
छात्र इंजीनियरिंग करने की सोच तो लेते है मगर कुछ छात्रों को यह पता नहीं होता की इंजीनियरिंग के प्रकार कितने होते हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत तो तब आती है जब छात्र यह समझ नहीं पाता की स्नातकोत्तर यानि पोस्ट ग्रैजुएशन किससे करें। यहां हम इंजीनियरिंग के अलग-अलग कोर्स के बारे में बता रहे हैं।
कंप्यूटर इंजीनियरिंग
आज के जमाने में कंप्यूटर हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा हो गया है। यह हर रोज किसी न किसी तरह से काम आता है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, अस्पताल, स्पेस सेंटर आदि हर जगह यह मौजूद है। यही कारण है कि कंप्यूटर इंजीनियरिंग का स्कोप भी अधिक माना जाता है। प्रोग्रामिंग, एथिकल हैकिंग में भी इंजीनियरिंग कर सकते है।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
हर एक छोटी से लेकर बड़ी जगह तक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के लोग जरूर मिलते हैं। घर से लेकर बड़ी कम्पनी तक, नासा से लेकर चांद तक हर जगह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग काम आती है। इस प्रकार कह सकते है की अगर किसी ने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है तो उसके पास खासे ऑप्शन मौजूद होंगे।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग
जिनको मशीनों से प्यार है, उनके लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग एकदम सही करियर ऑप्शन है। इस क्षेत्र में आपको मशीनों के बारे में हर एक चीज के सिखाई जाएगी और आप हर समय मशीनों से घिरे रहेंगे।
सिविल इंजीनियरिंग
जब भी कोई भी निर्माण जैसे-रोड, पुल, स्कूल, अस्पताल होता है तो इसकी जिम्मेदारी सिविल इंजीनियर को दी जाती है। पूरे काम की नीति बनाने से लेकर उसको खत्म करने तक की जिम्मेदारी सिविल इंजीनियर की होती है।
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग
पेट्रोलियम इंजीनियरिंग एक ऐसा कोर्स है जिसके बारे में कम लोगों को पता है। जो लोग यह कोर्स करते हैं, उनको ड्रिलिंग और भू-वैज्ञानिक व जियोलोजिकल डाटा एनालिसिस में प्रशिक्षित किया जाता है। पेट्रोलियम इंजीनियर का सबसे महत्वपूर्ण काम जमीन में से पेट्रोल निकाल कर उसको टैंक में सुरक्षित डालने का होता है। पेट्रोलियम इंजीनियरिंग भी एक बेहतर ऑप्शन है।
ओशियन इंजीनियरिंग
ओशियन इंजीनियरिंग को हम महासागर इंजीनियरिंग भी कहते है। जिन लोगों को समुद्र से प्यार है और इंजीनियरिंग की क्षेत्र में कुछ रोचक करना चाहते हैं, उनके लिए ओशियन इंजीनियरिंग अच्छा ऑप्शन है। जिन लोगों को नेवी में जाने का सपना था लेकिन किसी कारण से नेवी में दाखिल नहीं हो पाए, उनके लिए ओशियन इंजीनियरिंग एक अच्छा ऑप्शन है। इसके जरिए वे लोग समुद्र से जुड़े रह सकते हैं।
खेल टेक्नोलोजी इंजीनियरिंग
खेल में तो हर किसी की रुचि होती है लेकिन हर कोई क्रिकेटर या फुटबॉलर नहीं बन सकता। लेकिन ऐसा भी नहीं है की खेल से हमेशा हमेशा के लिए नाता तोड़ लें। इसलिए अगर आपने किसा दबाव में इंजीनियरिंग कर भी ली तो उसके बाद भी आपको अपने पेशन से दूर होने की कोई जरुरत नहीं है क्योंकि आप खेल टेक्नोलोजी में इंजीनियरिंग कर सकते है। इसमें आप लोगों को हर खेल में इस्तेमाल होने वाले खेल के उपकरणों का डिजाइन तथा उनको बनाने को तरीका भी सिखाया जाएगा।
इसके अलावा भी इंजीनियरिंग के बहुत से क्षेत्र है
♦ एयरोनोटिकल इंजीनियरिंग
♦ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग
♦ बायोमेडिकल इंजीनियरिंग
♦ सेरेमिक इंजीनियरिंग
♦ केमिकल इंजीनियरिंग
♦ पर्यावरणीय इंजीनियरिंग
♦ इंडस्ट्रीयल इंजीनियरिंग
♦ इन्सट्रूमेन्टेशन इंजीनियरिंग
♦ मरीन इंजीनियरिंग
♦ मेटलर्जीकल इंजीनियरिंग
♦ माइनिंग इंजीनियरिंग
♦ प्रोडक्शन इंजीनियरिंग
♦ट्रांस्पोर्टेशन इंजीनियरिंग
♦ ऑटोमेशन एण्ड रोबोटिक्स
♦ फूड टेक्नोलोजी
♦ इन्फोरमेशन टेक्नोलोजी
♦ लेदर टेक्नोलोजी
♦ बायोटेक्नोलोजी
♦ प्रिंटिग टेक्नोलोजी
♦ शुगर टेक्नोलोजी
♦ पल्प एण्ड पेपर टेक्नोलोजी
♦ ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
♦ मेटेरियल साइंस एण्ड टेक्नोलोजी
♦ पॉलीमर साइंस एण्ड रबर टेक्नोलोजी
♦ टैक्सटाइल इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नोलोजी
♦ एप्लाइड इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड इंस्ट्रूमेन्टेशन
♦ इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग
♦ हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग
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