
- अन्य विषय पढऩे वाले इंजीनियरिंग कर तो सकेंगे पर अनिवार्य रूप से तीनों विषयों का ब्रिज कोर्स करना होगा
इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जेईई या राज्यों में होने वाली सीईटी जैसी परीक्षा के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स की अनिवार्यता बनी रहेगी। अन्य विषय पढऩे वाले इंजीनियरिंग कर तो सकेंगे पर अनिवार्य रूप से तीनों विषयों का ब्रिज कोर्स करना होगा।
All India Council for Technical Education-AICTE के चेयरमैन प्रो. अनिल दत्तात्रेय सहस्रबुद्धे ने स्पष्ट किया कि नियमों में बदलाव कर उन छात्रों के लिए दाखिले का विंडो खोला गया है जिन्होंने 12वीं में ये विषय नहीं पढ़े। बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल या एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग जैसे स्ट्रीम में शामिल होने वाले छात्रों के पास 12 वीं कक्षा में इन विषयों का अध्ययन नहीं करने का विकल्प होगा।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे इंजीनियरिंग की कुछ स्ट्रीम के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित महत्वपूर्ण विषय बने रहेंगे, ऐसा नहीं है कि ये विषय अपनी प्रासंगिकता खो देंगे। भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित पढ़े बिना किसी को इंजीनियरिंग में दाखिला देने का फैसला विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान और राज्य सरकारों पर होगा। राज्यों या संस्थानों के लिए इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पीसीएम की अपनी वर्तमान अनिवार्य प्राथमिकता को बदलना अनिवार्य नहीं है। हालांकि ऐसे छात्रों को पहले वर्ष में अनिवार्य रूप से तीनों विषयों का ब्रिज कोर्स करना होगा।
प्रो. सहस्रबुद्धे ने तर्क दिया कि 10वीं के बाद पॉलीटेक्नीक से मैकेनिकल, सिविल व इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा कर चुके छात्रों को बीई या बीटेक में सीधे द्वितीय वर्ष में लेटरल एंट्री दी जाती रही है।
सहस्रबुद्धे द्वारा यह स्पष्टीकरण एआईसीटीई द्वारा जारी 2021-22 के अनुमोदन के अनुसार इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए भौतिकी और गणित के बारे में अनिवार्य नहीं होने की खबरों के बाद आया है।
एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि नए विषयों के कारण हम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कई छात्रों ने सवाल किया किए जब उन्हें अपने पूरे करियर में केमिस्ट्री का कोई यूज नहीं है तो फिर उन्हें इस विषय का अध्ययन क्यों करना है। इसी तरह कई छात्रों ने जीव विज्ञान का अध्ययन करने की मांग की क्योंकि उन्हें आगे चलकर बॉयोटेक्नोलॉजी में आगे बढ़ाना है। इसलिए हम उन छात्रों के लिए एक नई विंडो बना रहे हैं, जिन्होंने या तो गणित या भौतिकी या रसायन विज्ञान नहीं लिया है लेकिन इंजीनियरिंग में प्रवेश लेना चाहते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स के लिए नियमों में संशोधन किया जा रहा है।
नियमों में संशोधन के अनुसार छात्रों को 14 निम्नलिखित विषयों में तीन में 12वीं पास करना होगा। यह 14 विषय हैं-भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, जीव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, टेक्निकल वोकेशनल सब्जेक्ट, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज, अंत्रप्रेन्योरशिप सहित अन्य। इसके तहत 12वीं में इन विषयों से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं भी इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं।
मातृभाषा में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की पेशकश करने पर एआईसीटीई ने हाल ही में अपने सर्वेक्षण का हवाला दिया जहां मौजूदा दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष के इंजीनियरिंग छात्रों में से 42 प्रतिशत ने कहा कि वे अपनी मातृभाषा में अपने पाठ्यक्रम को आगे बढ़ाना पसंद करेंगे।
एआईसीटीई के उपाध्यक्ष एमपी पूनिया ने भी बताया था कि इस फैसले को भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने कहा था-उदाहरण के लिए यह कॉमर्स बैक ग्राउंड के एक छात्र को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने में सक्षम करेगा बशर्ते कि वो नियमों में सूचीबद्ध 14 विषयों में से किसी तीन में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण हो।