
देशभर के करीब 12 लाख स्टूडेंट्स के लिए इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा-जेईई मेंस-2024 का रिजल्ट घोषित हो चुका है। जेईई एडवांस्ड परीक्षा भी हो चुकी है। अब काउंसलिंग शुरू होगी। इसमें बड़ा सवाल ये होगा कि बीटेक में कौन सी ब्रांच लें? इंजीनियरिंग आपको विशेषज्ञता का अवसर प्रदान करता है और जाने-माने इंजीनियरिंग कॉलेज कई प्रकार के पाठ्यक्रमों की पेशकश करते हैं। ढेरों ऑप्शंस के बीच छात्रों के लिए इंजीनियरिंग की उपयुक्त शाखा चुनना मुश्किल हो जाता है। विद्यार्थियों की दुविधा को ध्यान में रखते हुए आइए सही बीटेक ब्रांच चुनने का तरीका जान लेते हैं। इन्हें फॉलो करके आप अपने लिए सही इंजीनियरिंग ब्रांच चुन सकते हैं, कि आपको बी.ई. या बी.टेक में सीएस लेना है, ईसीई, इलेक्ट्रिकल, सिविल, मैकेनिकल या कोई और स्ट्रीम।
वास्तविकता है कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले के लिए हर स्ट्रीम में स्कोप है। फिलहाल कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेलीकम्युनिकेशन, मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल, केमिकल, एयरोनॉटिकल, बायोमेडिकल, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम लोकप्रिय हैं। पेट्रोलियम, मरीन, बायोटेक्नोलॉजी, पर्यावरण, नाभिकीय, मटेरियल, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल इंजीनियरिंग आदि भी ली जा सकती है। लेकिन आपके लिए सबसे अच्छा क्या है? इसके लिए इन फैक्टर्स पर गौर करें।
रुचि को ध्यान रखें
रुचि और योग्यता को नजरअंदाज करते हुए केवल नौकरी की संभावनाओं के आधार पर ब्रांच का चयन करना ठीक नहीं है। स्कोप के पीछे भागने की जगह अपने इंटरेस्ट या रुचि का ध्यान रखें। अपनी ताकत और कमजोरियों को पहचानने के बाद ही कोई निर्णय लें। वहीं, यदि रुचि की जगह आप सिर्फ स्कोप का ध्यान रख कर स्ट्रीम चुन लेंगे, तो अंत तक आप कहीं नहीं पहुंच पायेंगे। दरअसल अधिकांश समय, स्टूडेंट्स अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं और माता-पिता या साथियों के दबाव में आकर कोई भी ब्रांच को चुन लेते हैं, जिसमें उनकी रुचि नहीं है। दबाव में आकर निर्णय से बाद में उन्हें पछतावा होता है। ऐसी स्थिति में किसी आपको विशेष पाठ्यक्रम में रुचि को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। यह सीखने को आनंददायक तो बनाता ही है, एक सफल करियर का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
पूर्व छात्रों से सलाह लें
अगर आप सही ब्रांच चुनने को लेकर असमंजस में हैं तो कोई भी निर्णय लेने से पहले संबंधित कॉलेज व ब्रांच के विषय में बेहतर तरीके से रिसर्च कर लेना बेहतर होगा।
इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पूर्व छात्रों, इंजीनियरिंग पेशेवरों से मिलने का प्रयास करें। उनकी जीवनशैली और करियर की संभावनाओं के बारे में जानें। इससे आपको स्पष्टता मिलेगी और आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
इसलिए विभिन्न इंजीनियरिंग विषयों की बेहतर समझ हासिल करने के लिए अपने लक्षित विश्वविद्यालयों के पूर्व छात्रों या नेटवर्क के भीतर पेशेवर इंजीनियरों तक पहुंचें। उनके दैनिक कार्यों, उनके सामने आने वाली चुनौतियों और उनके समग्र अनुभवों के बारे में बातचीत करें। ये अंतर्दृष्टि छात्र को प्रत्येक इंजीनियरिंग क्षेत्र की वास्तविकताओं के बारे में मूल्यवान संदर्भ प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, एक काउंसलर भी आपके निर्णय लेने की प्रक्रिया में सहायता प्रदान कर सकता है। इसके अलावा छात्र विभिन्न काउंसलिंग सेशन में भाग ले सकते हैं। यहां आपको सभी ब्रांच के बारे में स्पष्ट जानकारी प्रदान की जाएगी।
वित्तीय पहलुओं पर भी विचार करें
पाठ्यक्रम की फीस और कमाई के अवसरों की तुलना करें। इससे निर्णय लेने में आसानी होगी। अगर आप एयरोनॉटिकल, मरीन इंजीनियरिंग जैसी आकर्षक ब्रांच चुनते हैं तो इसकी फीस ज्यादा हो सकती है।
नौकरी की संभावनाएं और सैलरी पैकेज
अन्य शाखाओं की तुलना में, कंप्यूटर साइंस छात्रों को कहीं बेहतर और अधिक आकर्षक नौकरी के अवसर प्रदान करती है। साथ ही, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी, मेटावर्स आदि इस क्षेत्र में अगली बड़ी संभावना के रूप में उभर रहे हैं। छात्र भविष्य में इन क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए संबंधित कोर्स करने पर विचार कर सकते हैं। पिछले कुछ वर्षों में उद्योग के रुझानों को देखते हुए, यह स्पष्ट है कि पेट्रोलियम इंजीनियरिंग अच्छे सैलरी पैकेज के साथ आती है। इसके अलावा, अधिकांश छात्र अच्छे पैकेज की उम्मीद में कंप्यूटर साइंस में जाते हैं। डेटा साइंस और एआई के बी.टेक पाठ्यक्रम में भी बड़ी संभावनाएं हैं।
वर्क लाइफ बैलेंस
यह समझना महत्वपूर्ण है कि नौकरी पाने के बाद आप किस तरह की लाइफ चाहते हैं। हर किसी की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर है कि उसे किस तरह की जिंदगी और किस तरह का काम चाहिए। उदाहरण के तौर पर सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद काफी फील्ड वर्क की आवश्यकता होती है। इसमें लंबे समय तक काम करने की अपेक्षा की जाती है। दूसरी ओर, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग काम के घंटों में लचीलापन लेकर आती है। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग मेडिसिन और इंजीनियरिंग के बीच एक ब्रिज की तरह काम करता है। यदि आप कारों में रुचि रखते हैं, तो मैकेनिकल के बजाय ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग लेना चाहेंगे। इसलिए अपनी क्षमताओं का विश्लेषण करते हुए, उसके अनुरूप शाखा को प्राथमिकता देनी चाहिए। आप अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर, पसंद के किसी विशेष पाठ्यक्रम के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
फील्ड विजिट, वर्कशॉप
यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि अधिकांश इंजीनियरिंग ब्रांचों में प्रक्टिकल लर्निंग के लिए देश-विदेश के उद्योगों और वर्कशॉप में जाने की आवश्यकता होती है। इसलिए, उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस कॉलेज को वे चुनने जा रहे हैं, उसमें इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की सही सुविधा हो।
अन्य विषय क्षेत्रों को इन्वेस्टिगेट करें
इंजीनियरिंग की दुनिया लगातार विकसित हो रही है। नई प्रौद्योगिकियां सामने आ रही हैं, और विभिन्न इंजीनियरिंग शाखाओं के बीच की सीमाएं धुंधली हो रही हैं। हर ब्रांच के बारे में गहराई से अध्ययन आपको सही विकल्प चुनने में मदद कर सकता है। यह जरूरी है कि किसी खास क्षेत्र में मजबूत आधार हो। लेकिन साथ ही अंतःशास्त्रीय क्षेत्रों और विशेषज्ञताओं को अपनाने के लिए भी खुला रहना चाहिए। यह लचीलापन उद्योग की लगातार बदलती जरूरतों के अनुकूल ढलने और गतिशील कैरियर में सफल होने के लिए उन्हें तैयार करेगा।
भविष्य की योजनाओं को भी ध्यान में रखें
इंजीनियरिंग 4 साल का पाठ्यक्रम है। छात्रों को इन 4 वर्षों के आधार पर कोई पाठ्यक्रम नहीं चुनना चाहिए। छात्र इन 4 वर्षों से आगे देखें और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लें। अभ्यर्थी समझें कि उस पाठ्यक्रम के लिए आगे क्या संभावनाएं हैं और आप उसके साथ काम की एक नई दिशा को कितनी अच्छी तरह पहचान पाएंगे। उम्मीदवार दुनियाभर में चल रहे रुझानों और आवश्यकताओं पर भी ध्यान दें।
ब्रांच में एमटेक के लिए विकल्प
यदि आप आगे इंजीनियरिंग में स्नातकोत्तर करने की इच्छा रखते हैं और पहले से ही कुछ विचार हैं, तो स्नातकोत्तर के अवसरों पर जांच करके ब्रांच चुनना एक अच्छा विचार हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आप बीटेक में मैकेनिकल इंजीनियरिंग चुनते हैं, तो आप रोबोटिक्स, ऑटोमोबाइल, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग आदि में एमटेक कर सकते हैं, लेकिन अगर आप ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में बीटेक करते हैं, तो एमटेक के लिए आपके विकल्प सीमित हो जाते हैं।