
राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के आरक्षण के दायरे में आने वालों के लिए बड़ी घोषणा की है। गहलोत ने इस कैटेगिरी के युवाओं को अन्य केटेगिरी के समान सरकारी नौकरी की भर्तियों सहित अन्य मामलों में आयु सीमा और फीस में छूट देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री की इस घोषणा से अब आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग में आने वाली महिलाओं की तरह पुरूष अभ्यर्थियों को भी आयु सीमा में छूट का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही आवेदन फीस में भी में छूट की घोषणा से दोनों (पुरूष व महिला वर्ग) को लाभ मिलेगा।
किसको माना गया है आर्थिक रूप से पिछड़ा ?
परिवार की आय आठ लाख रुपए सालाना से कम। यह OBC आरक्षण में लागू क्रीमीलेयर की सीमा है।
जिनकी कृषि योग्य भूमि पाँच एकड़ से कम।
आवासीय घर एक हजार वर्ग फीट से कम।
अधिसूचित नगरपालिका में 100 गज़ से कम का प्लॉट।
गैर अधिसूचित नगरपालिका इलाके में आवासीय प्लॉट की सीमा 200 गज़।
महिलाओं के लिए बैक टू वर्क योजना
इस घोषणा में मुख्यमंत्री ने उन कामकाजी महिलाओं को वापस जॉब दिलाने की भी घोषणा की है, जो शादी के बाद घर परिवार संभालने के लिए जॉब छोड़ देती है। ऐसी ट्रेंड प्रोफेशनल और कामकाजी महिलाओं को वापस जॉब दिलवाने या उन्हे वर्क फ्रॉम होम का अवसर दिलाने के उदेश्य से प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से बैक टू वर्क योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत आगामी 3 साल में ऐसी 15 हजार महिलाओं को जॉब वापस दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।