
आपको बच्चों से प्यार है, खेल-खेल में सिखाना पसंद है तो आप प्ले स्कूल या प्री स्कूल टीचर के तौर पर करियर बना सकते हैं। प्री-स्कूल शिक्षा नन्हे बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के लिए तैयार करती है। प्ले स्कूल बच्चे के शुरुआती विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्री स्कूल टीचर बच्चे और मां के बीच सेतु की तरह काम करती है। कामकाजी माताओं के लिए भी यह किसी सहारे से कम नहीं होती। ऐसे में इस करियर से आप पैसे के साथ सम्मान भी प्राप्त करते हैं।
प्ले स्कूल में बच्चों को बैठना, पढऩा, ठीक से बोलना, खेलना इत्यादि सिखाते हैं। बच्चों को उन्हीं की भाषा और खेलों के जरिए शिक्षण के प्राथमिक स्तर से रू-ब-रू कराते हैं। यहां पढऩे वाले 3 से पांच साल तक के बच्चे बेहद सक्रिय होते हैं। इनको सिखाने के लिए शिक्षण के विभिन्न रोचक तरीकों का उपयोग किया जाता है। ऐसे में प्री-स्कूल टीचर को धैर्य और बच्चों में अतिरिक्त रुचि रखना होता है, यदि आपके पास यह योग्यता है तो आपके लिए इससे बेहतर करियर विकल्प नहीं है। इस क्षेत्र में बच्चों को नए कौशल विकसित कराने और सिखाने की सराहना के कारण आपको अत्यधिक संतुष्टि मिल सकती है।
नर्सरी टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम-एनटीटी कोर्स
प्री-स्कूल टीचर के लिए एनटीटी प्रशिक्षण अनिवार्य है। स्नातक या कक्षा 12 उत्तीर्ण विद्यार्थी इस प्रशिक्षण का विकल्प चुन सकते हैं। इसके बाद आप दो साल से कम अवधि के बुनियादी शिक्षकों के प्रशिक्षण में डिप्लोमा या प्रमाण पत्र प्राप्त कर शिक्षक बन सकते हैं।
एनटीटी कोर्स यानि नर्सरी टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम को डिप्लोमा इन नर्सरी टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम भी कहा जाता है। यह कोर्स एक साल का होता है और न्यूनतम योग्यता मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास-न्यूनतम क्वालिफिकेशन माक्र्स 50 फीसदी होती है। एनटीटी में एडमिशन 12वीं के स्कोर से मेरिट के आधार पर भी हो सकता है या फिर आपको कई इंस्टीटूट्स के लिए एंट्रेंस देना होगा। एंट्रेंस टेस्ट में 10+2 लेवल के प्रश्न आएंगे जो 12वीं के विषयों से मिले जुले होंगे। एंट्रेंस टेस्ट के बाद एक इंटरव्यू राउंड और जीडी हो सकता है। इस क्षेत्र में बहुत से रिक्तियां हैं और आने वाले वर्षों में नर्सरी टीचर, असिस्टेंट प्री.प्राइमरी टीचर, डे केयर टीचर, प्ले स्कूल टीचर बहुत से रिक्त पदों और नौकरी की संभावनाओं की उम्मीद कर सकते हैं।
बैचलर ऑफ एलीमेंट्री एजुकेशन-बीईएलएड
बैचलर ऑफ एलीमेंट्री एजुकेशन कोर्स एक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है जो 4 साल का होता है और इसे भी 12वीं के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स के बाद आप एलीमेंट्री लेवल के स्टूडेंट्स के एजुकेशन के साथ डील करेंगे यानि 6-2 साल का आयु समूह। इसके लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास, न्यूनतम क्वालिफि़केशन माक्र्स-50 प्रतिशत। बीईएलएड में एडमिशन के लिए भी आपको एंट्रेंस टेस्ट से गुजरना होगा जो हर एक इन्स्टीट्यूशन के लिए अलग-अलग होता है। कुछ ऐसे भी इंस्टीटूट हैं जो 12वीं के रिजल्ट पर मेरिट के आधार पर एडमिशन दे देते हैं, लेकिन ज्यादातर इंस्टीटूट में आपको कॉमन एंट्रेंस टेस्ट ही देना होगा। एंट्रेंस टेस्ट में 10+2 लेवल के प्रश्न आएंगे जो कि आपके 12वीं के विषयों के आधार पर ही होते हैं। एंट्रेंस टेस्ट के बाद जीडी-ग्रुप डिस्कशन और एक इंटरव्यू राउंड होगा। इन टेस्ट के आधार पर मैरिट लिस्ट निकलेगी आपकी रैंकिंग तय होगी। इस कोर्स की फीस वैसे तो हर इंस्टिट्यूट की अलग-अलग होती है। फीस 20 हजार से 1 लाख 50 हजार तक हो सकती है। बीईएलएड करने के बाद आप इन जॉब के अवसरों में अपना करियर बना सकते है। प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल, एनजीओ, नर्सरी, डे केयर सेंटर, ट्यूशन क्लास। इस कोर्स के बाद आप सीटेट का एग्जाम देकर अपने आप को टीजीटी-ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर के लिए भी योग्य बना सकते हैं। जिसके बाद आप एलीमेंट्री के साथ-साथ सेकेंडरी लेवल यानि क्लास 10 तक के स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं। आप इस कोर्स के बाद सरकारी अध्यापक के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं लेकिन उसके लिए आपके पास स्टेट-सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट का स्कोर होना जरुरी है।