
यदि आपको पढ़ाना अच्छा लगता है तो शिक्षण को करियर के रूप में चुनना चाहिए। स्कूल टीचर के रूप में आप बच्चों के कोमल मन को शिक्षित करते हैं। बदलते दौर के साथ-साथ आज टीचिंग एक ऐसा प्रोफेशन बन गया है जिसमें अच्छी कमाई भी होती है और काफी इज़्जत भी मिलती है।
इसे नोबल प्रोफेशन माना गया है। कहा भी जाता है कि किसी भी देश को बदलना हो तो शिक्षा इसका बड़ा जरिया है। इस प्रोफेशन में बोर होने के बहुत ही कम अवसर हैं क्यों कि शिक्षण का क्षेत्र आपको विचारों के आदान-प्रदान व अपने ज्ञान को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है। यदि कक्षा में उपस्थित छात्र उत्साही व सीखने के प्रति लगनशील हों तो शिक्षण भी एक मजेदार अनुभव होता है। छोटे बच्चों को पढ़ाते समय रचनात्मक ऊर्जा, कल्पनाशक्ति, उत्साह, धैर्य की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। इस पेशे का सबसे बड़ा फायदा है-ज्यादा लम्बे वर्किंग आवर्स का नहीं होना। एक अध्यापक घर लौटकर आसानी से घरेलु एवं अन्य वैक्तिगत काम निपटा सकता है। शायद यही वजह है कि महिलाएं इस करियर को सबसे ज्यादा पसंद करती हैं।
शैक्षिक योग्यता
टीचर बनने के लिए करने होंगे यह कोर्स
ध्यान रहे कि आप जिस स्ट्रीम से यानि साइंस, कॉमर्स, ह्यूमैनिटी जिससे भी 12वीं करेंगे, आप आगे जाकर उसी स्ट्रीम में टीचिंग करियर शुरू कर सकते हैं। 12वीं के बाद आपको ग्रेजुएशन करना होगा। ग्रेजुएशन आप किसी भी स्ट्रीम से कर सकते हैं-जैसे बीए, बीएससी, बी.टेक। शिक्षण का क्षेत्र काफी विस्तृत है। इसके लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षक, प्राथमिक शिक्षक, तृतीय श्रेणी, द्वितीय श्रेणी, प्रथम श्रेणी शिक्षक तथा विशेष शिक्षा शिक्षक, शारीरिक शिक्षक आदि होते हैं।
चलिए अब बात करते हैं कि वो कौन से कोर्स हैं जो आपको टीचिंग में करियर बनाने के लिए बहुत जरुरी हैं। ऐसे में शिक्षक बनने के लिए 12वीं, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर अनेक पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। शुरूआती कक्षाओं को पढ़ाने के लिए नर्सरी टीचर ट्रेनिंग-एनटीटी, जूनियर टीचर ट्रेनिंग-जेबीटी, बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट-बीटीसी, डिप्लोमा इन एजुकेशन-डीएड, बीएड आदि की आदि की जरूरत पड़ती है। टीचिंग में करियर बनाने के लिए 12वीं या ग्रेजुएशन के बाद आपको इनमें से एक कोर्स करना होगा
डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन डीईएल एड कैसे करें
सभी सरकारी और निजी स्कूलों को योग्य और प्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों की आवश्यकता होती है। इसके लिए 12वी के बाद डीईएलएड कोर्स यानि डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन किया जा सकता है। इसके लिए 50 फीसदी अंक जरूरी है। यह फुल टाइम डिप्लोमा कोर्स है जो कि दो साल का होता है। डीईएल एड के एडमिशन के लिए 2 स्टेप है। पहले आपको एक एंट्रेंस टेस्ट देना होगा। एंट्रेंस टेस्ट में 10+2 लेवल के प्रश्न आएंगे जो 12वीं के विषयों से मिले जुले होंगे। एंट्रेंस टेस्ट के बाद एक इंटरव्यू राउंड हो सकता है।
बैचलर ऑफ एजुकेशन-बीएड कैसे करें
नई शिक्षा नीति के अनुसार बीएड चार, दो या एक एक साल में की जा सकती है। बारहवीं के बाद बीए, बीएससी के साथ चार की इंटेग्रेटेड बीएड की जा सकती है। कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक कर प्रवेश परीक्षा पास कर दो साल में बीएड की जा सकती है जबकि एक साल की बीएड स्नातकोत्तर डिग्री के बाद होती है।
बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करने के लिए पहले आपको एक एंट्रेंस टेस्ट देना होगा। यह एंट्रेंस टेस्ट स्टेट लेवल, इंस्टीटूट्स, इंडिपेंडेंट एजुकेशनल बॉडीज या किसी विश्वविद्यालय द्वारा कंडक्ट करवाई जाएगी। एंट्रेंस टेस्ट में ग्रेज्युएशन लेवल के प्रश्न आएंगे जो जनरल एप्टीटुडए सामान्य ज्ञानए साइंसए सोशल साइंस और इंग्लिश लैंग्वेज से होगा। एंट्रेस टेस्ट के बाद जीडी ग्रुप डिस्कशन और एक इंटरव्यू राउंड होगा। इस टेस्ट के आधार पर मेरिट लिस्ट निकलेगी जिससे आपकी रैंकिंग तय होगी। इसके बाद काउन्सलिंग में सम्मिलित होना होगा, जिसमें अभ्यर्थी को प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंको के आधार पर कॉलेज मिलते हैं। बीएड करने के लिए बहुत सारे गवर्नमेंट महाविद्यालय और प्राइवेट है। इस परीक्षा का आयोजन सामान्यत: जून-जुलाई माह में किया जाता है और परीक्षा का परिणाम जुलाई अथवा अगस्त तक घोषित कर दिया जाता है।
बीएड की फीस
इस कोर्स की फीस वैसे तो हर इंस्टिट्यूट की अलग.अलग होती है इसीलिए आपको एडमिशन से पहले जिस यूनिवर्सिटी या इंस्टिट्यूट में आप अप्लाई करना चाहते हैं, उसका फीस स्ट्रक्चर पता कर लें। लेकिन नियमित अर्थात रैगुलर कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम शुल्क लगभग 50 से 70 हजार रुपए है। यदि आप बीएड सरकारी संस्थानों द्वारा करते है तो आपको कम फीस देनी होगी। दो वर्षीय बीएड की फीस 32,000 रुपए प्रति वर्ष जबकि चार वर्षीय बीए+बीएड की फीस 18 हजार 500 रुपए प्रतिवर्ष व बीएससी+बीएड की फीस 20 हजार 500 रुपए निर्धारित की गई है। डिस्टेंस एजुकेशन से बीएड करने वालो के लिए फीस कम है।
बीएड कहां से करें
बीएड करनें से पूर्व आपको सर्वप्रथम बीएड कराने वाले संस्थान की मान्यता से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिए, क्योंकि बिना मान्यता प्राप्त कॉलेज से बीएड करने से आपके समय के साथ-साथ धन भी व्यर्थ हो जाएगा। आप जिस कॉलेज से भी शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स करना चाहते हैं, उस संस्थान को राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद यानि नेशनल काउन्सिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन-एनसीटीई से मान्यता प्राप्त होना आवश्यक है। अत: बीएड कॉलेज की मान्यता को की वेबसाइट पर चेक करें और ध्यान दें कि उसे किस सेशन के लिए मान्यता प्राप्त है। एनसीटीई का मुख्यालय दिल्ली है एवं क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल, भुवनेश्वर, बंगलुरु तथा जयपुर में हैं।
बीएड के बाद करियर की संभावना
बीएड करने के पश्चात आप टीजीटी और पीजीटी के माध्यम से शिक्षक बन सकते हैं, यदि आपने बीएड में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं और बीए, बीकॉम, बीएससी या स्नातक स्तर की परीक्षा में भी 50 प्रतिशत अंक हैं तो आप ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर-टीजीटी-के माध्यम से कक्षा 1 से कक्षा 10 तक अध्यापन कर सकते हैं। भारत सरकार नें शिक्षण स्तर को बेहतर बनाने के लिए बीएड के साथ टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट-टीईटी की परीक्षा अनिवार्य किया है, यदि आपके स्नातकोत्तर परीक्षा में 50 प्रतिशत अंक हैं और बीएड भी किया है तो आप पोस्ट ग्रेजुएट टीचर-पीजीटी-के माध्यम से किसी भी सरकारी या निजी स्कूल में कक्षा 12 तक अध्यापन सकते है। आपका आरंभिक वेतन टीजीटी अध्यापकों के रूप में 2.5 लाख से 3.5 लाख रुपए तथा पीजीटी अध्यापकों के रूप में आपको 4 लाख से 5 रुपए वार्षिक वेतन प्राप्त होगा। यह मानना गलत है कि बीएड अथवा एमएड करके टीचर अथवा लेक्चर ही बना जा सकता है। आप पीएचडी भी इसी विषय से कर सकते हैं। इस क्षेत्र में अनुभव रखते हुए आप सुपरवाइजर, इंचार्ज, उपप्रधानाचार्य, प्रधानाचार्य, चेयरमैन, निरीक्षक अधिकारी, इंस्पेक्टर, असिस्टेंट ऑफिसर, डेवलपमेंट ऑफिसर, एजुकेशन चीफ ऑफिसर, प्रबंधक, काउंसलर इत्यादि भी बन सकते हैं। सेना में भी शिक्षकों के लिए अवसर है।