भारतीय वायु सेना में युवा अपने करियर को ऊंची उड़ा दे सकते हैं। भारतीय वायु सेना कैसे ज्वाइन करें, इसके बारे में आपको विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
“कुछ सपने पंखों से नहीं, हौसलों से पूरे होते हैं।”
यह वाक्य भारतीय वायु सेना (Indian Air Force – IAF) पर बिल्कुल सटीक बैठता है। नीले आसमान में उड़ते जेट्स, रनवे पर दौड़ते पायलट्स और देश की सुरक्षा में तैनात बहादुर सैनिक — ये केवल दृश्य नहीं, बल्कि गर्व और समर्पण की मिसाल हैं। भारत के पास दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है, और इसमें शामिल होना लाखों युवाओं का सपना होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छात्र के रूप में आप किन रास्तों से एयर फोर्स में जा सकते हैं? कौन-कौन से एग्ज़ाम होते हैं? और वायु सेना के अंदर कौन-कौन सी ब्रांचेस होती हैं?
आईए जानते हैं भारतीय वायु सेना से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी — इसके इतिहास, गौरवशाली मिशन्स और करियर के अवसरों के साथ।
भारतीय वायु सेना का गौरवशाली परिचय
भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 को हुई थी। तब इसे “Royal Indian Air Force” कहा जाता था। 1947 में आज़ादी के बाद से इसका नाम बदलकर Indian Air Force (IAF) रखा गया। आज IAF के पास 1700 से अधिक एयरक्राफ्ट और 1,40,000 से अधिक कर्मचारी हैं। यह वायु सेना न केवल भारत की सीमाओं की रक्षा करती है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं, राहत कार्यों और अंतरराष्ट्रीय मिशनों में भी अपनी भूमिका निभाती है। भारतीय वायु सेना अपनी तकनीकी क्षमता, मानव संसाधन और जज़्बे के कारण दुनिया में चौथे स्थान पर आती है।
IAF में करियर क्यों बनाएं?
देश की सेवा का गौरव।
रोमांच, एडवेंचर और रिस्पॉन्सिबिलिटी का जीवन।
बेहतरीन सैलरी, परमानेंट कमीशन और लाइफटाइम पेंशन।
फ्री मेडिकल, ट्रैवल और हाउसिंग सुविधाएं।
एड्रेनालिन और अनुशासन से भरा करियर।
IAF में भर्ती के तीन मुख्य रास्ते
भारतीय वायु सेना में भर्ती के तीन मुख्य विभाग (Branches) हैं —
Flying Branch
Ground Duty (Technical Branch)
Ground Duty (Non-Technical Branch)
अब देखते हैं कि आप किस स्टेज पर कौन-सा रास्ता चुन सकते हैं
12वीं के बाद प्रवेश के रास्ते
NDA – National Defence Academy
12वीं के बाद वायु सेना में भर्ती का सबसे प्रतिष्ठित रास्ता है NDA Exam, जिसे UPSC आयोजित करता है।
चयनित उम्मीदवारों को खड़कवासला (पुणे) स्थित NDA में 3 साल की ट्रैनिंग दी जाती है। इसके बाद 1 साल की एयर फोर्स ट्रेनिंग होती है Air Force Academy, Dundigal – तेलंगाना में । सफल प्रशिक्षण के बाद आप “Flying Officer” बनकर इंडियन एयर फोर्स का हिस्सा बन जाते हैं।
ब्रांच विकल्प:
फ्लाइंग ब्रांच
ग्राउंड ड्यूटी (टेक्निकल)
ग्राउंड ड्यूटी (नॉन-टेक्निकल)
डिग्री:
फ्लाइंग और टेक्निकल ब्रांच के लिए B.Tech,
नॉन-टेक्निकल ब्रांच के लिए B.Sc. की डिग्री दी जाती है।
पात्रता (Eligibility):
उम्र: 16.5 से 19.5 वर्ष
शिक्षा: 12वीं (Physics, Chemistry, Maths)
मैरिटल स्टेटस: सिंगल (अविवाहित)
फिजिकल फिटनेस: निर्धारित मेडिकल स्टैंडर्ड्स ज़रूरी।
अग्निवीर वायु (Agniveer Vayu)
यह भारतीय वायु सेना का नया भर्ती कार्यक्रम है जो “अग्निपथ योजना” के तहत शुरू हुआ।
पात्रता:
उम्र: 17.5 से 21 वर्ष
शिक्षा: 12वीं PCM/ Non-PCM स्ट्रीम से पास
मैरिटल स्टेटस: सिंगल (अविवाहित)
भर्ती अवधि:
भर्ती केवल 4 वर्षों के लिए होती है। इसके बाद 25% उम्मीदवारों को ही स्थायी रूप से रखा जाता है।
फ़ायदे:
ट्रेनिंग के दौरान अच्छा वेतन, बीमा, स्किल सर्टिफिकेशन और सम्मानजनक सेवा का अवसर।
ग्रेजुएशन के बाद प्रवेश के रास्ते
(A) फ्लाइंग ब्रांच में प्रवेश
अगर आप इंजीनियरिंग या ग्रेजुएशन कर चुके हैं, तो आप Flying Officer बन सकते हैं। इसके लिए तीन मुख्य रास्ते हैं –
1. UPSC पुरुष उम्मीदवारों के लिए CDSE (Combined Defence Services Exam) आयोजित करता है ।
चयन के बाद ट्रेनिंग होती है Air Force Academy, Dundigal (Hyderabad) में।
2. NCC Special Entry
NCC Air Wing ‘C’ Certificate वाले पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं। UPSC परीक्षा की आवश्यकता नहीं। डायरेक्ट SSB Interview के ज़रिए चयन।
3. AFCAT (Air Force Common Admission Test)
पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवारों के लिए। यह सबसे लोकप्रिय परीक्षा है जिससे Flying, Technical और Non-Technical तीनों ब्रांच में भर्ती होती है।
Eligibility (AFCAT/CDSE/NCC)
उम्र: 20 से 24 वर्ष
शिक्षा: 12वीं में Physics और Maths + Graduation (किसी भी विषय में)
इंजीनियरिंग ग्रेजुएट भी अप्लाई कर सकते हैं।
अविवाहित होना आवश्यक।
पोस्ट-ग्रेजुएशन के बाद अवसर
अगर आप Post-Graduation (MBA, M.Sc, MA, MCA आदि) कर चुके हैं, तो आप Ground Duty Non-Technical Branch में भर्ती पा सकते हैं। इसमें आप किन विभागों में जा सकते हैं:
Administration Branch
Accounts Branch
Education Branch
Logistics Branch
पात्रता:
उम्र: 20 से 26 वर्ष
शिक्षा: संबंधित विषय में Post Graduation डिग्री।
25 वर्ष से कम उम्र वालों के लिए अविवाहित होना आवश्यक।
यह वायु सेना की “बैकबोन” कही जाती है। इसका काम होता है – मानव संसाधन प्रबंधन, मटेरियल लॉजिस्टिक्स, प्रशासनिक योजना आदि।
एयर फोर्स में चयन प्रक्रिया
चयन सिर्फ लिखित परीक्षा से नहीं होता, बल्कि उम्मीदवार की बुद्धि, नेतृत्व क्षमता, अनुशासन और शारीरिक फिटनेस की भी जांच होती है।
चयन प्रक्रिया के चरण:
Written Exam (AFCAT/NDA/CDSE आदि)
SSB Interview (Service Selection Board) – 5 दिन की मानसिक, फिजिकल और पर्सनालिटी टेस्टिंग।
Medical Examination – शरीर की संपूर्ण जांच।
Final Merit List – इन सबके बाद अंतिम चयन होता है।
गरुड कमांडो फोर्स: आकाश के योद्धा
IAF की Garud Commando Force भारतीय सशस्त्र बलों की सबसे शक्तिशाली विशेष इकाइयों में से एक है।
इन्हें Counter-Terrorism, Hostage Rescue और Combat Search & Rescue मिशनों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
प्रशिक्षण में शामिल होता है –
पैराशूट जंप,
जंगल सर्वाइवल,
नाइट ऑपरेशन,
हथियार विशेषज्ञता।
गरुड कमांडो देश के किसी भी हिस्से में कुछ ही घंटों में पहुंचकर ऑपरेशन को अंजाम दे सकते हैं।
वेतन और सुविधाएं
भारतीय वायु सेना में सैलरी केवल पैसे का नहीं, सम्मान का प्रतीक है। फिर भी जानिए कि एक अधिकारी को क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं –
पद औसत वेतन (प्रति माह) अन्य सुविधाएं
Flying Officer ₹56,100 – ₹1,77,500 हाउस रेंट, यूनिफॉर्म, मेडिकल, ट्रैवल अलाउंस
Flight Lieutenant ₹6–9 लाख वार्षिक फ्री मेडिकल, कैंटीन, एजुकेशन बेनिफिट्स
Squadron Leader और ऊपर ₹10 लाख+ वार्षिक सरकारी आवास, पेंशन, क्लब सुविधाएं
भारतीय वायुसेना के प्रमुख पद
भारतीय वायुसेना के प्रमुख पद इस प्रकार है-एयर चीफ मार्शल भारतीय वायु सेना का सबसे महत्वपूर्ण और सर्वोच्च अधिकारी होता है। इसके अलावा एयर मार्शल, एयर वाईस मार्शल, एयर कमोडोर, ग्रुप कैप्टन, विंग कमांडर। फ्लाइंग अफसर। जूनियर कमीशंड अधिकारी में मास्टर वारंट आफिसर, वारंट अधिकारी, जूनियर वारंट आफिसर, गैर कमीशंड अधिकारी, हवलदार-सार्जेंट, प्रमुख एयरक्राफ्ट्समैन आदि होते है।
फ्लाइंग, टेक्निकल ग्राउण्ड ड्यूटी व वायु सेना की तीन शाखाएं हैं। इनके अतिरिक्त लॉजिस्टिक, अकाउन्ट, मीटियरोलोजी, एजुकेशन, एडमिनिस्ट्रेशन, मेडिकल व डेन्टल शाखाएं भी होती हैं। वायु सेना देश के विभिन्न क्षेत्रों मे युवाओं को भर्ती कर उन्हें प्रशिक्षित करती है, जिसमें लड़ाकू विमान के पायलेट, मिसाइल टेक्नोलोजिस्ट, मीटियरोलोजिस्ट, एयर ट्राफिक कन्ट्रोलर, लॉजिस्टिक स्पेशलिस्ट, एजुकेशनिस्ट और डॉक्टर आदि शामिल हैं।
महिलाओं की भूमिका
आज भारतीय वायु सेना में महिलाएं भी फाइटर पायलट बन चुकी हैं —अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत, मोहना सिंह जैसी अधिकारी इस परिवर्तन का प्रतीक हैं। अब महिलाएं Flying, Technical और Non-Technical सभी ब्रांच में समान अवसर पा रही हैं।
महिलाओं की भर्ती
भारतीय वायुसेना में महिलाओं की भर्ती विभिन्न संवर्गों में की जाती है। महिलाएं पायलट, नेवीगेटर के पदों पर भी नियुक्ति पा सकती हैं। इसके लिए उन्हें स्नातक तथा 12वीं कक्षा भौतिकी व गणित विषयों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए। आवेदक की उम्र 19 से 23 वर्ष के मध्य होना चाहिए। पायलट एप्टीट्यूड बेट्री टेस्ट में सफल होने के बाद प्रतियोगी को मनौवैज्ञानिक परीक्षण व साक्षात्कार से गुजरना पड़ता है। उन्हें रतौंधी न हो तथा वे चश्मा नहीं लगाती हों। एयर ट्रफिक कंट्रोल शाखा में भर्ती के लिए आवेदक को न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों में भौतिकी व गणित में स्नातक नौसेना के कैडर के पदों के लिए एलएलबी डिग्री न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ होना चाहिए। अद्यतन जानकारी के लिए वायुसेना की वेबसाइटस से प्राप्त की जा सकती है।
अन्य का ऐसे होता चयन
ऑफिसर्स रैंक के नीचे के कर्मकारों का चयन सलेक्शन बोर्ड द्वारा किया जाता है। योग्यताएं: कार्य स्वरूप (क्षेत्र) के अनुसार।
1. ग्रुप एक्स
एयरमैन टेक्नीकल ट्रेड से जाना जाता है। इसके लिए 10+2 गणित, भौतिक विज्ञान और अंग्रेजी विषय लेकर उत्तीर्ण हो या मान्यता प्राप्त पोलीटेक्नीक इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग में डिप्लोमा प्राप्त हो एवं आयु 17 से 22 वर्ष के बीच हो।
2. ग्रुप वाई
इसके अन्तर्गत पुलिस, डिफेंस, सिक्योरिटी, मेडिकल में आवेदन करने वाले 10+2 या विज्ञान, कला या वाणिज्य की समान परीक्षाओं तथा विषयों में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण होना चाहिए। इसकी आयु सीमा 17 से 22 वर्ष है।
3. ग्रुप जेड (म्युजिकल ट्रेड)
इस ट्रेड में उम्मीदवारों को अंग्रेजी लिखने व पढऩे में सक्षम होना चाहिए। आयु सीमा 17 से 35 वर्ष तक है। इन उम्मीदवारों को एक संगीत वाद्य यंत्र जैसे-ट्रम्पेट, बास, वाइलिन, सैक्सोफोन, लोरिनेट, युफोनियम, जैज-ड्रम, पिकॉलो, गिटार, बासट्रॉमबोन, की-बोर्ड, सरोद, वओला, सेलो या कॉन्टा बास (स्ट्रिंग बास) को बजाने की दक्षता होनी चाहिए।
जीवनशैली और करियर ग्रोथ
एयर फोर्स का जीवन अनुशासन, रोमांच और जिम्मेदारी से भरा होता है। हर दिन नई चुनौती होती है, हर मिशन एक नई सीख।यहां केवल नौकरी नहीं, बल्कि “लाइफ विद ऑनर” मिलती है। आप Officer से Wing Commander, Group Captain और Air Marshal तक पदोन्नति पा सकते हैं।
कैसे करें तैयारी
गणित, भौतिकी और जनरल नॉलेज पर पकड़ मजबूत करें।
UPSC (NDA/CDSE) या AFCAT के पिछले साल के प्रश्नपत्र हल करें।
स्पोर्ट्स और फिजिकल फिटनेस पर ध्यान दें।
कम्युनिकेशन स्किल्स और आत्मविश्वास बढ़ाएं।
नियमित अखबार और डिफेंस अपडेट पढ़ें।
आसमान आपका इंतज़ार कर रहा है
भारतीय वायु सेना सिर्फ एक संस्था नहीं, यह भारत के साहस और अनुशासन की पहचान है। यहां हर उड़ान देश की रक्षा के लिए होती है, हर मिशन तिरंगे की शान के लिए। अगर आपके दिल में देशभक्ति है, दिमाग में दृढ़ निश्चय और शरीर में जोश —
तो IAF में आपका स्वागत है। क्योंकि जैसे कि एयर फोर्स का आदर्श वाक्य कहता है —“नभः स्पृशं दीप्तम्” (“Glory that touches the Sky” — महिमा जो आकाश को छू ले!)


