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एजुकेशन लोन

एजुकेशन लोन लेकर साकार करें ड्रीम करियर

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  • अगर आप अपने बच्चों के लिए एजुकेशन लोन लेने की सोच रहे हैं तो जरूर पढ़िए। , जानें इससे जुड़ी हर एक जानकारी

हर किसी का सपना होता है कि वह अच्छी शिक्षा प्राप्त कर अपने सपनों के करियर को सकार करे। अपने ड्रीम करियर के लिए वह खूब मन लगाकर पढ़ाई करता है, लेकिन सपने पूरे के लिए अक्सर मेहनत ही पर्याप्त साबित नहीं होती। महंगाई के इस दौर में उच्च शिक्षा महंगी हो चली है। अच्छे कॉलेज या इंस्टीट्यूशंस की फीस अफोर्ड कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं है। ऐसे में जब पैसों की ज़रुरत होती है तो काम आता है एजुकेशन लोन। इसकी मदद से देश में ही नहीं बल्कि विदेश में उच्च शिक्षा पाना भी आसान हो गया है। education loan की खासियत यह होती है कि इसको पढ़ाई पूरी करने के बाद काम करते हुए धीरे-धीरे चुका सकते हैं।

कितना मिलता है एजुकेशन लोन

अमूमन बैंक देश में पढ़ाई के लिए 10 से 15 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन देते हैं। विदेश में पढ़ाई के मामले में यह राशि 20 लाख से 1.5 करोड़ रुपए तक हो सकती है। लोन की यह रकम तय नहीं है और बैंक या वित्तीय संस्थान इससे कम या अधिक लोन भी दे सकते हैं। चुनिंदा इंस्टीट्यूशंस में हायर एजुकेशन के लिए 100 फीसदी तक फाइनेंस होता है।

लोन के अंतर्गत आने वाले विभिन्न पाठ्यक्रम

स्टूडेंट लोन इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, मेडिकल, होटल मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर आदि के क्षेत्र में फुल टाइम, पार्ट टाइम या वोकेशनल कोर्स और ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के लिए लिया जा सकता है।

एजुकेशन लोन क्या कवर करता है?

एजुकेशन लोन के तहत आपके कॉलेज, हॉस्टल, लाइब्रेरी, लैब और एग्जाम फीस, कॉशन डिपॉजिट, बिल्डिंग फंड, रिफंडेबल डिपॉजिट, ट्रैवल, अध्ययन पर्यटन, बीमा प्रीमियम (विदेश में पढ़ाई के लिए बीमा अनिवार्य है।), प्रोजेक्ट वर्क, थीसिस, कोर्स के लिए जरूरी किताबें, यूनिफार्म, इक्विपमेंट्स, इंस्ट्रूमेंट्स, कंप्यूटर या लैपटॉप, 50,000 तक का टू-व्हीलर की खरीद के खर्च कवर हो सकते हैं।

…तो आसानी से मिलेगा एजुकेशन लोन

यह ऋण इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट, आर्किटक्चर, एयरोनॉटिकल पायलट, एयर होस्टेस, शिपिंग, फाइन आर्ट और डिजाइनिंग, होटल मैनेजमेंट से लेकर एग्रीकल्चर साइंस, टीचर ट्रेनिंग, नर्सिंग, पीएचडी, पोस्ट ग्रेजुएशन और सामान्य ग्रेजुएशन तक के लिए मिलता है। लेकिन आईआईटी, आईआईएम, विदेश की रेपुटेड यूनिवर्सिटी के जॉब ओरियंटेड प्रोफेशनल, टेक्निकल ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन डिग्री, जिनकी अच्छी प्रतिष्ठा होती है, यह लोन आसानी और आसान शर्तो पर मिल जाता है।
जिस बैंक में आपका पहले से ही खाता है, वहां से एजुकेशन लोन लेना आपके लिए आसान हो सकता है।

कौन कर सकता है आवेदन

शिक्षा ऋण पाने के लिए विद्यार्थी को प्रथम या मुख्य आवेदक होता है। अभिभावक उप आवेदक होते हैं। एजुकेशन लोन लेने की पात्रता के लिए जरूरी है कि आवेदक-
• भारत का निवासी हो।
• भारत या विदेश में किसी मान्यताप्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी में आपका एडमिशन तय हो चुका हो।
• रिजर्व बैंक के मुताबिक एजुकेशन लोन के लिए उम्र की अधिकतम सीमा नहीं है, लेकिन कुछ बैंकों ने सीमा तय कर रखी है। यह आयु सीमा 16 से 35 वर्ष तक है।

लोन आवेदन की प्रक्रिया

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप एजुकेशन लोन ले सकते हैं। आप या तो संबंधित बैंक में जा सकते हैं और लोन प्रक्रिया के बारे में पूछताछ कर सकते हैं या आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। एक बार जब लोन फाइनल हो जाता है उसके बाद बैंक आपके दस्तावेजों को इकट्ठा करने की प्रक्रिया शुरू करेगा, उस अध्ययन के पाठ्यक्रम का मूल्यांकन करेगा जिसके लिए आप लोन लेना चाहते हैं और आपको समय-समय पर सूचित करता रहेगा।

एजुकेशन लोन के लिए जरूरी दस्तावेज

एक बार जब लोन फाइनल हो जाता है तो बैंक की ओर से आपके दस्तावेज लेने करने की प्रक्रिया शुरू होती है। एजुकेशन लोन के लिए यह दस्तावेज आवश्यक माने जाते हैं-

1.KYC दस्तावेज (आधार कार्ड, पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ प्रमाण)
2.पिछले 6 महीनों की बैंक स्टेटमेंट / पास बुक
3. जिस संस्थान में आप प्रवेश लेना चाहते हैं, वहां के एडमिशन लेटर की कॉपी, फीस स्ट्रक्चर, 10वीं,12वीं और ग्रेजुएशन की मार्कशीट
3.10 और 12वीं की मार्क शीट / पासिंग सर्टिफिकेट
4. सहऋणी-माता-पिता या अभिभावक का आय प्रमाण पत्र या सैलरी स्लिप या दो वर्षों का आयकर रिटर्न-आईटीआर की कॉपी, पिछले छह माह का बैंक स्टेटमेंट मांगा जा सकता है। विद्यार्थी और अभिभावक का पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, पते का प्रमाण, मूल निवास प्रमाण पत्र।
5.पिछले 2 महीने का ITR रिटर्न

6. यदि छात्र अनुसूचित जाति/जनजाति का है तो जाति प्रमाण पत्र।
7. अब्रॉड स्टडी के लिए वीजा, आपके कोर्स की प्रवेश परीक्षा का स्कोर, यात्रा सम्बन्धी दस्तावेज की कॉपी, कोर्स के खर्च का विवरण मांगा जा सकता है।

जमानत, गिरवी की जरूरत

लोन लेते समय कुछ बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने की •ारुरत होती है। ये स्थितियां इस प्रकार हैं-
• एक सह-आवेदक होना चाहिए जो माता-पिता या भाई बहन या पत्नी में से एक हो सकता है।
• अधिकतर बैंकों में चार लाख रुपये तक के लोन के लिए गारंटर की आवश्यकता नहीं होती है, परन्तु इससे अधिक के लिए आपको गारंटर की जरूरी है। आप अपने माता-पिता या रिश्तेदारों को गारंटर बना सकते जिन पर बैंक को विश्वास हो।
• अधिकांश बैंक भारत में पढऩे के लिए 5 से 15 लाख रुपए और विदेश में पढ़ाई करने के लिए 20 से 25 लाख रुपए तक का लोन देते हैं। गारंटर की सहायता से 4 से 7.5 लाख रुपये तक लोन आसानी से मिल जाता है परन्तु इससे अधिक लोन के लिए बैंक आपकी प्रॉपर्टी के पेपर्स को जमानत के रूप में जमा कराती है। 7.5 लाख रुपये से अधिक के लोन के लिए बैंक कुछ गिरवी रखने के लिए बोल सकते हैं।
एक बार लोन एप्लिकेशन स्वीकार हो जाने पर बैंक सीधे कॉलेज, यूनिवर्सिटी को फीस स्ट्रक्चर के हिसाब से पेमेंट कर देते हैं।

एजुकेशन लोन इंट्रेस्ट रेट

•’एजुकेशन लोन के लिए ब्याज दरे ‘का अर्थ उस प्रतिशत राशि से है जो आवेदक से उधार ली गई मूल राशि के लिए ली जाएगी। भारत में चल रही ब्याज दरें IBA (इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन) और RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा विनियमित परिवर्तनों के आधार पर है।अधिकांश बैंक स्टूडेंट लोन के लिए ब्याज दर के रूप में विनियमित MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड आधारित लेंडिंग रेट्स) पर एक मानक प्रतिशत चार्ज करते हैं। जो आवेदक अपनी शिक्षा का भुगतान करने के लिए लोन के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें हमेशा विभिन्न बैंकों के बदलते MCLR पर नजर रखनी रखना चाहिए। वर्तमान में भारत में डोमेस्टिक स्टडी लोन के लिए न्यूनतम ब्याज दर 8.35% है और अधिकतम 15.8% वही स्टडी एब्रॉड स्टूडेंट लोन के लिए न्यूनतम ब्याज दर 9.7% है और अधिकतम 16.2%

रीपेमेंट: ऐसे चुकता है एजुकेशन लोन

लोन छात्र द्वारा चुकाया जाता है। आमतौर पर, चुकौती तब शुरू होती है जब कोर्स पूरा हो जाता है। कुछ बैंक भी नौकरी हासिल करने के 6 महीने बाद या रीपेमेंट के लिए पढ़ाई पूरी करने के एक साल बाद की छूट अवधि प्रदान करते हैं।रीपेमेंट की अवधि आम तौर पर 5 से 7 साल के बीच होती है लेकिन इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।कोर्स अवधि के दौरान, बैंक लोन पर सरल ब्याज दर लेता है। पाठ्यक्रम की अवधि के दौरान साधारण ब्याज का भुगतान भविष्य में रीपेमेंट के लिए छात्र पर समान मासिक किस्त (EMI) के बोझ को कम करता है।

एजुकेशन लोन लेते समय इसका रखें ध्यान

एजुकेशन लोन लेते समय लोन से सम्बंधित सभी शर्तों को जान और परख लेना चाहिए ताकि शिक्षा के बीच में किसी तरह की परेशानी अथवा रुकावट न आ सके।

लोन के लिए आवेदन करते वक्त उसकी प्रोसेसिंग, प्री पेमेंट, लेट पेमेंट फीस आदि के बारे में चेक करना चाहिए।
अधिकतर बैंक लोन एमाउंट का 0.15 तो कई बैंक लोन की राशि पर दो प्रतिशत तक प्रोसेसिंग फीस फीसदी प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं।
अभी चार लाख रुपये तक के लोन के लिए किसी मार्जिन मनी की जरूरत नहीं है। भारत में पढ़ाई करने के लिए लोन की रकम का पांच फीसदी और विदेश में पढ़ाई के लिए 15 फीसदी मार्जिन मनी की जरूरत होती है।
अपने परिवार की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखकर ही लोन लेने का फैसला करें। भुगतान ना होने पर सह आवेदक का क्रेडिट हिस्ट्री प्रभावित होगी। लोन समय पर न चुकाया तो आपके साथ आपके माता-पिता भी बैंक के डिफॉल्टर की सूची में आ जाएंगे। यदि छात्र विदेश चला जाता है तो बैंक सह-आवेदक यानि माता-पिता से उस लोन के पैसे लेगा।
अगर आप कमजोर वर्ग से आते हैं तो सरकारी बैंक से ही लोन लें। इसमें ब्याज सब्सिडी की सरकारी योजना का लाभ आपको मिल सकता है।
लोन की राशि हर सेमेस्टर की शुरुआत में सीधे शैक्षणिक संस्थान के पास पहुंचती है। आपको ध्यान रखना होगा कि इसमें कॉलेज-यूनिवर्सिटी के सभी खर्च कवर हो जाएं।

एजुकेशन लोन के फायदे

लोन लेने और चुकाने में आसानी

अन्य लोन की तुलना में एजुकेशन लोन पाने की प्रक्रिया आसान है।
कई पब्लिक बैंक में एजुकेशन लोन पर सरकार द्वारा सब्सिडी दी जाती है। कई बार सरकार विभिन्न देशों में अपने विद्यार्थियों की शिक्षा में उन्नति के लिए विभिन्न तरह की छूट भी देती है। ऐसे में यह सस्ता पड़ता है।
विद्यार्थियों को पढाई पूरी होने तक भुगतान की कोई चिंता नहीं होती।
एक बार नौकरी मिल जाने के बाद यह ऋण धीरे-धीरे (5 से 15 साल तक) चुकाया जा सकता है।

टैक्स बेनेफिट

सभी तरह के स्टूडेन्ट लोन के ब्याज के रूप में चुकाई गयी रकम पर आयकर कानून के सेक्शन 80-ई के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलती है।
यह छूट किसी व्यक्ति को खुद की या अपने बच्चों की शिक्षा के लिए लिए गए लोन पर चुकाए गए ब्याज पर मिलती है। यह फायदा क्लेम शुरू करने से 8 साल तक मिलता है। यदि छात्र और उसके पिता ने संयुक्त आवेदन दिया है तो छात्र के पिता भी क्लेम कर सकते हैं।

एजुकेशन लोन एक शुरुआती लोन के रूप में आपकी क्रेडिट रेटिंग को बेहतरीन बनाने में मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए जरुरी है कि आप सही समय पर इसे चुका दें। इससे आपके लिए भविष्य में होम, कार या दूसरे लोन आसानी से पाने का मौका रहेगा।

जिम्मेदार बनाने में सहायक

एजुकेशन लोन लेकर पढऩे वाले विद्यार्थी जीवन में बहुत जल्द जिम्मदार हो जाते हैं। वे अतिरिक्त जोश और जूनून के साथ पढ़ाई करते है। उनको लोन चुकाना होता है अत: वे जल्द से जल्द जोब पाने की कोशिश करते हैं। और कोशिश तो कामयाब होती ही है।

अभिभावकों को आसानी

सारे मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छी और गुणवत्ता शिक्षा प्राप्त करें। किसी अच्छे कॉलेज से उससे डिग्री मिले। ऐसे में सबसे बड़ी परेशानी पैसे की होती है। हर साल कॉलेज अपनी फीस में इजाफा करते हैं जिसके साथ एक छात्र के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। भारत में शिक्षा विशेषकर निजी शिक्षण संस्थानों में फीस काफी महंगी है। भले ही एक छात्र योग्यता के आधार पर प्रवेश पाने के लिए योग्य हो, लेकिन वित्तीय बाधाओं के कारण ऐसे संस्थानों में उसके लिए अध्ययन करना मुश्किल हो जाता है। भारत में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए लागत 5 से 12 लाख के बीच है और चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए निजी कॉलेजों की फीस दर कितनी भी हो सकती है कहीं 10 लाख कहीं 50 तो कहीं एक करोड़। विदेश में उच्च शिक्षा की लागत और भी अधिक है।निजी कॉलेजों में फीस हमेशा सरकारी कॉलेजों से अधिक होती हैं। ऐसे में माता-पिता एजुकेशन लोन लेना ही सबसे उचित विकल्प समझते हैं। जिससे उन पर भी बोझ ना पड़े और बच्चा भी बिना किसी परेशानी और चिंता के अपनी शिक्षा भी ग्रहण करता रहे। एजुकेशन लोन लेकर पढऩे वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों की चिंता बहुत कम हो जाती हैं क्योंकि ये उनके बच्चे के लिए उस समय एक तरह का आर्थिक सहयोग साबित होता है।

एजुकेशन लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

लोन की राशि
लोन की राशि इतनी होनी चाहिए कि कोर्स फीस के अलावा पढ़ाई के अन्य बड़े खर्चें भी कवर हो जाएं। हॉस्टल फीस, लैपटॉप और किताबों पर खर्च इसमें शामिल है। देश-विदेश में पढ़ाई के लिए अधिकतम लोन राशि क्रमशः 10 लाख और 20 लाख रुपए है। हालांकि, आईआईएम, आईआईटी और आईएसबी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई के लिए कुछ बैंक या गैर-बैंकिंग कंपनियां (NBFC) इससे ज्यादा लोन भी मंजूर कर सकती हैं।

. भुगतान की अवधि
जब तक कोर्स पूरा नहीं होता तब तक एजुकेशन लोन चुकाने की जरूरत नहीं होती। पढ़ाई पूरी होने के बाद भी बैंक/एनबीएफसी 1 से 2 साल तक का मोरटोरियम पीरियड देती हैं। लेकिन लोन मिलते ही ब्याज लगना शुरू हो जाता है। किस्तें शुरू होने के बाद 15 वर्षों में लोन चुकाना होता है।

. ब्याज दर
आम तौर पर बैंक/NBFC 4 लाख रुपए तक के एजुकेशन लोन के लिए कोलैटरल या गारंटर की मांग नहीं करते हैं। कुछ बैंक 7.5 लाख तक का लोन भी बिना कोलैटरल के दे देते हैं। हालांकि, यदि बैंक/NBFC सह-आवेदक की भुगतान क्षमता से संतुष्ट हैं तो तीसरे पक्ष की गारंटी की जरूरत नहीं पड़ेगी। 7.5 लाख से ज्यादा लोन के लिए प्रॉपर्टी, एफडी, म्यूचुअल फंड, आदि के रूप में बैंक अतिरिक्त सिक्युरिटी मांग सकता है।

. मार्जिन मनी
4 लाख रुपए तक के एजुकेशन लोन के लिए मार्जिन मनी की जरूरत नहीं पड़ती है। इससे ज्यादा राशि का लोन लेने के लिए भारतीय और विदेशी कोर्स के खर्च का क्रमश: 5% और 15% का इंतजाम खुद करना होगा। हालांकि यदि आप आईआईटी जैसे किसी प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थान में एडमिशन लेना चाहते हैं तो SBI जैसे कुछ बैंक मार्जिन मनी की शर्त नहीं रखते हैं।

एजुकेशन लोन के इन पहलुओं पर भी गौर करना जरूरी

कॉलेज-बैंक पार्टनरशिप
कई संस्थान बैंक/NBFC के साथ पार्टनरशिप कर लेते हैं। इसलिए छात्र पता कर सकते हैं कि वो जिस यूनिवर्सिटी/कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं, क्या उसकी किसी बैंक/NBFC के साथ पार्टनरशिप है? ऐसी पार्टनरशिप के चलते आसानी से और कई बार कम ब्याज दर पर एजुकेशन लोन मिल जाता है।

कमाई का अनुमान लगाएं
पढ़ाई के बाद आपको कितनी सैलरी मिल सकती है, इसका अनुमान लगाएं। फिर लोन पेमेंट प्लान इस तरह तैयार करें कि उम्मीद से कम सैलरी मिलने या नौकरी जाने पर डिफॉल्ट का जोखिम ना हो। आप चाहें तो बिना कोई शुल्क दिए एजुकेशन लोन का प्री-पेमेंट भी कर सकते हैं।

टैक्स लाभ
अगर आप अपने लिए, बच्चों, पति/पत्नी या अभिभावक के तौर पर किसी के लिए एजुकेशन लोन ले रहे हैं तो आयकर अधिनियम की धारा 80ई के तहत टैक्स छूट ले सकते हैं। यह छूट लोन के ब्याज भुगतान पर मिलती है और इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है। हालांकि लोन की ईएमआई शुरू होने से 8 सालों तक ही आपको यह टैक्स छूट मिलेगी। इसलिए बेहतर होगा कि 8 सालों में ही पूरा लोन चुका दें।

कोलैटरल या गारंटर
आम तौर पर बैंक/NBFC 4 लाख रुपए तक के एजुकेशन लोन के लिए कोलैटरल या गारंटर की मांग नहीं करते हैं। कुछ बैंक 7.5 लाख तक का लोन भी बिना कोलैटरल के दे देते हैं। हालांकि, यदि बैंक/NBFC सह-आवेदक की भुगतान क्षमता से संतुष्ट हैं तो तीसरे पक्ष की गारंटी की जरूरत नहीं पड़ेगी। 7.5 लाख से ज्यादा लोन के लिए प्रॉपर्टी, एफडी, म्यूचुअल फंड, आदि के रूप में बैंक अतिरिक्त सिक्युरिटी मांग सकता है।

 

 

 

 

 

 

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