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इंजीनियरिंग शिक्षा: दुनिया के टॉप 100 में हमारे देश के तीन संस्थान

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  • क्यूएस वल्र्ड रैंकिंग में आईआईटी बॉम्बे को 49वां, दिल्ली को 54 और आईआईटी मद्रास को 94वां स्थान

आईआईटी बॉम्बे क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2021 में टॉप-50 संस्थानों में जगह हासिल करने में कामयाब हुआ है। वहीं, टॉप-100 में तीन भारतीय संस्थान शामिल हैं। इनमें आईआईटी बॉम्बे को 49वीं, आईआईटी दिल्ली को 54वीं और आईआईटी मद्रास को 94वीं रैंक मिली है। इसके अलावा ओवरऑल रैंकिंग में ही आईआईटी खडग़पुर ने 101, आईआईएससी बेंगलुरु ने 103 और आईआईटी कानपुर ने 107वीं रैंक हासिल की है।

देश की एनआईआरएफ रैंकिंग में पहला स्थान हासिल करने वाले आईआईएससी बेंगलुरु ने विषयवार रैंक में नेचुरल साइंस विषय में 92वीं पोजिशन हासिल की है। इसी विषय में बॉम्बे की 114, मद्रास की 187 और दिल्ली की 210वीं रैंक है।

पेट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रोग्राम्स में आईआईटी मद्रास ने 30वीं, बॉम्बे ने 41 व खडग़पुर ने 44वीं पोजिशन हासिल की है।

लाइफ साइंसेज और मेडिकल साइंसेज कैटेगिरी में एम्स ने 248वां स्थान हासिल किया है।

ह्यूमैनिटीज विषय में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने 159 और सोशल साइंसेज व मैनेजमेंट विषय में दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 208वां स्थान हासिल किया है।

पुरानी आईआईटीज का हमेशा बेहतर प्रदर्शन

इस रैंकिंग में इन भारतीय विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले कम से कम 25 विषयों के नाम आए हैं। लंबे समय से क्यूएस वल्र्ड रैंकिंग से लेकर देश की एनआईआरएफ रैंकिंग में पुरानी आईआईटीज का ही बेहतर प्रदर्शन रहा है। नई आईआईटीज दूर तक रैंकिंग में नजर नहीं आती। अमूमन यह देखने में आता है कि एनआईआरएफ व वल्र्ड रैंकिंग में संस्थानों की पोजिशन बदल जाती है। दोनों के पैरामीटर्स अलग-अलग हैं। वर्ल्ड रैंकिंग रिसर्च पर अधिक फोकस करती है तो एनआईआरएफ में कई पहलुओं को देखा जाता है। ऐेसे में एनआईआरएफ में जो संस्थान आगे होता है, वह वर्ल्ड रैंकिंग में पिछड़ जाता है।

ग्लोबली टॉप संस्थानों में फिर से अमरीका व ब्रिटेन का ही दबदबा

टॉप संस्थानों में इस साल भी यूएस व यूके का ही दबदबा रहा है। अमेरिका के प्रतिष्ठित एमआईटी ने इस रैंकिंग में अपना पहला स्थान फिर से बरकरार रखा है। इस रैंकिंग में एमआईटी लंबे समय से टॉप पर ही चल रही है। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी दूसरे और यूनिवर्सिटी ऑफ केम्ब्रिज तीसरे संस्थान पर रही है।

ऐसे तय होती है रैंकिंग

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग चार पैरामीटर के आधार पर दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले विषयों के प्रदर्शन की रैंकिंग निर्धारित करता है। शैक्षणिक प्रतिष्ठा, नियोक्ता की प्रतिष्ठा, रिसर्च का प्रभाव और संस्थान के रिसर्च फैकल्टी की उत्पादकता। क्यूएस रैंकिंग देश के 52 उच्च शिक्षण संस्थानों में पढाए जाने वाले 51 विषयों के 253 प्रोग्राम के परफॉर्मेंस का स्वतंत्र डेटा उपलब्ध करवाता है। इसमें कई तरह के इंजीनियरिग विषयों के अलावाए कानून, कला और दूसरे विषय भी शामिल हैं।

पोखरियाल ने दी बधाई

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 2021 के क्यूएस विषय रैंकिंग में शीर्ष 100 संस्थानों की सूची में स्थान बनाने वाले 12 भारतीय संस्थानों को बधाई दी। दुनियाभर के विश्वविद्यालयों की क्यूएस विषय रैंकिंग 2021 जारी करने के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार के भारतीय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और बेहतरी की दिशा में सतत ध्यान दिए जाने के कारण वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित क्यूएस रैकिंग में भारतीय संस्थानों के प्रतिनिधित्व में महत्वपूर्ण सुधार आया है। सरकारी बयान के अनुसार क्यूएस रैकिंग में शीर्ष 100 संस्थानों में स्थान बनाने वाले 12 भारतीय संस्थानों में आईआईटी बाम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खडग़पुर, आईआईएससी बेंगलूर, आईआईएम गुवाहाटी, आईआईएम अहमदाबाद, जेएनयूए अन्ना विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और ओ पी जिंदल विश्वविद्यालय शामिल हैं। आईआईटी.मद्रास अपने पेट्रोलियम इंजीनियरिंग प्रोग्राम के लिए 30वें रैंक पर है। आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी खडग़पुर ने खनिज एवं खनन इंजीनियरिंग के विषय रैंकिंग में क्रमश: 41 और 44वें स्थान हासिल किए हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी डेवलपमेंट स्टडीज विषय में 50वें स्थान पर है।

फार्मेसी और फार्माकोलॉजी के लिए बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) को 151-200 बैंड में रखा गया है। जामिया हमदर्द को इसी श्रेणी में 101-150 बैंड में रखा गया है। इसके अलावा मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी को 151-200 बैंड में रखा गया है।

मैथेमेटिक्स की कटेगरी में बिट्स को 451-500 बैंड में तथा बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज की कटेगरी में बिट्स को 451-500 बैंड में जगह दी गई है।

 

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