
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा जारी आल इंडिया रैंक और जेईई-मेन सेशन-4 के परिणामों में एक ही स्थान पर कई विद्यार्थी रहे। चारों सेशन के परिणामों में 44 विद्यार्थी ऐसे रहे जिन्होंने 100 पर्सेन्टाइल एनटीए स्कोर प्राप्त किया। जारी किए गए परिणामों में जिन विद्यार्थियों ने जेईई-मेन के चारों सेशन की परीक्षाएं दी है उनके चारों परीक्षाओं के उच्चतम एनटीए स्कोर को नार्मेलाइज कर आल इंडिया रैंक जारी की गई है।
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि आल इंडिया रैंक बनाने के दौरान यदि दो विद्यार्थियों का कुल एनटीए स्कोर समान होने पर मैथेमेटिक्स के एनटीए स्कोर देखा गया, उसमें टाई लगने की स्थिति में फिजिक्स के एनटीए स्कोर और उसमे टाई लगने पर अंत में कैमेस्ट्री के एनटीए स्कोर को आल इंडिया रैंक बनाने के लिए आधार बनाया गया। इन सभी स्कोर में भी समानता रहने पर जेईई-मेन आल इंडिया रैंक बनाने के लिए विद्यार्थियों के उत्तरों में ऋणात्मक से धनात्मक रेशो कम वाले विद्यार्थियों को रैंक में प्राथमिकता दी गई है। उपरोक्त सभी मापदण्डों में टाई की स्थिति होने पर समान विद्यार्थियों एक ही आल इंडिया रैंक प्रदान की गई। यही कारण है कि इस वर्ष पहली बार आल इंडिया रैंक-1 पर 18 विद्यार्थी रहे। वहीं अन्य समान रैकों पर भी एक या एक से अधिक विद्यार्थी रहे।
9 लाख 39008 विद्यार्थियों ने दी परीक्षा
आहूजा ने बताया कि जेईई मेन चौथे सेशन की परीक्षा देश के 334 शहरों के 925 परीक्षा केन्द्रों पर संपन्न हुई। इस वर्ष चार सेशन में 26 शिफ्टों में जेईई-मेन परीक्षा आयोजित की गई। इसमें 10 लाख 48 हजार 12 यूनिक कैंडिडेट पंजीकृत थे, इनमें से 9 लाख 39008 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। चारों सेशन में हुई परीक्षा में 2 लाख 52 हजार 954 विद्यार्थी ऐसे थे, जिन्होंने चारों परीक्षाएं दी। पहले सेशन की परीक्षा में 6 लाख 210033, दूसरे सेशन में 5 लाख 56248, तीसरे सेशन में 5 लाख 43553 विद्यार्थी एवं चौथे व अंतिम सेशन में 4 लाख 81419 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। चारों सेशन की परीक्षाओं में 6 लाख 58 हजार 939 छात्र एवं 2 लाख 80 हजार 67 छात्राएं परीक्षा में शामिल हुई, 2 ट्रांसजेंडर विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।
काउंसलिंग में फंस सकता है पेच
अमित आहूजा ने बताया कि आल इंडिया रैंक बनाने के लिए कुल एनटीए स्कोर एवं सब्जेक्टवाइज एनटीए स्कोर में टाई लगने पर आयु के मापदण्ड खत्म करने के बाद बहुत से विद्यार्थियों की समान आल इंडिया रैंक आई है। ऐसे में जोसा काउंसलिंग के दौरान इन समान रैंक वाले विद्यार्थियों को भरी हुई कॉलेज प्राथमिकता सूची (च्वाइस) के अनुसार यदि समान ब्रांच व सीट का आवंटन होता है और वो ब्रांच उस संस्थान की अंतिम ब्रांच हुई तो किसे आवंटित की जाएगी, यह पेच काउंसलिंग के दौरान सामने आ सकता है, जो कि कई विद्यार्थियों के लिए परेशानीदायक हो सकता है, जबकि गत वर्ष तक एनटीए स्कोर में टाई लगने की स्थिति में अधिक आयु को प्राथमिकता देकर रैंक आवंटित की जाती थी, जिससे समान रैंक पर एक से अधिक विद्यार्थी नहीं आते थे।
इस एआईआर पर ये मिलेंगे एनआईटी – ट्रिपलआईटी
एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया की विद्यार्थी जिनकी एआईआर 5 हजार से कम रहेगी उन्हें टॉप 5 एनआईटी तिरछी, वारंगल, सूरतकल, इलाहाबाद, जयपुर ट्रिपलआईटी इलाहाबाद की कोर ब्रांच मिलने की संभावना होगी। विद्यार्थी जिनकी आल इंडिया रैंक 5 से 10 हजार के मध्य रहेगी, उन्हें उपरोक्त टॉप 5 एनआईटी की अन्य ब्रांचों के अतिरिक्त कालीकट, सूरत, नागपुर, भोपाल,कुरूक्षेत्र, राउरकेला जैसे एनआईटी में कोर ब्रांच मिलने की संभावना है। ऐसे विद्यार्थी जिनकी एआईआर 10 से 20 हजार के मध्य आने की संभावना है, उन्हें जालंधर,जमशेदपुर, दिल्ली, गोवा, अगरतला, हमीरपुर, दुर्गापुर जैसे एनआईटी में कोर ब्रांच के साथ-साथ ट्रिपलआईटी ग्वालियर, जबलपुर, पेक चंडीगढ़, बिट्स मिसरा आईआईईएसटी शिवपुर, बिट्स मिसरा, जेएनयू, हैदराबाद यूनिवर्सिटी में कोर ब्रांच मिलने की संभावना रहेगी। विद्यार्थी जिनकी ऑल इंडिया रैंक 20 से 30 हजार के मध्य रहती है उन्हें टॉप 10 एनआईटी की अन्य ब्रांचों के अतिरिक्त पटना, रायपुर, सिल्चर, उत्तराखंड, श्रीनगर, आंध्रप्रदेश, अरूणाचल प्रदेश जैसे एनआईटी की कोर ब्रांचों के साथ-साथ नए ट्रिपलआईटी जैसे तिरछी, नागपुर, पूणे, सूरत, भोपाल, वडोदरा, लखनऊ, रांची, गुवाहाटी आदि मिलने की संभावनाएं बन सकती है। साथ ही 30 से 60 हजार ऑल इंडिया रैंक वाले विद्यार्थियों को टॉप 20 एनआईटी की कोर ब्रांचों के अलावा अन्य ब्रांचों व नोर्थ ईस्ट के एनआईटी जैसे सिक्किम, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम में कोर ब्रांचों के साथ साथ नए ट्रिपलआईटी रांची ,धारवाड़ ,कल्याणी, कुर्नूल,चित्तूर ,नया रायपुर व जीएफटीआई में प्रवेश मिलने की संभावना बन सकती है। यह दी गयी एआईआर पर कॉलेज मिलने की संभावनाएं कैटेगिरी अनुसार सामान्य, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एससी-एसटी के विद्यार्थियों के लिए बदल सकती है।