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CUCET 2022 विस्तार से जानिए क्या है कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट-सीयूईटी

cucet 2022
cucet 2022

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से देश भर सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) होगी। इसकी आवेदन प्रक्रिया अप्रैल के पहले सप्ताह से शुरू होगी। सीयूईटी 2022 नोटिफिकेशन एनटीए की वेबसाइट nta.ac.in पर उपलब्ध है। जिन विश्वविद्यालयों में प्रवेश सीयूईटी से लिया जाएगा, उसकी सूची भी जल्द ही एनटीए की वेबसाइट पर जारी होगी।

खास बातें कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट की

-सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और सम्बद्ध कॉलेजों में यूजी दाखिला सीयूईटी से ही होगा।

-कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा के अंकों कोई वेटेज नहीं दिया जाएगा। हालांकि, विश्वविद्यालय 12वीं के न्यूनतम अकों की सीमा निर्धारित कर सकते हैं।

-राज्य विश्वविद्यालय, डीम्ड विश्वविद्यालय और निजी विश्वविद्यालय सीयूईटी के स्कोर के आधार पर प्रवेश देने के लिए स्वतंत्र हैं।

-कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन एनटीए द्वारा जुलाई 2022 के पहले सप्ताह के दौरान किया जाना प्रस्तावित है।

-परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहले शिफ्ट में कंप्यूटर डोमेन टेस्ट, अनिवार्य भाषा परीक्षा और डोमेन-स्पेशिफिक प्रश्न पूछे जाएंगे। दूसरी पाली में भी अन्य डोमेन-स्पेशिफिक प्रश्न पूछे जाएंगे, जो कि विभिन्न विषयों के लिए होंगे।

-सीयूईटी 2022 के क्वेश्चन एनसीईआरटी के कक्षा 12 के सिलेबस के आधार पर पूछे जाएंगे।

-सीयूईटी 2022 का आयोजन 13 भाषाओं में किया जाएगा, जो कि अंग्रेजी, हिंदी, गुजराती, असमी, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगू, और उर्दू हैं।

-सीयूईटी एनटीए परीक्षा में 27 डोमेन-स्पेशिफिक टेस्ट आयोजित किए जाएंगे। इन डोमेन में 13 भाषाओं (एक अनिवार्य, 19 वैकल्पिक भाषाएं) के साथ-साथ अन्य डोमेन जैसे अकाउंटेंसी, जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, अर्थशास्त्र, इतिहास, नृत्य, थिएटर, संगीत, कला, और कई अन्य शामिल होंगे।

-भले ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों और सम्बद्ध कालेजों में दाखिला सीयूईटी स्कोर के आधार पर दिया जाएगा लेकिन विश्वविद्यालयों द्वारा कॉमन काउंसलिंग का आयोजन वहीं किया जाएगा। हर विश्वविद्यालय अपने व सम्बद्ध कालेजों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग का अलग-अलग आयोजन कर सकेंगे।

-सीयूईटी 2022 आधारित यूजी प्रवेश प्रक्रिया में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित आरक्षण नियम प्रभावित नहीं होंगे।

आगामी सत्र से साल में दो बार परीक्षा

यह जानकारी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने दी। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उनसे सम्बद्ध कॉलेजों में वर्ष 2022-23 के लिए दाखिला कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के आधार पर लिया जाएगा। जगदीश कुमार ने कहा कि स्नातक पाठ्यक्रम दाखिला प्रक्रिया में किसी भी राज्य बोर्ड के छात्रों को नुकसान नहीं होगा, बल्कि सभी छात्रों को इससे समान अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, शुरुआत में इस साल सीयूईटी का एक बार आयोजन किया जाएगा, लेकिन एनटीए आगामी सत्र से साल में कम से कम दो बार परीक्षा आयोजित करने पर विचार करेगी।

एग्जाम पैटर्न (CUCET 2022 exam Pattern)

जगदीश कुमार ने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट कम्प्यूटर आधारित होगा । हाल ही में, कुमार ने यह भी उल्लेख किया था कि सीयूईटी 2022 पाठ्यक्रम कक्षा 12 एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुरूप होगा। इसे विभिन्न वर्गों में विभाजित किया जाएगा।CUCET साढ़े तीन घंटे का होगा। छात्रों को MCQ आधारित प्रश्नों में से सही उत्तर का चयन करना होगा। एंट्रेंस परीक्षा 2 शिफ्टों में आयोजित की जाएगी। पहली शिफ्ट में उम्मीदवार सेक्शन I (भाषा), 2 चुने हुए डोमेन विषय और सामान्य परीक्षा होगी। दूसरी शिफ्ट में, वे अन्य चार डोमेन विषयों और एक अतिरिक्त भाषा परीक्षण के लिए उपस्थित होंगे, यदि वे चुनते हैं। सिलेबस में 27 डोमेन-स्पेसिफिक विषय होंगे जिनमें से छात्र छह तक चुन सकते हैं। इनमें कृषि, एंथ्रोपोलॉजी, अकाउंटिंग, बुक-कीपिंग, परफॉर्मिंग आर्ट्स और संस्कृत आदि शामिल हैं। एंट्रेंस टेस्ट का आयोजन जुलाई में किया जा सकता है।

CUET में NCERT की किताबों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे और गलत उत्तरों के लिए नेगेटिव मार्किंग होगी। प्रवेश परीक्षा में तीन खंड होंगे. CUET 2022 हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, ओडिया और अंग्रेजी नाम की 13 भाषाओं में पेश किया जाएगा।

कट-ऑफ अंक अब इतिहास

पिछले साल तक, दिल्ली यूनिवर्सिटी के अधिकांश कोर्सेज के लिए ग्रेजुएट एडमिशन योग्यता के आधार पर और शेष यूजी कोर्सेज के लिए, और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज के लिए एडमिशन की प्रक्रिया NTA द्वारा आयोजित दिल्ली यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा (DUET) से की जाती थी। विश्वविद्यालय में हाई कट-ऑफ अंक अब इतिहास बन गए हैं. इस साल, डीयू के सात कॉलेजों ने कुल 10 कार्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश देने के लिए पहली लिस्ट में 100 प्रतिशत अंक मांगे थे ।

11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम के सवाल नहीं

यह पूछे जाने पर कि क्या इस परीक्षा से स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए कोचिंग संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, कुमार ने कहा, ”परीक्षा के लिए किसी कोचिंग की आवश्यकता नहीं होगी, इसलिए इससे कोचिंग संस्कृति को बढ़ावा मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता। परीक्षा पूरी तरह 12वीं के पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। कई छात्रों को इस बात की चिंता है कि क्या परीक्षा में 11वीं कक्षा के पाठ्यक्रम के भी सवाल पूछे जाएंगे, तो इसका स्पष्ट जवाब है ‘नहीं’ ।कुमार ने कहा, ”राज्य बोर्ड के छात्रों को कोई नुकसान नहीं होगा और परीक्षा सभी बोर्ड के छात्रों को समान अवसर मुहैया कराएगी। विभिन्न आर्थिक पृष्ठभूमियों, देश के विभिन्न स्थानों से संबंध रखने वाले और क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा देने वाले ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों, सभी को समान अवसर मिलेगा।”

बोर्ड परीक्षा अप्रासंगिक नहीं

उन्होंने कहा, ”विश्वविद्यालय बोर्ड परीक्षाओं का उपयोग योग्यता मानदंड के रूप में अब भी करेंगे। कुछ विश्वविद्यालय 60 प्रतिशत और कुछ विश्वविद्यालय 70 प्रतिशत की अनिवार्यता का विकल्प चुन सकते हैं, इसलिए बोर्ड परीक्षाओं के अप्रासंगिक हो जाने का सवाल पैदा नहीं होता। बहरहाल, 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर जोर देने की प्रवृत्ति निश्चित ही कम होगी। किसी छात्र के 98 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बाद भी किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला नहीं मिलने के मामले इसके बाद निश्चित ही कम होंगे।

एनटीए द्वारा तैयार की गई मेरिट लिस्ट के आधार पर छात्रों का होगा प्रवेश

मूल्यांकन विधियों में “विविधता” के कारण सरकार ने प्रवेश के लिए बोर्ड के अंकों का उपयोग करने का पक्ष नहीं लिया।”सीयूईटी के बाद, प्रत्येक विश्वविद्यालय एनटीए द्वारा तैयार की गई मेरिट लिस्ट के आधार पर छात्रों को प्रवेश देगा, और कोई सामान्य परामर्श नहीं होगा। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, और यूपी में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, प्रसिद्ध केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से हैं, जिन्हें अब CUET द्वारा कवर किया जाएगा.

यह पूछे जाने पर कि क्या एएमयू और जामिया जैसे अल्पसंख्यकों के लिए सीटें आरक्षित करने वाले केंद्रीय विश्वविद्यालयों को भी सीयूईटी को अपनाना होगा, कुमार ने स्पष्ट किया कि यूजीसी द्वारा वित्त पोषित सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए परीक्षा अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि CUET ऐसे संस्थानों में आरक्षित सीटों के कोटे को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन उन्हें अनिवार्य रूप से सभी छात्रों को सामान्य परीक्षा के माध्यम से प्रवेश देना होगा। “अंतर केवल इतना है कि इन छात्रों को भी सीयूईटी के माध्यम से आना होगा, जैसे छात्रों को सामान्य सीटों पर प्रवेश दिया जाना है। विश्वविद्यालयों की आरक्षण नीतियां और अध्यादेश अपरिवर्तित रहेंगे। ” हालांकि एएमयू और जामिया ने अभी तक प्रवेश परीक्षा में शामिल होने पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है।

पिछले साल, डीयू की यूजी एडमिशन नीति उच्च कट-ऑफ के कारण विवाद का विषय बन गई। पिछले कुछ सालों से ऐसा ही ट्रेंड देखा जा रहा है। इसके बाद डीयू ने एंट्रेंस के जरिए ही एडमिशन लेने पर विचार किया। डीयू के नवनियुक्त कुलपति योगेश सिंह ने प्रवेश परीक्षा आधारित एडमिशन की वकालत की, जिसके बाद यूनिवर्सिटी की अकादमिक परिषद ने एडमिशन के लिए एक मानदंड के रूप में CUCET को मंजूरी दी।

CUCET के जरिए इन यूनिवर्सिटी में मिलेगा एडमिशन

  • दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
  • असम यूनिवर्सिटी, सिलचरी
  • सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ आंध्र प्रदेश
  • हरियाणा सेंट्रल यूनिवर्सिटी
  • सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ गुजरात
  • सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू
  • झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी
  • कर्नाटक सेंट्रल यूनिवर्सिटी
  • सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ केरल
  • सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ पंजाब
  • सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान
  • सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ दक्षिण बिहार
  • सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ तमिलनाडु

कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों ने संकेत दिया

कुमार ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा के अंक नहीं, बल्कि सीयूईटी के अंकों का उपयोग अनिवार्य होगा और केंद्रीय विश्वविद्यालय अपना न्यूनतम पात्रता मापदंड तय कर सकते हैं। सीयूईटी का काम केवल केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले तक ही सीमित नहीं होगा, क्योंकि कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों ने संकेत दिया है कि वे स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अंकों का इस्तेमाल करने के इच्छुक हैं। कई प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों ने संकेत दिया है कि वे भी इससे जुड़ना चाहते हैं और सीयूईटी के जरिए छात्रों का दाखिला करने के इच्छुक हैं। टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) और जामिया हमदर्द सहित आठ डीम्ड-टू-बी (मानद) विश्वविद्यालयों ने भी स्नातक पाठ्यक्रम में छात्रों को प्रवेश देने के लिए सीयूईटी अंकों का उपयोग करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने सीयूईटी को अपनाने में रुचि दिखाने वाले निजी विश्वविद्यालयों का नाम तो नहीं बताया लेकिन कहा मैंने यूजीसी से रख रखाव के लिए अनुदान प्राप्त करने वाले इन आठ मानद विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और निदेशकों के साथ कल एक बैठक की थी।

 

 

 

 

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