
- मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री सहित 14 विषय लेने वाले दे सकेंगे जेईई
- कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स भी कर सकेंगे इंजीनियरिंग की पढ़ाई
- एकेडमिक ईयर 2021-22 से लागू होगा नियम
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई से जुड़े अपने नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत अब इंजीनियरिंग (Engineering) के लिए 12वीं में मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अन्य पृष्ठभूमि से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आने वाले स्टूडेंट्स को राहत देने के लिए यह फैसला लिया गया। इस फैसले के बाद अब इस साल से जिन स्टूडेंट्स ने 12वीं कक्षा में मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री की पढ़ाई नहीं की होगी, वे भी इंजीनियर बन सकेंगे।
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने अपने अप्रुअल हैंडबुक 2021-22 में इंजीनियरिंग के यूजी कोर्सेस (BE/BTech) में एडमिशन के लिए फीजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स को ऑप्शनल बना दिया है। अब तक इंजीनियरिंग कोर्सेस में एडमिशन के लिए 12वीं के लेवल पर मैथ्स, फीजिक्स की पढ़ाई अनिवार्य था। अब कॉमर्स बैकग्राउंड के स्टूडेंट्स भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे।
नई रूल बुक के मुताबिक अब इंजीनियरिंग के ग्रेजुएट कोर्सेस और टेक्नोलॉजी कॉलेजों में एडमिशन के लिए 12वीं में इन सब्जेक्ट की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इसके बाद अब एकेडमिक ईयर 2020-21 से विविध पृष्ठभूमि के छात्र भी इंजीनियरिंग कोर्स में एडमिशन ले सकेंगे।
14 विषयों को लिस्ट में किया शामिल
संशोधित नियमों के अनुसार इंजीनियरिंग के ग्रेजुएशन प्रोग्राम में एडमिशन के लिए सामान्य श्रेणी के स्टूडेंट्स को 12वीं में न्यूनतम 45 प्रतिशत और आरक्षित श्रेणी को 40 फीसदी अंकों की जरूरत होगी। इसके अलावा 14 विषयों (फिजिक्स, मैथ्स, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, इनफॉर्मेटिक्स प्रैक्टिस, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, बिजनेस स्टडीज, एंटरप्रेन्योरशिप) की सूची में से तीन विषयों में पास होना जरूरी होगा।
कराया जाएगा ब्रिज कोर्स
AICTE ने यूनिवर्सिटीज से कहा है कि अलग-अलग बैकग्राउंड से आने वाले स्टूडेंट्स को मैथ्स, फीजिक्स, इंजीनियरिंग ड्रॉईंग का ब्रिज कोर्स कराया जाए। ताकि वे बीईए बीटेक प्रोग्राम की जरूरत के अनुसार योग्यता हासिल कर सकें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत लिया यह फैसला
AICTE ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया में फ्लेक्सिबिलिटी लाने के लिए यह पहल की जा रही है। नए नियमों के अनुसार एआईसीटीई ने मेडिसीन और कॉमर्स के स्टूडेंट्स के लिए भी बीई व बीटेक करने के रास्ते खोल दिए हैं।
डिप्लोमा वालों को भी एडमिशन
इसके अलावा इंजीनियरिंग में तीन साल का डिप्लोमा करने वालों को भी बीई-बीटेक में लैटरल एंट्री एडमिशन मिल सकेगा। अगर लैटरल लेवल वैकेंसी खत्म हो जाएगी तो फस्र्ट ईयर में खाली सीटों के आधार पर एडमिशन मिलेगा।
आएआईसीटीई के उपाध्यक्ष एमपी पूनिया ने बताया कि इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए अपने नियमों में संशोधन करते हुए भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने 12वीं कक्षा में गणित, भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान (PCM) विषय में अध्ययन की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। AICTE ने यह निर्णय “विविध पृष्ठभूमि” से इंजीनियरिंग के अध्ययन के लिए आने वाले छात्रों को राहत देने के लिए लिया है। हमने भविष्य को ध्यान में रखते हुए एनईपी के साथ अपने नियमों को जोड़ दिया है। उदाहरण के लिए यह वाणिज्य पृष्ठभूमि के एक छात्र को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए सक्षम बनायेगा, बशर्ते कि वह नियमों में सूचीबद्ध 14 विषयों में से किसी तीन में उत्तीर्ण हो।