविजन जरूरी है। भले ही किसी विषय पर आपकी पकड़ बहुत अच्छी है लेकिन आपको नियमित अभ्यास करना चाहिए।